विधि एवं न्‍याय मंत्रालय

फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (एफटीएससी) नई ऊंचाइयां हासिल कर रहे हैं

Posted On: 24 AUG 2023 2:52PM by PIB Delhi

कानून और विधि मंत्रालय के न्याय विभाग की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत , फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (एफटीएससी) ने 30 जून, 2023 तक दुष्कर्म और पोक्सो अधिनियम के 1.74 लाख मामलों का निपटारा किया और पीड़ितों को त्वरित न्याय प्रदान किया।

 

महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के प्रयोजन को आगे बढ़ाते हुए  सरकार ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 पारित करके दुष्कर्म के अपराधियों के लिए मृत्यु दंड सहित कड़ी सजा का प्रावधान किया। यौन अपराधों की घटनाओं और अभियुक्तों की दीर्घकालिक सुनवाइयों की वजह से समर्पित न्यायिक तंत्र की आवश्यकता पड़ी जिससे कि पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान की जा सके। अक्टूबर 2019 से न्याय विभाग यौन अपराधों से संबंधित त्वरित सुनवाई के लिए देश भर में 389 विशेष पोक्सो  अदालतों सहित 1023 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (एफटीएससी) की स्थापना के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना लागू कर रहा है। प्रत्येक न्यायालय में एक न्यायिक अधिकारी और सात कर्मचारी सदस्य शामिल हैं। 31 पात्र राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से 28 इस योजना में शामिल हो गए हैं। पुदुचेरी ने इस योजना में शामिल होने के लिए एक विशेष अनुरोध किया और मई, 2023 में एक विशेष पोक्सो  न्यायालय को प्रचालनगत किया गया।

यह योजना प्रारंभ में एक वर्ष की अवधि के लिए थी, जो दो वित्तीय वर्षों 2019-20 और 2020-21 तक विस्तारित थी। 474 करोड़ रूपये की केंद्रीय हिस्सेदारी, जिसे निर्भया फंड से पूरा किया जाना था, के साथ इसका कुल परिव्यय 767.25 करोड़ रुपये का था। मंत्रिमंडल ने 971.70 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ कुल 1572.86 करोड़ रूपये के बजटीय परिव्यय से एफटीएससी की योजना को दो साल यानी मार्च, 2023 तक जारी रखने की स्वीकृति दी। योजना का आगे का विस्तार प्रक्रियाधीन है।

केंद्रीय हिस्से के रूप में राज्यों को वित्त वर्ष 2019-20 में 140 करोड़ रूपये, वित्त वर्ष 2020-21 में 160.00 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2021-22 में 134.56 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2022-23 में 200.00 करोड़ रुपये जारी किए गए।

जून 2023 तक, 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 412 विशिष्ट पोक्सो  न्यायालयों सहित 763 एफटीएससी कार्यरत हैं, जिन्होंने 1,74,000 से अधिक लंबित मामलों का निपटारा किया है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 200.00 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है, जिसमें से 100.37 करोड़ रूपये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ऐसे एफटीएससी के कामकाज के लिए धनराशि के केंद्रीय हिस्से के रूप में 31 जुलाई, 2023  तक जारी किया गया है।

योजना के ठोस कार्यान्वयन के लिए, इस विभाग ने मामलों की संख्या की मासिक निगरानी के लिए एक ऑनलाइन निगरानी संरचना बनाई है। उच्च न्यायालयों के महापंजीयकों और राज्य पदाधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें की जा रही हैं।

******

एमजी/एमएस/आरपी/एसकेजे/एसके/डीए



(Release ID: 1951752) Visitor Counter : 294


Read this release in: English , Urdu , Marathi , Tamil