भारी उद्योग मंत्रालय

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना "नेशनल प्रोग्राम ऑन एडवांस्ड  केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज" के तहत 20 गीगावॉट एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) निर्माण की पुनः बोली लगाई गई


एमएचआई पुन: बोली प्रक्रिया आरंभ होने से पहले 24 जुलाई, 2023 को उद्योग प्रतिनिधियों के साथ उनके इनपुट और सुझावों के लिए हितधारक परामर्श की सुविधा प्रदान करेगा

Posted On: 20 JUL 2023 3:19PM by PIB Delhi

भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने 20 गीगावॉट एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) विनिर्माण के लिए निष्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) की फिर से बोली लगाने की घोषणा की है। इस नीलामी प्रक्रिया के साथ, संभावित आवेदक एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल की घरेलू विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए अपनी बोलियां प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे उन्हें एसीसी पीएलआई योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए अर्हता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। यह पहल घरेलू विनिर्माण पर निर्भरता बढ़ाकर, आयात पर निर्भरता कम करके और इस तरह साथी भारतीयों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करके प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन से जुड़ी है।

एमएचआई शेष 20 गीगावॉट क्षमता की पुन: बोली प्रक्रिया आरंभ होने से पहले सोमवार, 24 जुलाई, 2023 को उद्योग प्रतिनिधियों के साथ उनके इनपुट और सुझावों के लिए हितधारक परामर्श की सुविधा प्रदान करेगा। इस संबंध में हितधारकों को आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक सूचना लिंक- https://heavyindustries.gov.in/writereaddata/UploadFile/Notice-and-Questionnaire-for-ACC.pdf जारी किया गया है। परामर्श की अध्यक्षता भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के सचिव द्वारा की जाएगी। मंत्रालय बोली दस्तावेजों को अंतिम रूप देने और जितना शीघ्र हो, पुन: बोली प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

एसीसी उन्नत भंडारण प्रौद्योगिकियों की नई पीढ़ी है, जो विद्युत ऊर्जा को इलेक्ट्रॉकेमिकल या रासायनिक ऊर्जा के रूप में भंडारण कर सकती है और आवश्यकता पड़ने पर इसे वापस विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित कर सकती है। इनका इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड स्थिरता बनाए रखने, सोलर रूफटॉप, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में प्रमुख अनुप्रयोग है। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और 2070 तक नेट-जीरो अर्जित करने के साथ, ऊर्जा भंडारण के समग्र ऊर्जा इको-सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

मई 2021 में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एसीसी के पचास (50) गीगावॉट घंटे (जीडब्ल्यूएच) और "उत्कृष्ट" एसीसी के 5 गीगावॉट की विनिर्माण क्षमता प्राप्त करने के लिए एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय कार्यक्रम' संबंधी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी। एसीसी पीएलआई बोली का पहला दौर मार्च 2022 में संपन्न हुआ था और तीन कंपनियों को तीस (30) गीगावॉट घंटे (जीडब्ल्यूएच) की कुल क्षमता आवंटित की गई थी और चयनित कंपनियों के साथ कार्यक्रम समझौते पर जुलाई 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे।

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