विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड-विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (टीडीबी-डीएसटी) ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण के लिए 3.81 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ बेंगलुरु स्थित टीआईईए कनेक्टर्स का समर्थन किया है


नवाचार और विकास समिति-भारतीय विज्ञान संस्थान (सोसाइटी फॉर इनोवेशन एंड डेवलपमेंट -इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस-एसडीसी-आईआईएससी) द्वारा इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप को प्रतिकूल वातावरण वाले माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक कनेक्टर्स और टर्मिनलों के व्यावसायीकरण के लिए महत्वपूर्ण वित्तपोषण दिया गया है

Posted On: 10 AUG 2023 5:11PM by PIB Delhi

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड-टीडीबी) ने आज "टेक स्टार्ट-अप के माध्यम से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की व्यावसायीकरण" पहल के अंतर्गत बैंगलूरू स्थित मेसर्स टीआईईए कनेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता किया। बोर्ड ने "माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक प्रतिकूल पर्यावरण के लिए कनेक्टर्स और टर्मिनलों का व्यावसायीकरण" परियोजना के लिए 8.19 करोड़  रूपये की कुल परियोजना लागत में से 3.81 करोड़ रुपये रुपये का समर्थन देने का आश्वासन दिया है। इस स्टार्ट-अप को नवाचार और विकास समिति - भारतीय विज्ञान संस्थान (सोसाइटी फॉर इनोवेशन एंड डेवलपमेंट-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस-एसडीसी-आईआईएससी), बेंगलूरू  ऊष्मायन केंद्र विकसित किया गया है।

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करने तथा  उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ "टेक स्टार्ट-अप के माध्यम से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण" की पहल शुरू की। ऐसे स्टार्ट-अप को वित्त पोषित करने के पीछे टीडीबी का लक्ष्य उन्हें अपने अभूतपूर्व समाधानों का विस्तार करने के लिए सशक्त बनाना है, जो न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा बल्कि तकनीकी प्रगति में हमारे देश के नेतृत्व को भी आगे बढ़ाएगा।

टीडीबी ने स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करने तथा उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ "टेक स्टार्ट-अप के माध्यम से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण" की पहल शुरू की। ऐसे स्टार्ट-अप को वित्त पोषित करने के पीछे टीडीबी का लक्ष्य उन्हें अपने अभूतपूर्व समाधानों का विस्तार करने के लिए सशक्त बनाना है, जो न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा बल्कि तकनीकी प्रगति में हमारे देश के नेतृत्व को भी आगे बढ़ाएगा।

इस प्रकार वित्त पोषित यह  परियोजना 2.8 मिमी, 2.5 मिमी और 2.54 मिमी की पिचों के साथ उनके संबंधित टर्मिनलों के साथ कनेक्टर्स के विकास और व्यावसायीकरण के लिए है। समर्थित उत्पाद मुख्य रूप से विद्युत् चालित (इलेक्ट्रिक) वाहनों और ड्रोन के साथ-साथ  मोटर वाहन उद्योग (ऑटोमोटिव) और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बढ़ते विशिष्ट बाजार के लिए है। वर्तमान में, 50 प्रतिशत से अधिक कनेक्टर बाज़ार आयात पर निर्भर करता है। वर्तमान में यह  कंपनी एयरोस्पेस और रक्षा कनेक्टर्स के अनुसंधान और विकास में लगी हुई है। इसने अब तक चार डिज़ाइन पेटेंट प्राप्त किए हैं और सामग्री विज्ञान के क्षेत्र में पेटेंट के लिए आवेदन दायर किया हुआ है।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के सचिव, श्री राजेश कुमार पाठक ने कहा, कि "इलेक्ट्रिक वाहनों और ड्रोन पर कंपनी का ध्यान टिकाऊ परिवहन समाधानों की दिशा में वैश्विक रुझान के अनुरूप है। अभिनव कनेक्टर और टर्मिनल विकसित करके यह  कंपनी न केवल अपना योगदान दे रही है बल्कि इसके द्वारा विशिष्ट बाज़ार के विकास के साथ ही आयातित घटकों पर निर्भरता भी कम हो रही है। इसके अतिरिक्त, एयरोस्पेस और रक्षा में इनकी भागीदारी महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए विश्वसनीय और उन्नत तकनीक प्रदान करने की उनकी प्रतिबद्धता को भी  दर्शाती है।"

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