वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
डीपीआईआईटी ने ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ पहल के तहत प्रमुख हितधारकों के साथ जुड़ने के लिये नोडल अधिकारियों की अखिल भारतीय कार्यशाला का आयोजन किया
कार्यशाला ओएनडीसी के बारे में जागरूकता पैदा करने, संवेदनशील बनाने और जानकारी प्रदान करने पर केंद्रित थी
Posted On:
11 AUG 2023 5:55PM by PIB Delhi
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले आंतरिक व्यापार और उद्योग संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) पहल के विस्तार के लिये आज नयी दिल्ली में नोडल अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
ओएनडीसी प्रोटोकॉल, डीपीआईआईटी के दायरे में आने वाली एक अग्रणी पहल है जिसका लक्ष्य डिजिटल कामर्स के क्षेत्र में नई क्रांति लाना है, दुनिया के डिजिटल पावरहाउस के तौर पर भारत की भूमिका को मजबूत बनाना है। यह कार्यशाला ओएनडीसी की प्रगति को सामूहिक रूप से आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच है जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिबद्ध नोडल अधिकारियों को एक साथ लाती थी।
डीपीआईआईटी सचिव श्री राजेश कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह कार्यशाला ओएनडीसी प्रोटोकॉल से हमें एक गतिशील डिजिटल कामर्स परिवेश की ओर जाने को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि यह एक सामूहिक प्रयास है जहां सभी हितधारक मिलते हैं, ज्ञान का प्रसार होता है और समावेशिता को आगे बढ़ाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक चर्चा के बाद ओएनडीसी प्रोटोकॉल को लेकर गतिविधियां तेज होती हैं, यह डिजिटल कामर्स के लोकतंत्रीकरण के लक्ष्य की तरफ बढ़ता है, यह एक ऐसे भविष्य की शक्ल लेने लगता है जहां प्रत्येक व्यवसाय, प्रत्येक उद्यमी को डिजिटल नवाचार का लाभ मिलेगा।
डीपीआईआईटी, संयुक्त सचिव श्री संजय ने कहा कि ओएनडीसी प्रोटोकॉल एक ऐसे विधान की तरह काम करता है जो कि एक समावेशी डिजिटल कामर्स परिदृश्य के सृजन को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ओएनडीसी एक सामूहिक प्रयास है जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक भागीदार, चाहे उसका व्यवसाय आकार कितना भी बड़ा अथवा छोटा हो, कोई भी भौगोलिक स्थिति और सामाजिक- आर्थिक पृष्टभूमि हो वह भी डिजिटल कामर्स द्वारा पेश किये जाने वाले असीमित अवसरों में पूरी सक्रियता के साथ भागीदारी कर सकता है।
ओएनडीसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री टी कोशी ने कहा ओएनडीसी प्रोटोकॉल एक ऐसा पुल है जो कि तमाम अड़चनों को दूर करता है और डिजिटल कामर्स के लोकतंत्रीकरण के जरिये सभी के लिये --छोटा अथवा बड़ा व्यवसाय कोई भी हो -- समान अवसर उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों के बीच गहन और रचनात्मक बातचीत के जरिये यह कार्यशाला एक खुले नेटवर्क के बल पर समावेशी ई-कामर्स इकोसिस्टम, डिजिटल कामर्स अवसरों को और व्यापक बनाता है।
कार्यशाला में ओएनडीसी प्रोटोकॉल के विविध अनुप्रयोगों के बारे में बताया जाता है जिससे कि राज्य और सरकार की मौजूदा पहलों को और मजबूती मिलती है। इसके साथ ही कार्यशाला में प्रत्येक राज्य को उनकी आवश्यकता के अनुसार मार्ग सुझाया जाता है ताकि वह ओएनडीसी नेटवर्क का उनकी विशिष्ट जरूरतों के मुताबिक लाभ उठा सकें।
आगे कार्यशाला में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), दस्तकारी उद्यमों, स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों, किसानों, आटो और टैक्सी चालकों सहित व्यापक दायरे में जमीनी स्तर पर भी ओएनडीसी नेटवर्क की योग्यता और उसके परिवर्तनकारी लाभ का पता चलता है। इसमें संभावित भागीदारों जो कि डिजिटल कामर्स के लिये नये हैं उन्हें भी सशक्त बनाने के तौर तरीके हैं। उन्हें हाथ से निकले अवसरों को फिर से हासिल करने और अब तक अछूते रहे बाजार तक विस्तार का अवसर प्राप्त होता है।
डिजिटल कामर्स के समावेशी बनने की तमाम बातें कार्यशाला में पता चलती हैं उनका आदान प्रदान होता है उससे भी बढ़कर कार्यशाला में भाग लेने वाले राज्यों के नोडल अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली ज्ञानवर्धक ‘प्रगति की कहानियां’ शामिल होती हैं साथ ही नाम्मा यात्री और होपकाम जैसे नेटवर्क भागीदारी भी इसमें होते हैं।
भारत सरकार के प्रमुख मंत्रालयों के जाने माने वक्ताओं, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, श्री अनुराग जैन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के पूर्व सीईओ डा. आर एस शर्मा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अतीश सिंह, वस्त्र मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री अजय गुप्ता, लघु कृषक कृषि व्यवसाय कंसोर्सियम के प्रबंध निदेषक डा. मनिंदर कौर द्विवेदी और एक जिला एक उत्पाद की निदेशक श्रीमती सुप्रिया एस. देवास्थली ने कार्यक्रम में अपने विचार रखे।
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