पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए प्रौद्योगिकियां
Posted On:
07 AUG 2023 4:04PM by PIB Delhi
एक पायलट अध्ययन किया गया था जिसमें दिल्ली-एनसीआर में पर्यावरण से धूल एकत्र करने के लिए 30 बसों की छत पर परियायंत्र फिल्ट्रेशन यूनिट्स लगाई गई थी।
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गईं। विवरण अनुबंध-I में संलग्न हैं
अनुबंध- I
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए किए गए अध्ययनों का विवरण
- डब्ल्यूएवाईयू (वायु) के पायलट अध्ययन के तहत, दिल्ली में यातायात चौराहों पर 54 वायु शोधन इकाइयाँ स्थापित की गईं।
- 'डस्ट सप्रेसेंट का उपयोग करके धूल उत्सर्जन नियंत्रण' के बारे में पायलट अध्ययन।
- 'परिवेशी वायु प्रदूषण में कमी के लिए आयनीकरण प्रौद्योगिकी' पर पायलट अध्ययन।
- कणीय वायु प्रदूषण को कम करने के लिए मध्यम/बड़े पैमाने के वायु शोधक के रूप में 2 स्मॉग टॉवर स्थापित किए गए थे।
- उपयोग में आ रहे डीजल जनरेटर सेट (डीजी सेट) के लिए उत्सर्जन मापन और उत्सर्जन में कटौती के लिए उपचार समाधान के बाद निकास की क्षमता का मूल्यांकन करने के बारे में पायलट परियोजना।
- 'उपयोग में आ रहे वाहनों की पहचान की गई श्रेणियों में उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों की रेट्रोफिटिंग और पुराने/उपयोग में आने वाले वाहनों (बीएस III) के प्रदूषण उत्सर्जन में कमी लाने के लिए की गई सिफारिशों' पर पायलट परियोजना
- वायु गुणवत्ता मापदंडों की वास्तव में दूरस्थ निगरानी करने के लिए स्वदेशी फोटोनिक प्रणाली के विकास के लिए डीएसटी की अनुसंधान एवं विकास परियोजना।
- इंटरडिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम (एनएम-आईसीपीएस) पर डीएसटी नेशनल मिशन, 'इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आधारित स्वायत्त वाहनों के विकास' पर ऑटोनॉमस नेविगेशन फाउंडेशन पर टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब, ईवी की स्वायत्त प्रौद्योगिकी में ड्राइविंग पैटर्न को अनुकूलित करके और यातायात की भीड़ को कम करके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की क्षमता है।
यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 1946619)
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