स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

डॉ मनसुख मंडाविया ने आरोग्य मंथन 2023 के समापन सत्र की अध्यक्षता की


डॉ मनसुख मंडाविया ने आरोग्य मंथन 2023 में एबी पीएम-जेएवाई और एबीडीएम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को पुरस्कार दिया

"माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'आयुष्मान भारत' बनाने के दृष्टिकोण के साथ पांच साल पहले एबी पीएम-जेएवाई का शुभारंभ किया था, जहां हर नागरिक न केवल स्वस्थ होगा बल्कि स्वास्थ्य पर होने वाले भारी-भरकम खर्च के दबाव से भी मुक्त होगा"

"सभी पात्र लाभार्थियों तक आयुष्मान कार्ड का वितरण सुनिश्चित करना योजना के विकास के लिए मौलिक है"

"48 प्रतिशत से अधिक अधिकृत अस्पताल में प्रवेश का लाभ महिलाओं द्वारा उठाया गया है, जबकि पीएम-जेएवाई के तहत 141 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाएं विशेष रूप से महिलाओं के लिए निर्धारित हैं"

Posted On: 26 SEP 2023 7:17PM by PIB Delhi

"माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'आयुष्मान भारत' बनाने के दृष्टिकोण के साथ पांच साल पहले आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई की शुरुआत की, जहां हर नागरिक न केवल स्वस्थ हो बल्कि स्वास्थ्य देखभाल को लेकर होने वाले खर्च के बोझ से भी मुक्त हो।" डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज यहां आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई के 5 साल पूरे होने और आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के दो साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय आरोग्य मंथन 2023 के समापन सत्र में यह बात कही। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल; इस अवसर पर असम के स्वास्थ्य मंत्री श्री केशब महंत और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ मंडाविया ने कहा कि आरोग्य मंथन के दो दिन देश की सबसे गरीब और कमजोर आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का एक उत्कृष्ट अवसर साबित हुए हैं। उन्होंने कहा, “जब पीएम-जेएवाई  का शुभारंभ किया गया था, तो स्वास्थ्य कई लोगों के एजेंडे में शीर्ष पर नहीं था। लेकिन आज, हम अपनी यात्रा में एक लंबा सफर तय कर चुके हैं, अस्पतालों में 5.6 करोड़ भर्ती के साथ 69,000 करोड़ रुपए के साथ हमने एक मिसाल कायम की है। हम एबी पीएम-जेएवाई का परिवर्तनकारी मूल्य देख सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से कई अस्पतालों में भर्ती का लाभ जीवन-घातक बीमारियों के लिए लिया गया है, जिनके उपचार की कुल लागत 1.5 - 2 गुना अधिक होती यदि लाभार्थियों ने एबी-पीएम-जेएवाई के दायरे से बाहर अपने दम पर समान उपचार का खर्च का बोझ उठाया होता।

दो दिवसीय आरोग्य मंथन 2023 कार्यक्रम के समापन दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पुरस्कृत किया। एबी-पीएम-जेएवाई की विभिन्न पुरस्कार श्रेणियों में, "सर्वोच्च आयुष्मान कार्ड निर्माण" का पुरस्कार असम, नागालैंड और जम्मू और कश्मीर द्वारा अर्जित किया गया था। कर्नाटक और त्रिपुरा ने "सार्वजनिक अस्पतालों में उपयोग के उच्चतम प्रतिशत" के लिए प्रशंसा हासिल की।

एबीडीएम के लिए आंध्र प्रदेश को "एबीएचए के साथ स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ने में शीर्ष राज्य" के रूप में सम्मानित किया गया, जबकि उत्तर प्रदेश कई पुरस्कार श्रेणियों में "एबीएचए स्कैन और शेयर टोकन के निर्माण में शीर्ष राज्य" के रूप में उभरा है।

उत्कृष्ट राज्यों, जिलों, इंटीग्रेटर्स और स्वास्थ्य सुविधाओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए डॉ. मंडाविया ने महिलाओं को स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय बातचीत में सबसे आगे और केंद्र में रखने में आयुष्मान भारत पहल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि “पीएम-जेएवाई आईटी प्लेटफॉर्म के तहत सत्यापित आयुष्मान कार्ड प्राप्तकर्ताओं में लगभग 49 प्रतिशत महिलाएं हैं। 48 प्रतिशत से अधिक अधिकृत अस्पताल में भर्ती होने का लाभ महिलाओं द्वारा उठाया गया है, जबकि पीएम-जेएवाई के तहत 141 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाएं विशेष रूप से महिलाओं के लिए निर्धारित हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "सभी पात्र लाभार्थियों तक आयुष्मान कार्ड की डिलीवरी सुनिश्चित करना योजना के विकास के लिए मौलिक है"। इस नोट पर उन्होंने दो नई पहलों के शुभारंभ की ओर इशारा किया, एनएचए द्वारा शुरू की गई आयुष्मान (एडीए 3.0) और 13 सितंबर 2023 को भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा शुरू किया गया 'आयुष्मान भव' अभियान। देश में इन पहलों के जरिये स्वास्थ्य कवरेज बढ़ावा दिया जा रहा है।

डॉ. मंडाविया ने यह भी कहा कि एबीडीएम, जिसे 27 सितंबर 2021 को शुरू किया गया था, एक बहुत ही महत्वाकांक्षी सरकारी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल इकोसिस्टम में सभी महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को जोड़ने वाले एक डिजिटल ढांचे का निर्माण करना है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले दो वर्षों में 45 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि, “इन एबीएचए खातों को 30 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड से जोड़ा गया है। यह योजना डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार करने का प्रयास करती है”।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जितनी पुरानी है, देश में इस योजना की पहली लाभार्थी 5 साल की करिश्मा को आज आरोग्य मंथन 2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मंडाविया ने सम्मानित किया।

 

प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने पूरे देश में सुलभ स्वास्थ्य देखभाल के माननीय प्रधानमंत्री के विजन के लक्ष्य को हासिल करने में सूचना प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आने वाले वर्षों में भारत के हर गांव को हाई-स्पीड ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से जोड़ने की योजना की भी रूपरेखा तैयार की, एक ऐसा विकास जो व्यापक कनेक्टिविटी और स्वास्थ्य सेवाओं तक निरंतर पहुंच सुनिश्चित करेगा।

 

डॉ वी के पॉल ने कहा कि एबी पीएम-जेएवाई और एबीडीएम केंद्र सरकार की दो अग्रणी स्वास्थ्य पहल हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र से इन दोनों पहलों में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने इलाज व्यय बचाने के लिए चिकित्सा उपकरणों की रणनीतिक खरीद पर भी जोर दिया।

श्री केशब महंत ने ऐतिहासिक आयुष्मान भारत पहल लाने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दोनों योजनाओं का दायरा बढ़कर असम की 84 प्रतिशत आबादी को इसमें शामिल कर लिया गया है।

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के अतिरिक्त सीआईओ डॉ. बसंत गर्ग, राज्यों के प्रधान स्वास्थ्य सचिव, एनएचएम एमडी, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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