पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का कांडला, गुजरात में 4,243.64 करोड़ रूपये की मेगा टर्मिनल परियोजना के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी की दिशा में बड़ा कदम


दीनदयाल पोर्ट और डी पी वल्र्ड के बीच टुना टेकरा, डीपीए, गुजरात में मेगा कंटेनर टर्मिनल के लिये रियायत समझौते पर हस्ताक्षर

नई पीढ़ी का यह नया कंटेनर टर्मिनल उत्तरी, पश्चिमी और मध्य भारत की भविष्य की व्यापार मांग को पूरा करेगा और इन क्षेत्रों को वैश्विक बाजार से जोड़ेगा

‘‘यह परियोजना प्रधानमंत्री के अमृतकाल दृष्टिकोण 2047 के अनुरूप है, इससे पत्तन में माल लदान-उतरान क्षमता चार गुणा बढ़ जायेगी और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये मल्टी-मॉडल लाजिस्टिक्स अवसंरचना को विकसित किया जा सकेगा’’- श्री सर्बानंद सोनोवाल

Posted On: 26 AUG 2023 6:22PM by PIB Delhi

कंटेनर टर्मिनल की मुख्य विशेषताएं

- 21.90 लाख टीईयू की वार्षिक क्षमता

- नई पीढ़ी के जलपोतों के लिये 1,100 एम बर्थ

- हरित पत्तन दिशानिर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन

- टर्मिनल उत्तरी, पश्चिम और मध्य भारत को वैश्विक बाजार से जोड़ेगा

- परियोजना से पत्तन क्षमता चार गुणा बढ़ेगी जो कि भारत 2047 दृष्टिकोण के अनुरूप है

- यह टर्मिनल राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का हिस्सा है जो कि पीएम गति शक्ति की पूरक होगी

केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री श्री सरबानंद सोनोवाल और डी पी वर्ल्ड के ग्रुप चेयरमैन और सीईओ महामहिम सुल्तान अहमद बिन सुलायेम, डी पी वल्र्ड के सीईओ और प्रबंध निदेशक, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और भारत श्री रिजवान सूमर, आईएफएस के चेयरपर्सन श्री संजय मेहता और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में दीनदयान पत्तन प्राधिकरण और डी पी वर्ल्ड के बीच नयी दिल्ली में एक रियायती समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।

टुना-टेकरा में बनने वाला यह अत्याधुनिक सुविधाओं वाला कंटेनर टर्मिनल उत्तरी, पश्चिमी और मध्य भारत की भविष्य की व्यापार मांग को पूरा करेगा और साथ ही इन क्षेत्रों को वैश्विक बाजारों से जोड़ेगा।

टुना-टेकरा के मौजूदा दीनदयाल पत्तन के नजदीक ही सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये 4,243.64 करोड़ रूपये (510 मिलियन डालर) की लागत से बनने वाली इस परियोजना में एक मेगा कंटेनर टर्मिनल का निर्माण शामिल है। टर्मिनल तैयार हो जाने पर इसकी वार्षिक मालवहन क्षमता 21.90 लाख, बीस फुट लंबाई वाले कंटेनर (टीईयू) हो जायेगी और इसमें 1,100एम का बर्थ होगा जहां नई पीढ़ी के 18,000 टीईयूएस से अधिक कंटेनर ढुलाई करने वाले जलपोत भी माल का लदान-उतरान कर सकेंगे।

इस कंटेनर टर्मिनल के तैयार हो जाने के बाद मालगोदाम जैसी कई सहायक सेवाओं के पूर्ण होने से कच्छ के इस समूचे क्षेत्र का आर्थिक परिवेश बदल जायेगा। इसके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोगों के लिये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

कांडला में व्यवसायिक संभावनओं को बढ़ाने वाली इस परियोजना से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजन होगा। यह कंटेनर टर्मिनल पूरी तरह से हरित पत्तन दिशानिर्देशों का अनुपालन करने वाला होगा। टर्मिनल पत्तन पर्यावरण प्रबंधन के सबसे बेहतर व्यवहारों को अपनाते हुये पत्तन संचालन में निरंतरता को सुनिश्चित करेगा और भारत सरकार द्वारा तय दीर्घकालिक निरंतरता लक्ष्यों को हासिल करने में योगदान करेगा।

यह रियायती समझौता पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा 17 से 19 अक्टूबर 2023 को नयी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित होने वाले वैश्विक समुद्रीय शिखर सम्मेलन 2023 के लिये केन्द्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा तय 10 लाख करोड़ रूपये से अधिक की निवेश संभावनाओं की पहचान करने के विशाल लक्ष्य का भाग है। सम्मेलन में दुनियाभर में समुद्री क्षेत्र में अपनाये जाने वाले बेहतर समाधानों को प्रदर्शित किया जायेगा, निवेश भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और सामूहिक भविष्य के लिये नया और बेहतर मार्ग तय होगा। वैश्विक समुद्रीय निवेश सम्मेलन 2023, समुद्री आर्थिकी के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 60 से अधिक देशों, प्रदर्शकों और निवेशकों को एक मंच प्रदान करेगा।

कार्यक्रम के दौरान श्री सोनोवाल ने कहा, ‘‘जिस परियोजना के लिये आज समझौते पर हस्ताक्षर किये गये उसे हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में अक्टूबर 2022 में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में पीपीपी मॉडल के तहत अनुमति दी गई थी। परियोजना से भारत में कंटेनर के जरिये व्यापार वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह परियोजना माननीय प्रधानमंत्री के अमृतकाल के दृष्टिकोम 2047 से जुड़ी है, और इससे पत्तन क्षमता चार गुणा तक बढ़ जायेगी तथा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये मल्टी मॉडल अवसंरचना विकसित होगी। इस परियोजना से कांडला पत्तन में भीड़ भाड़ कम होगी, गहरे जलक्षेत्र में चलने वाले जलपोत भी पत्तन तक आवागमन कर सकेंगे, माल लदान-उतरान का समय आधे से -1 दिन कम होगा और पत्तन एक मेगा पोर्ट बनने की दिशा में अग्रसर होगा। संपूर्ण रुप से पत्तन की परिचालन क्षमता बेहतर होगी।’’

पत्तन के बारे में:

दीनदयाल पत्तन देश के पश्चिमी तट क्षेत्र में गुजरात राज्य की कच्छ की खाड़ी स्थित भारत के 12 प्रमुख बंदरगाहों में से एक है। दीनदयाल पत्तन प्राथमिक तौर पर चैतरफा भूमि से घिरे जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित उत्तर भारत के राज्यों की व्यापार जरूरतों को पूरा करता रहा है।

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रणनीतिक स्थिति को देखते हुये यह कंटेनर टर्मिनल देश में कंटेनर लाजिस्टिक्स की लागत को कम करने में मदद करेगा। डीप डाफ्ट और माल लदान-उतरान की आधुनिक तकनीक के साथ इस कंटेनर टर्मिनल द्वारा उत्पादकता और कारोबार सुगमता के मामले में नये कीर्तिमान स्थापित किये जाने की उम्मीद है। इस कंटेनर टर्मिनल के साथ ही माल गोदाम बनने सहित कई अन्य सहायक सेवाओं के अस्तित्व में आने से कच्छ क्षेत्र का आर्थिक कायाकल्प होने की उम्मीद है। इसके साथ ही लाखों लोगों के लिये यहां प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार अवसरों का भी सृजन होगा। कंटेनर टर्मिनल के बनने से गुजरात में ढांचागत सुविधाओं के विकास को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इससे राज्य में कच्छ के अलावा अन्य क्षेत्रों के विकास में भी सहायता मिलेगी।

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