विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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सीआरटीडीएच-भारतीय विषविज्ञान संस्थान, लखनऊ में "एमएसएमई को सशक्त बनाने वाले सीआरटीडीएच" पर चिंतन शिविर का उद्घाटन कल

Posted On: 23 AUG 2023 4:55PM by PIB Delhi

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के बीच औद्योगिक अनुसंधान को पोषित करने और अभिनव उत् पादों और प्रक्रियाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की दृष्टि से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) एक ऐसी योजना कार्यान्वित कर रहा है जो सामान्य अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास केन्द्रों (सीआरटीडीएच) के सृजन में सहायता करती है। सीआरटीडीएच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों द्वारा उपयोग के लिए समर्पित हैं। डीएसआईआर ने इलेक्ट्रॉनिक्स/नवीकरणीय ऊर्जा, किफायती स्वास्थ्य, पर्यावरणीय हस्तक्षेप, कम लागत वाली मशीनिंग और नई सामग्री/रासायनिक प्रक्रियाओं जैसे पांच क्षेत्रों में देश भर में 18 सीआरटीडीएच स्थापित किए हैं। देश भर में स्थापित सीआरटीडीएच का उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना, एमएसएमई के नवचारी कौशल को बढ़ाना तथा उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने और रोजगार पैदा करने में सहायता करना है। सीआरटीडीएच उन उत्पादों और सेवाओं के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देते हैं और नेतृत्व करते हैं जो डीएसआईआर-सीआरटीडीएच के माध्यम से "वोकल फॉर लोकल" और "आत्मनिर्भर भारत" की गति को मजबूत करते हैं।

डीएसआईआर ने सीआरटीडीएच और एमएसएमई/स्टार्ट-अप/इनोवेटर्स के बीच पारस्परिक बातचीत को मजबूत करने के लिए सभी 18 सीआरटीडीएच में "एमएसएमई को सशक्त बनाने वाले चिंतन शिविर-सीआरटीडीएच" आयोजित करने की योजना बनाई है। इस श्रृंखला में पहला "चिंतन शिविर" 27 जुलाई, 2023 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (आईआईटी खड़गपुर) में स्थापित डीएसआईआर-सीआरटीडीएच में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। दूसरा एक दिवसीय 'चिंतन शिविर- सीआरटीडीएच एमएसएमई को सशक्त बनाना' 24 अगस्त 2023 को डीएसआईआर के साथ भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में सीआरटीडीएच द्वारा आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम अतिथियों और प्रतिनिधियों के नेतृत्व में सीआरटीडीएच सुविधाओं के संक्षिप्त दौरे के साथ प्रारंभ होगा। कार्यक्रम का उद्घाटन डीएसआईआर की सचिव और सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलाईसेल्वी करेंगे। सत्र की शुरुआत आईआईटीआर, लखनऊ के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण द्वारा की जाएगी और डीएसआईआर की वैज्ञानिक-जी और सीआरटीडीएच की प्रमुख डॉ. सुजाता चकलानोबिस द्वारा चिंतन शिविर का अवलोकन किया जाएगा। डीएसआईआर के सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक इस कार्यक्रम के दौरान डीएसआईआर-सीआरटीडीएच-आईआईटीआर, लखनऊ का एक वीडियो भी जारी करेंगे। इस कार्यक्रम में डीएसआईआर की सचिव और सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलाईसेल्वी, आईआईटीआर, लखनऊ के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण , वैज्ञानिक–जी और सीआरटीडीएच प्रमुख डॉ. सुजाता चकलानोबिस, और वरिष्ठ अधिकारी डॉ. रंजीत बैरवा, डीएसआईआर से डॉ. कैलाश पेटकर के साथ डॉ. पार्थसारथी, पीआई-सीआरटीडीएच और उनकी टीम शामिल होगी। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रतिनिधि और वाणिज्य मंडलों तथा उद्योग संघों के प्रतिनिधि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेंगे और अपने अनुसंधान एवं विकास प्रयासों में सीआरटीडीएच का लाभ प्राप्त करेंगे।

विषयगत सत्र सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ के निदेशक द्वारा सीआरटीडीएच-आईआईटीआर, लखनऊ में भविष्य के प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों के अवलोकन पर केंद्रित होंगे, इसके बाद एमएसएमई कनेक्ट और अवसरों का पता लगाने के लिए डॉ. पार्थसारथी द्वारा आईआईटीआर, लखनऊ में सीआरटीडीएच की गतिविधियों पर संक्षिप्त जानकारी दी जाएगी। एमएसएमई के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए उनके बीच एक ब्रेकआउट सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसके बाद लघु प्रस्तुति आयोजित की जाएगी। ये चर्चाएं एमएसएमई/स्टार्टअप/इनोवेटर्स की बड़ी चुनौतियों की पहचान करने और सीआरटीडीएच से संभावित समाधानों को संबोधित करने के लिए एक "संवाद" का नेतृत्व करेंगी। ये सत्र देश में एमएसएमई को सशक्त बनाने में सीआरटीडीएच की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे। उद्योग संघों के प्रतिनिधि अपनी अनुसंधान और विकास आवश्यकताओं को प्राप्त करने में एमएसएमई की आवश्यकता पर अंतर्दृष्टि भी प्रस्तुत करेंगे।

इस आयोजन में एमएसएमई/स्टार्ट-अप/इनोवेटर्स के साथ इंटरैक्टिव सत्र होंगे, जिनका उद्देश्य उनके सामने आने वाली चुनौतियों के संभावित समाधानों तक पहुंचने के साथ-साथ डीएसआईआर-सीआरटीडीएच-आईआईटीआर, लखनऊ, एमएसएमई और अन्य हितधारकों के बीच तालमेल बनाना है।

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एमजी/एमएस/आरपी/एजी/डीके


(Release ID: 1951534)
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