शिक्षा मंत्रालय

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने मेटा के साथ 3 साल की साझेदारी शुरू की, शिक्षा से उद्यमिता तक: छात्रों, शिक्षकों और उद्यमियों की एक पीढ़ी का सशक्तिकरण


'शिक्षा से उद्यमिता' के माध्यम से डिजिटल कौशल को जमीनी स्तर तक ले जाने, छात्रों, युवाओं, कार्यबल और सूक्ष्म उद्यमियों को भविष्य की तकनीकों से जोड़ा जाएगा- श्री धर्मेंद्र प्रधान

पूरे समाज के लिए प्रौद्योगिकी को समान बनाने के लिए भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता को प्रौद्योगिकी से जोड़ा जाएगा - श्री धर्मेंद्र प्रधान

एनआईएसईबीयूडी, एआईसीटीई, सीबीएसई और मेटा के बीच 3 आशय पत्रों का आदान-प्रदान किया गया

Posted On: 04 SEP 2023 3:55PM by PIB Delhi

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और मेटा के बीच 3 साल की साझेदारी "शिक्षा से उद्यमिता: छात्रों, शिक्षकों और उद्यमियों की एक पीढ़ी का सशक्तिकरण" की शुरुआत की। मेटा और एनआईईएसबीयूडी, एआईसीटीई और सीबीएसई के बीच 3 आशय पत्रों (एलओआई) का आदान-प्रदान किया गया। शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज शुरू की गई पहल भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने और हमारी अमृत पीढ़ी को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए है।

उन्होंने यह भी कहा कि 'एजुकेशन टू एंटरप्रेन्योरशिप' साझेदारी एक गेम-चेंजर है, जो डिजिटल स्किलिंग को जमीनी स्तर तक ले जाएगी। यह हमारे प्रतिभा पूल की क्षमताओं का निर्माण करेगा, छात्रों, युवाओं, कार्यबल और सूक्ष्म-उद्यमियों को भविष्य की प्रौद्योगिकियों के साथ सहजता से जोड़ेगा और हमारी अमृत पीढ़ी को नए युग के समस्या समाधानकर्ताओं और उद्यमियों में बदल देगा।

उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता को प्रौद्योगिकी रूपांतरण से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि प्रौद्योगिकी पूरे समाज के लिए समतुल्य बन जाए। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सिद्धांतों से प्रेरित होकर, एनआईईएसबीयूडी, सीबीएसई और एआईसीटीई के साथ मेटा की साझेदारी हमारी आबादी को महत्वपूर्ण डिजिटल कौशल से लैस करने और सूक्ष्म उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने के लिए अनंत संभावनाओं को उत्प्रेरित करेगी।

श्री राजीव चन्द्रशेखर ने अपने संबोधन में कहा कि तेजी से बदलते समय में हमारे युवाओं और कार्यबल को सफल होने और प्रौद्योगिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के उभरते परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कौशल से लैस करने के लिए तैयार करने पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डिजिटल कौशल, नवाचार इको-सिस्टम में कौशल और उद्यमिता का प्रतिनिधित्व करते हुए, अधिक महत्वपूर्ण रूप से लाखों छोटे ग्रामीण, सूक्ष्म और स्व-रोज़गार उद्यमियों के बीच एक पुल का प्रतिनिधित्व करता है, जो उन्हें विस्तारित करने, विकसित और सफल होने में सक्षम बनाता है।

एक वीडियो संदेश में मेटा के ग्लोबल अफेयर्स अध्यक्ष, सर निक क्लेग ने कार्यबल के दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों, शिक्षा और कौशल के बीच साझेदारी को एक साथ लाने में उनके समर्थन के लिए श्री धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत का प्रतिभा आधार और तेजी से डिजिटल अपनाना इसे उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। वे भारत के छात्रों, युवाओं और उद्यमियों को सशक्त बनाने में मेटा के योगदान की आशा करते हैं, जिसमें भारतीय स्टार्टअप और व्यवसायों के लिए कौशल विकास पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया गया है, उन्होंने शिक्षा, रोजगार सृजन, कौशल विकास और उपयोगकर्ता सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में जी-20 अध्यक्षता के दौरान भारत के साथ मिलकर काम किया है।

राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) के साथ साझेदारी के तहत, अगले 3 वर्षों में 5 लाख उद्यमियों को मेटा द्वारा डिजिटल मार्केटिंग कौशल तक पहुंच मिलेगी। शुरुआत में उभरते और मौजूदा उद्यमियों को 7 क्षेत्रीय भाषाओं में मेटा प्लेटफॉर्म का उपयोग करके डिजिटल मार्केटिंग कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा। साझेदारी के बारे में विवरण पर प्रकाश डालते हुए तीन लघु फिल्में भी प्रदर्शित की गईं।

उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री के. संजय मूर्ति, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री संजय कुमार, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम, एनएएसी के राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम एनबीए के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष श्री सुभ्रकांत पांडा और मंत्रालयों, एआईसीटीई, सीबीएसई, राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) के वरिष्ठ अधिकारी, मेटा के भारत और दक्षिण एशिया की सार्वजनिक नीति के निदेशक श्री शिवनाथ ठुकराल और मेटा इंडिया की उपाध्यक्ष संध्या देवनाथन भी उपस्थित थीं।

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