रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह  का 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सैनिकों को रेडियो संदेश: सरकार भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों और प्रशिक्षण से लैस करने के लिए सभी प्रयास कर रही है


“सैनिकों का ध्यान रखना सरकार की बड़ी जिम्मेदारी है”

“अगर कोई भारत पर बुरी नजर डालने की कोशिश करेगा तो हमारी सशस्त्र सेनाएं उसका मुंहतोड़ जवाब देंगी”

Posted On: 14 AUG 2023 7:17PM by PIB Delhi

सरकार देश को भविष्य की सभी चुनौतियों से बचाने के लिए अत्याधुनिक हथियारों और सर्वोत्तम प्रशिक्षण के साथ सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। यह बात रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 14 अगस्त, 2023 को 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आकाशवाणी के माध्यम से सैनिकों को अपने संदेश के दौरान कही।

रक्षा मंत्री ने कहा, “सशस्त्र बल अपना सर्वश्रेष्ठ तभी दे सकते हैं जब उन्हें सर्वोत्तम उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। ये कदम सैनिकों का मनोबल बढ़ाते हैं, उन्हें चुनौतियों से उबरने और विजयी होने में मदद करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार सेना को विश्व स्तरीय उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, ताकि देश भविष्य की सभी चुनौतियों से पार पा सके। नई उभरती जरूरतों के अनुसार नई शाखाएं और क्षेत्र बनाए जा रहे हैं।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज सशस्त्र बलों को सिमुलेटर और अन्य आधुनिक तकनीकों के साथ प्रशिक्षित किया जा रहा है और दुनिया भर में मित्र देशों के साथ कई अभ्यासों के माध्यम से उनकी क्षमताओं को बढ़ाया जा रहा है। साथ ही, विशिष्ट प्रणालियों, नई विकासशील प्रौद्योगिकियों और युद्ध की बदलती अवधारणाओं पर प्रशिक्षण पर भी ध्यान  दिया जा रहा है, जो समय की आवश्यकता है।  इसके लिए, देश के साथ-साथ विदेश में, जहां भी सर्वोत्तम प्रशिक्षण उपलब्ध है, बड़ी संख्या में कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।''

हाल के वर्षों में पूर्व सैनिकों के लिए उठाए गए विभिन्न कल्याणकारी उपायों पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, केवल सेवा के दौरान बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद भी सैनिकों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन लोगों की देखभाल करें जो अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी देखभाल करते हैं। सरकार ने पिछले नौ वर्षों में सैनिकों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सशक्त बनाने के लिए कई उपाय किए हैं।

श्री राजनाथ सिंह ने बताया कि वन रैंक वन पेंशन योजना के लिए सशस्त्र बलों की लंबे समय से लंबित मांग को सरकार ने 2014 में सत्ता में आते ही पूरा कर दिया। उन्होंने  कहा, “योजना को इस वर्ष संशोधित किया गया है और 17 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को 8,413 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर रक्षा मंत्री ने कहा, सेना को महिलाओं के लिए एक न्यायसंगत और बेहतर कार्यस्थल बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना ने इस साल पहली बार महिला अधिकारियों को आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया है। आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों की नियुक्ति सेना में लैंगिक समानता की दिशा में हमारी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का एक बड़ा प्रमाण है। हमारी सरकार ने देश की प्रतिभाशाली बेटियों को सैनिक स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। आज देशभर के विभिन्न सैनिक स्कूलों में 1,600 से अधिक लड़कियां शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। इससे देश की रक्षा में बहादुर बेटियों की भागीदारी और बढ़ेगी और आने वाले समय में वे नई ऊंचाइयां हासिल करेंगी।

भारत की संप्रभुता और स्वतंत्रता को बनाए रखने में सैनिकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा, राष्ट्र अपने वीर सैनिकों के साथ खड़ा है जो अपनी सुख-सुविधाओं की परवाह किए बिना, अपनी जान जोखिम में डालकर सीमाओं की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से एक शांतिप्रिय राष्ट्र रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह बुरी नजर डालने वालों को बख्श देगा। उन्होंने कहा, “हम केवल शांति चाहते हैं बल्कि अपने कार्यों के माध्यम से शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त करते हैं। लेकिन साथ ही, हम यह भी स्पष्ट हैं कि अगर कोई हमारी ओर गलत इरादे या शत्रुता से देखने की हिम्मत करेगा, तो हमारी सेनाएं उचित जवाब देंगी।

श्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि दुनिया भर के देशों को भारतीय सैनिकों की वीरता पर भरोसा है, यही कारण है कि भारत उन शीर्ष देशों में से एक है जो संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में अपने सैनिक भेजकर योगदान देता है। उन्होंने सैनिकों से कहा, “भारतीय सेना के जवानों ने चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में सबसे कठिन परिस्थितियों में काम किया है और मानवता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह आपकी अनुकरणीय पेशेवरता, मानवीय दृष्टिकोण और साहस है कि संयुक्त राष्ट्र संघ(यूएनओ) में किसी भी शांति मिशन में सेवा देने के लिए आपकी अत्यधिक मांग है।

नई दिल्ली में सरकार द्वारा निर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उल्लेख करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने इसे उन बहादुरों के लिए राष्ट्र की श्रद्धांजलि बताया, जिन्होंने अपनी अंतिम सांस तक देश की सेवा की। उन्होंने जवानों के प्रति देश का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “77वें स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर, चाहे आप कारगिल की बर्फीली चोटियों पर खड़े हों, जहां सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की कमी है, चाहे आप गहरे समुद्र में पनडुब्बी में हों, चाहे आप थार के तपते रेगिस्तान में खड़े हों, या चाहे आप भारत के उत्तर-पूर्व में सदाबहार जंगलों के बीच में खड़े हों, आप जहां भी हों, मैं कहना चाहता हूं कि आप सभी 140 करोड़ भारतीयों के दिलों में बसते हैं।

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