आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
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वर्ष 2014 से हमारे शहरों और कस्बों के बदलाव के लिए 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया: आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी


शहरी स्थानीय निकायों को अधिक वित्तीय संसाधन और पहुंच प्रदान करने पर बल दिया जा रहा है: श्री हरदीप सिंह पुरी

शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता निर्माण पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता निर्माण योजनाओं के विकास के लिए टूलकिट के साथ आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और छह शहरों की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना जारी की गई

Posted On: 05 OCT 2023 5:10PM by PIB Delhi

आवासन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी ने शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता निर्माण पर राष्ट्रीय कार्यशाला को आज संबोधित किया। श्री पुरी ने अपने संबोधन में कहा, पारंपरिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के संदर्भ में सोचना पर्याप्त नहीं है। वह अतीत की बात थी। इसके बजाय, आइए हम भविष्य की ओर देखें और सेवाओं तक अंतिम स्थान तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक समग्र इकोसिस्टम बनाने; बढ़ी हुई परिचालन क्षमता और डिजिटल प्रौद्योगिकी का एकीकरण करने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा, इन परिणामों को प्राप्त करने के लिए, हमें व्यक्तिगत, संगठनात्मक और संस्थागत रूप से अपनी क्षमताओं में वृद्धि करने की आवश्यकता है। यही इस कार्यशाला का उद्देश्य है।"

मंत्री महोदय ने क्षमता निर्माण कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से, हमारा लक्ष्य देश भर में सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए क्षमता निर्माण के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करना है।

मंत्री महोदय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब भारत को 'असंतुष्ट शहरीकरण करने वाला' के रूप में वर्गीकृत किया जाता था। उन्होंने कहा कि शहरी विकास की दिशा में देश को उपेक्षा का सामना करना पड़ा और वर्ष 2004 से 2014 के बीच शहरी क्षेत्रों में केवल 1.78 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया।

श्री पुरी ने वर्ष 2014 से शहरी विकास के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के शहरी विकास प्रतिमान में एक क्रांति पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि हमारे शहरों और कस्बों के परिवर्तन में वर्ष 2014 से 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।

केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को अधिक वित्तीय संसाधन और पहुंच प्रदान करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग ने वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-2015 की अवधि के बीच शहरी स्थानीय निकायों को 23,111 करोड़ रुपये प्रदान किए गए थे जबकि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-2026 के बीच यह राशि छह गुना बढ़कर 1,55,628 करोड़ रुपये हो गई।

केंद्रीय मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार ने अमृत मिशन के माध्यम से शहरों को पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए बाजारों में जाने के लिए दबाव डाला है। 12 शहरों ने नगरपालिका बांड के माध्यम से 4,384 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से शहरी स्थानीय निकायों की साख बढ़ी है और वे आकर्षक निवेश स्थल बन गए हैं।

श्री हरदीप सिंह पुरी ने शहरी नियोजन में सुधारों पर दिए ध्यान केंद्रित करने के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार ने शहरी नियोजन सुधारों के लिए सीधे राज्य सरकारों को धन वितरित किया है। भवन उपनियमों का आधुनिकीकरण जैसे सुधार; पारगमन-उन्मुख विकास; हस्तांतरणीय विकास अधिकारों को अपनाना; प्रकृति-आधारित समाधानों के माध्यम से नीले और हरित बुनियादी ढांचे का एकीकरण; यथास्थान पुनर्वास के माध्यम से किफायती आवास; क्षमता निर्माण और भर्ती में वृद्धि; जीआईएस-आधारित मास्टर प्लानिंग और ऑनलाइन भवन अनुमति प्रणाली (ओबीपीएस) को प्राथमिकता दी गई है।

मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत पूरे भारत में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए क्षमता निर्माण के लिए एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) और क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) ने संयुक्त रूप से आज राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का प्रमुख ध्यान शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) स्तर पर क्षमता निर्माण पहल को बढ़ाने के लिए चुनौतियों की पहचान करना और समाधान प्रस्तावित करना था, जिससे राष्ट्रीय स्तर की प्राथमिकताओं में योगदान करने की उनकी क्षमता मजबूत हो सके।

कार्यशाला में तीन प्रमुख पहलों अर्थात्, 'आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (एसीबीपी), 6 प्रायोगिक शहरी स्थानीय निकायों (अहमदाबाद, भुवनेश्वर, मैसूरु, राजकोट, नागपुर और पुणे) के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना' और 'व्यापक शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक क्षमता निर्माण योजना तैयार करने के लिए टूलकिट का शुभारंभ किया गया।' केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा, प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री तरूण कपूर, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री मनोज जोशी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने शहरी स्थानीय निकायों की गुणवत्ता और क्षमता बढ़ाने के महत्व पर बल दिया।

इस कार्यक्रम में नगर निगम आयुक्तों/शहरी स्थानीय निकायों, राज्य सरकार, ज्ञान और उद्योग भागीदारों, प्रशिक्षण संस्थानों के संकाय और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और क्षमता निर्माण आयोग के अधिकारियों सहित 250 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में शहरी स्थानीय निकायों के भीतर निरंतर सुधार और नए कौशल पेश करने के महत्व पर बल देते हुए सार्थक बातचीत और चर्चाएं भी हुईं।

कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को 6 प्रायोगिक शहरों (अहमदाबाद, भुवनेश्वर, मैसूर, राजकोट, नागपुर और पुणे) के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना की तैयारी में पहचाने गए दृष्टिकोण, अवलोकन और सीख के बारे में बताया गया, क्षमता निर्माण में सुधार के लिए समाधानों की पहचान की गई और उनका प्रस्ताव दिया गया। शहरी स्थानीय निकाय स्तर पर पहल, शहरी स्थानीय निकाय और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं और संसाधनों को साझा करना, और एक रूपरेखा और दृष्टिकोण बनाना जिसे भविष्य में अन्य शहरी स्थानीय निकायों पर लागू किया जा सकता है। इसके अलावा, छह शहरी स्थानीय निकायों ने अपनी एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच (आईजीओटी) कर्मयोगी यात्रा शुरू की है, जिसमें कुल 3,852 अधिकारियों का नामांकन हुआ है, जिन्होंने सामूहिक रूप से 4,561 से अधिक पाठ्यक्रम पूरे किए हैं।

कार्यशाला मिशन कर्मयोगी के लक्ष्यों, प्रधानमंत्री के नया भारत के दृष्टिकोण को साकार करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि देश भर के शहरी स्थानीय निकाय राष्ट्रीय विकास और शासन में प्रभावी ढंग से योगदान करने के लिए सुसज्जित हैं। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और क्षमता निर्माण आयोग इन उद्देश्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं और भविष्य में सहयोगात्मक प्रयासों के लिए तत्पर हैं।

मिशन कर्मयोगी के बारे में

भारत सरकार ने नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देने और तनाव-संचालित क्षमता निर्माण और मानव संसाधन प्रबंधन के लिए 'नियम-आधारित' से 'भूमिका-आधारित' शिक्षण प्रणाली में बदलाव की सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) - मिशन कर्मयोगी शुरू किया।

यह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक दूरदर्शी पहल है और इसे भारतीय नौकरशाही के भीतर क्षमता निर्माण ढांचे में क्रांति लाने और सुदृढ़ करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मिशन देश के विकास और शासन में प्रभावी ढंग से योगदान देने के लिए सिविल सेवकों को आवश्यक कौशल, ज्ञान और मानसिकता से सुसज्जित करना चाहता है। यह तेजी से विकसित हो रहे राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक उन्नत सिविल सेवा के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

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