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भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ओआईएमएल (इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर लीगल मेट्रोलॉजी) प्रमाणपत्र जारी करने वाला दुनिया का 13वां देश बना


घरेलू निर्माता अब वजन और माप के अपने उपकरणों का परीक्षण भारत में करा सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेच सकते हैं

इससे अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं को भारत में अपने उपकरणों का परीक्षण कराने की सुविधा मिलेगी, जिससे भारत के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और रोजगार की प्राप्ति होगी

Posted On: 14 SEP 2023 6:41PM by PIB Delhi

ओआईएमएल एक अंतर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी। भारत 1956 में इसका सदस्य बना। इसके 63 सदस्य देश और 64 सहयोगी सदस्य हैं। भारत अब विश्व में कहीं भी बाट और मापन उपकरणों को बेचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत ओआईएमएल प्रमाण पत्र जारी करने वाला प्राधिकरण बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में वज़न या माप बेचने के लिए ओआईएमएल मॉडल अनुमोदन प्रमाणपत्र अनिवार्य है। यह अब उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा प्रदान किया जा सकता है।

भारत ओआईएमएल की अनुशंसाओं तथा वजन एवं माप के परीक्षण और कैलिब्रेशन की प्रक्रियाओं का पालन करता है। वैधानिक भार एवं मापन (लीगल मेट्रोलॉजी) की क्षेत्रीय संदर्भ मानक प्रयोगशालाओं द्वारा तैयार की गई रिपोर्टें अब ओआईएमएल जारी करने वाले अधिकारियों को स्वीकार्य हैं। इसके साथ ही भारत अब ओआईएमएल प्रारूप वाले अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकरण है और स्वदेशी निर्माताओं के लिए सहायता प्रणाली के रूप में कार्य कर सकता है। घरेलू निर्माता अब किसी अतिरिक्त परीक्षण शुल्क के बिना ही अपने भार और माप उपकरणों को विश्व भर में निर्यात कर सकते हैं जिससे लागत में महत्वपूर्ण बचत होगी।

भारत अब क्षेत्रीय संदर्भ मानक प्रयोगशालाओं (आरआरएसएलएस) से ओआईएमएल प्रारूप वाले अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी करके विदेशी निर्माताओं का भी समर्थन कर सकता है। विदेशी निर्माताओं को भार एवं माप के ओआईएमएल प्रमाण पत्र जारी करके भारत अब शुल्क आदि से भी विदेशी मुद्रा का अर्जन कर सकेगा।

अब भारत ओआईएमएल की नीतियों को प्रभावित करने के साथ ही ओआईएमएल की रणनीति में भी अपने सुझाव दे सकता है। यह व्यवस्था ओआईएमएल सदस्य देशों में इस संगठन के प्रमाण पत्र जारीकर्ता प्राधिकारियों द्वारा निर्गत ओआईएमएल प्रमाण पत्रों को अन्य प्रतिभागियों द्वारा माप उपकरणों के लिए राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय प्रकार के अनुमोदन जारी करने के आधार के रूप में स्वीकार करने की अनुमति प्रदान करती है। इस प्रकार ओआईएमएल के अन्य सदस्य देश इन प्रमाण पत्रों पर विश्वास करके महंगी परीक्षण सुविधा की आवश्यकता के बिना ही राष्ट्रीय प्रकार के अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं।

भारत अब आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, चीन, चेक गणराज्य, जर्मनी, डेनमार्क, फ्रांस, ब्रिटेन (युनाइटेड किंगडम), जापान, नीदरलैंड्स, स्वीडन और स्लोवाकिया सहित उन देशों के एक विशिष्ट समूह का हिस्सा बन गया है और अब विश्व में 13 वां ऐसा देश है जो ओआईएमएल अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत हैं।

आज हम गर्व से भारत के विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ओआईएमएल प्रमाण पत्र जारी करने वाले प्राधिकारियों की उस श्रेणी में पहुंचने की घोषणा करते हैं जो गुणवत्ता के मानकों एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधा के प्रति हमारे देश की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

सचिव (उपभोक्ता मामले) श्री रोहित कुमार सिंह ने आज एक सम्मेलन में प्रेस के साथ इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को साझा किया और इस दौरान इस उपलब्धि के महत्व को समझाने के लिए एक प्रस्तुति के साथ ही वीडियो जारी किया गया।

ओआईएमएल-सीएस के कार्यकारी सचिव श्री पॉल डिक्सन भी विवरण देने के लिए ओआईएमएल के पेरिस मुख्यालय से वर्चुअल रूप में इस सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने ओआईएमएल प्रमाण पत्र जारी करने वाले प्राधिकरण के रूप में भारत की भूमिका की फिर से पुष्टि की और इस क्षेत्र में निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।

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