विद्युत मंत्रालय
भारत की G20 अध्यक्षता के तहत ऊर्जा परिवर्तन कार्य समूह की अंतिम बैठक संपन्न
वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए तत्काल सहयोगात्मक नीतिगत कार्रवाइयों की जरूरत है: चौथा ऊर्जा परिवर्तन कार्य समूह
Posted On:
20 JUL 2023 8:36PM by PIB Delhi
भारत की G20 अध्यक्षता के तहत ऊर्जा परिवर्तन कार्य समूह की चौथी और आखिरी बैठक आज 20 जुलाई 2023 को गोवा में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस दो दिवसीय बैठक में G20 सदस्य देशों और नौ आमंत्रित देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 115 से अधिक प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही। इसमें चर्चा वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन, स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा, न्यायसंगत ऊर्जा पहुंच और वित्तपोषण से संबंधित अहम चुनौतियों पर केंद्रित थी। बैठक में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के अनुरूप व्यापक ऊर्जा पहुंच और उचित, किफायती एवं समावेशी ऊर्जा परिवर्तन सुनिश्चित करते हुए वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए व्यवहारिक, सहयोगात्मक और जवाबदेह नीतिगत कार्यों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।
इस बैठक के संपन्न होते ही, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव श्री पंकज अग्रवाल; ऊर्जा मंत्रालय में अपर सचिव श्री अजय तिवारी; और केंद्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री दिनेश जगदले ने बैठक के नतीजों और आगे की योजना के बारे में मीडिया और आम जनता को जानकारी देने के लिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस यहां देखी जा सकती है।.
बैठक में शामिल सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार जाहिर करते हुए केंद्रीय ऊर्जा सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने बैठक के दौरान किए गए अहम योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "इस मोड़ पर हमारा निर्णय और सहयोगात्मक प्रयास भविष्य के लिए ऊर्जा परिदृश्य को आगे बढ़ाएंगे।"
ऊर्जा सचिव ने बताया कि हाइड्रोजन से संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण बिंदू तक बातचीत पहुंची है। कार्य समूह ने भारत के प्रस्तावित ग्रीन हाइड्रोजन इनोवेशन सेंटर और ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस पर ध्यान दिया है जिसे भारत द्वारा लॉन्च करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि “ऊर्जा परिवर्तन के लिए कम लागत वाले वित्तपोषण पर काफी विचार-विमर्श हुआ है। कार्य समूह ने वर्ष 2030 तक ऊर्जा दक्षता की गति को दोगुना करने के लिए भारत के प्रस्तावित स्वैच्छिक कार्य योजना पर ध्यान दिया है।
"मौजूदा और उभरती स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और व्यापक रूप से अपनाना महत्वपूर्ण"
ऊर्जा सचिव ने बताया कि कार्य समूह की बैठक में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, क्योंकि कार्य समूह के सदस्य भारत की अध्यक्षता में रखे गए कई अहम प्रस्तावों पर आम सहमति पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि शेष बिंदुओं पर आगे बातचीत के प्रयास जारी हैं।
अधिक टिकाऊ स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण सामग्रियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ बिजली और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों तक सस्ती पहुंच को एक बढ़ती आवश्यकता के रूप में पहचाना गया।
"ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए जी20 सदस्यों के बीच संतुलित सहमति की उम्मीद"
कार्य समूह की बैठक के नतीजे 22 जुलाई को होने वाली ऊर्जा परिवर्तन मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान घोषणा के लिए ऊर्जा मंत्रियों को पेश किए जाएंगे। ऊर्जा सचिव ने ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने में समर्थन और सहयोग के लिए सभी जी20 सदस्यों के बीच एक संतुलित सहमति पर पहुंचने की उम्मीद जताई।
केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय में अपर सचिव श्री अजय तिवारी ने बताया कि चर्चा में 28 देशों ने भाग लिया। इसमें कई मुद्दों पर पहले ही सहमति बन चुकी है। साथ ही ऊर्जा दक्षता के सभी खंडों पर भी सहमति बन गई है। 2030 तक ऊर्जा दक्षता की गति दोगुनी करने पर स्वैच्छिक कार्य योजना पर सहमति हुई है। उन्होंने कहा कि “मौजूदा और उभरती स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और उन्हें व्यापक रूप से अपनाने के महत्व को रेखांकित किया गया, जिसमें कार्बन कैप्चर यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज (सीसीयूएस), हरित और कम कार्बन वाले हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव, जैव ईंधन, छोटे एवं मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) शामिल हैं। बैठक में शामिल प्रतिभागियों ने माना कि इन पहलों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी सहयोग और सहयोगी निवेश महत्वपूर्ण हैं। हमें उम्मीद है कि हम हरित हाइड्रोजन सहमति पर भी कुछ सकारात्मक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।''
भारत की अध्यक्षता में ऊर्जा परिवर्तन कार्य समूह में ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने और परिवर्तन लक्ष्यों को हासिल करने में सामूहिक प्रयासों के लिए अहम अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने वाले 13 वैश्विक अध्ययन जारी किए जाएंगे। इनमें से आठ अध्ययन पहले ही जारी किए जा चुके हैं और शेष पांच आने वाले दिनों में जारी किए जाएंगे। इन अध्ययनों में ऊर्जा परिवर्तन के लिए कम लागत वाला वित्त, नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला, तेल एवं गैस ऊर्जा स्रोतों की आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरी, परिवर्तनकारी ग्रिड इंटरकनेक्शन की भूमिका, ऊर्जा दक्षता की दोगुनी गति, ऊर्जा मिश्रण में जैव ईंधन का महत्व, कोयला क्षेत्र में सिर्फ परिवर्तन के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाएं और ऊर्जा परिवर्तन में छोटे और मॉड्यूलर रिएक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका आदि शामिल हैं।
कार्य समूह ने बैठक के दौरान 15 इतर कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें 2,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले अगले दो दिनों में दो और इतर कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
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