संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

संचार मंत्रालय (डीओटी) ने अगली पीढ़ी की वायरलेस तकनीक में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत 6जी अलायंस का शुभारंभ किया


डीओटी ने 75 से अधिक इनोवेटर्स को सम्मानित किया

डीसीआईएस (डिजिटल कम्युनिकेशन इनोवेशन स्क्वायर) के तहत 66 स्टार्टअप्स और एमएसएमई को 48 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता

दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना के तहत 240.5 करोड़ रुपये के अनुदान के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये

पिछले 9 वर्षों में विभिन्न नागरिक और उद्योग केंद्रित सुधारों ने दूरसंचार उद्योग को एक उभरते हुए उद्योग के रूप में स्थापित किया

भारत और अमेरिका संयुक्त रूप से प्रौद्योगिकी का सृजन करेंगे

लगभग 1 टावर प्रति मिनट की दर से 2.7 लाख से अधिक 5जी टावर स्थापित किए गए हैं, जिससे भारत दुनिया के शीर्ष तीन 5जी इकोसिस्टम में शामिल हो गया है

4जी फ़ुटप्रिंट अब 99 प्रतिशत है और शेष 38,000 करोड़ रुपये 100 प्रतिशत कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए लगाए गए हैं

Posted On: 03 JUL 2023 6:31PM by PIB Delhi

दूरसंचार क्षेत्र उच्च तकनीकी अप्रचलन के साथ एक निरंतर विकसित होने वाला क्षेत्र है। इसने वायर-लाइन से लेकर मोबाइल सेवाओं तक का परिवर्तन देखा है, जो लोगों की जीवन रेखा बन गया है। मोबाइल सेवाओं में भी 2जी से 3जी, 4जी से 5जी में परिवर्तन देखा गया है और अब 6जी क्षितिज पर है।

सार्वभौमिक और किफायती कनेक्टिविटी के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने, स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करने, दूरसंचार और सेमीकंडक्टर विनिर्माण इको सिस्टम विकसित करने, 6जी प्रौद्योगिकी का नेतृत्व करने में, आज केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान की उपस्थिति में निम्नलिखित घोषणा की,

  • भारत 6जी अलायंस (बी6जीए) का गठन, एक ऐसा सहयोगी मंच जिसमें सार्वजनिक और निजी कंपनियां, शिक्षाविद, अनुसंधान संस्थान और मानक विकास संगठन शामिल हैं।
  • भारत6जी अलायंस के लिए वेबसाइट https://bharat6galliance.com की शुरूआत
  • बी6जीए अन्य 6जी वैश्विक गठबंधनों के साथ गठबंधन और तालमेल बनाएगा एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।

इसके अलावा, दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) के तहत 240.51 करोड़ के अनुदान के साथ परियोजनाओं के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए,

  • समीर, आईआईटी मद्रास, आईआईटी गुवाहाटी और आईआईटी पटना के संघ के माध्यम से कक्षीय कोणीय गति (ओएएम) और मल्टीप्लेक्सिंग के साथ 6जी टीएचजेड का परीक्षण किया गया।
  • आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली, इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) दिल्ली, सिग्नलचिप इनोवेशन, सिग्नलट्रॉन सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, सैसमोस हेट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एसएफओ टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, ईआरनेट इंडिया, क्वानफ्लुएंस प्राइवेट लिमिटेड, स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एनएवी टेक एवं तेजस नेटवर्क जैसे कंसोर्टियम सदस्यों के साथ एडवांस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन टेस्ट बेड पर समझौता।

 

साथ ही, डीसीआईएस (डिजिटल कम्युनिकेशन इनोवेशन स्क्वायर) के तहत,

  • 66 स्टार्टअप्स और एमएसएमई को 48 करोड़ रुपये के अनुदान देने की घोषणा भी की गई
  • 75 इनोवेटर्स को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और समर्पण को मान्यता देते हुए, क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डीओटी द्वारा सम्मानित किया गया। डीसीआईएस योजना के तहत दूरसंचार विभाग ऐसे स्टार्टअप और एमएसएमई को वित्त पोषित कर रहा है।
  • डीसीआईएस का विवरण https://dcis.dot.gov.in/ पर उपलब्ध है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान ने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान पर है और दूरसंचार क्षेत्र भारत में सबसे उज्ज्वल क्षेत्र है। श्री चौहान ने इन प्रयासों के लिए हितधारकों की सराहना की। उन्होंने कहा, विभिन्न नागरिक और उद्योग केंद्रित सुधारों के कारण 42 दिनों के रिकॉर्ड समय में 1.5 लाख करोड़ से अधिक की पारदर्शी स्पेक्ट्रम नीलामी और 9 महीनों में 2.70 लाख 5जी साइटों की नीलामी हुई है, जो दुनिया में सबसे तेजी से क्रियान्वित में से है। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं के प्रयासों की सराहना की और सभी हितधारकों के योगदान को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने 4जी और 5जी प्रौद्योगिकी के स्वदेशी डिजाइन को विकसित किया और उल्लेख किया कि भारत 6जी अलायंस  के साथ भारत अब 6जी प्रौद्योगिकी में भी नेतृत्व करेगा।

सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय संचार, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, पिछले नौ वर्षों में सुधारों की विभिन्न श्रृंखलाएँ लागू की गईं, जिनमें संरचनात्मक, प्रक्रियात्मक सुधार और राहत उपाय शामिल हैं। दूरसंचार क्षेत्र के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिससे दूरसंचार क्षेत्र एक उभरते हुए क्षेत्र के रूप में परिवर्तित हो गया है। उन्होंने कहा कि विश्व प्रौद्योगिकी के उस रास्ते पर चल रहा है जिसका अनुसरण भारत कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में,

  • डेटा की कीमत 2014 में 300 रुपये/जीबी से घटाकर 2023 में 10 रुपये/जीबी रह गई है
  • मार्ग के अधिकार (राइट ऑफ़ वे) की अनुमति में 230 दिन लगते थे, जिसे घटाकर 9 दिन कर दिया गया है
  • बीटीएस साइट्स को 4 गुना बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है
  • टेलीकॉम सेक्टर में एफडीआई बढ़कर 24 अरब डॉलर हो गई है
  • 5G में, भारत के दूरसंचार उद्योग ने 2.25 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है
  • टीएसपी को नीलामी के बाद स्पेक्ट्रम का आवंटन 24 घंटे में किया गया
  • बीएसएनएल एक बाजार स्थिरक बन गया है और अब परिचालन लाभ कमा रहा है
  • भारत अमेरिका समेत 12 देशों को टेक्नोलॉजी निर्यात कर रहा है
  • 4जी फ़ुटप्रिंट अब 99 प्रतिशत है और शेष 38,000 करोड़ रुपये 100 प्रतिशत कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए लगाए गए हैं
  • लगभग 1 टावर प्रति मिनट की दर से 2.7 लाख से अधिक 5जी टावर स्थापित किए गए हैं, जिससे भारत दुनिया के शीर्ष तीन 5जी इकोसिस्टम में शामिल हो गया है
  • जापान ने भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली पर भारत के साथ गठबंधन किया है
  • ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 1.5 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं
  • पीएलआई के तहत टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग में 1,600 करोड़ से ज्यादा का निवेश हुआ है
  • 6जी तकनीक में 200 से अधिक पेटेंट

उन्होंने कहा, माननीय प्रधानमंत्री की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के परिणामस्वरूप, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका प्रौद्योगिकी का सह-सृजन करेंगे और यह परिवर्तन विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने सेमीकंडक्टर मिशन के बारे में भी उल्लेख किया जिसमें माइक्रोन टेक्नोलॉजी के लिए भूमि अनुमोदन और परियोजना अनुमोदन घोषणा के दो सप्ताह के भीतर किया गया है और पहली चिप विनिर्माण इकाई के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह अगले 40-45 दिनों में किया जाएगा। चिप डिजाइन के लिए पांच (5) डिजाइन कंपनियों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से दो टेलीकॉम सेक्टर में काम करेंगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत शून्य विलंबता के साथ एडवांस ऑप्टिकल संचार विकसित कर रहा है जो टेलीमेडिकल और टेलीसर्जरी जैसे क्षेत्रों में मदद करेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत 6जी अलायंस भारत को 6जी टेक्नोलॉजी और आईपीआर में अग्रणी बनाने में मदद करेगा।

अमृत ​​काल के नए चरण में जन अनुसंधान को जोड़ने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप, भारत सरकार स्टार्टअप्स, उद्योग, शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के सहयोग से देश भर में डिजिटल और मोबाइल समावेशिता सुनिश्चित करने और अंतिम छोर तक डिजिटल क्रांति और मोबाइल और डिजिटल सेवाओं के तेजी से प्रसार के माध्यम से आम नागरिक को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है।

पृष्ठभूमि

भारत 6जी अलायंस (बी6जीए) के बारे में

बी6जीए का प्राथमिक उद्देश्य प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं से परे 6जी की व्यावसायिक और सामाजिक जरूरतों को समझना, इन जरूरतों पर आम सहमति को बढ़ावा देना और उच्च प्रभाव वाले मुक्त अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) पहल को बढ़ावा देना है।

बी6जीए का लक्ष्य भारतीय स्टार्टअप्स, कंपनियों और विनिर्माण इकोसिस्टम को एक साथ लाकर समूह स्थापित करना है जो भारत में 6जी प्रौद्योगिकियों के डिजाइन, विकास और तैनाती को संचालित करता है। देश के भीतर मानकों से संबंधित पेटेंट निर्माण में तेजी लाने और 3जीपीपी और आईटीयू जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठनों में सक्रिय रूप से योगदान देकर, बी6जीए भारत को 6जी नवाचार में अग्रिम स्थिति में  रखना चाहता है।

बी6जीए का एक प्रमुख लक्ष्य भारतीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी उत्पादों और सेवाओं के लिए बाजार तक पहुंच को सुविधाजनक बनाना है, जिससे देश 6जी प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर सके। इसे प्राप्त करने के लिए ये प्रयास प्रौद्योगिकी स्वामित्व और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देंगे, प्रौद्योगिकी सह-नवाचार की संस्कृति बनाएंगे, आयात कम करेंगे, निर्यात के अवसरों को बढ़ावा देंगे और बौद्धिक संपदा के निर्माण को बढ़ाएंगे।

दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीटीडीएफ) के बारे में

दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना 01.10.2022 को डीओटी/यूएसओएफ द्वारा शुरू की गई थी। प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और सेवाओं के अनुसंधान और विकास के वित्तपोषण के लिए यूएसओएफ से वार्षिक संग्रह का 5 प्रतिशत टीटीडीएफ योजना के लिए उपलब्ध होगा। इस योजना की परिकल्पना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास और निर्माण द्वारा डिजिटल अंतर को कम करने और दूरसंचार इको सिस्टम के निर्माण और विकास के लिए शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच तालमेल बनाने की है।

टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (टीटीडीएफ) योजना में घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करने और शामिल करने के लिए भारतीय संस्थाओं को अनुदान दिया जाता है। टीटीडीएफ योजना के तहत, यूएसओएफ, डीओटी देशव्यापी आवश्यकताओं को पूरा करने और अनुसंधान, डिजाइन, प्रोटोटाइप, उपयोग के मामलों, पायलट्स और अवधारणा परीक्षण के प्रमाण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए मानकों को विकसित करने का भी लक्ष्य बना रहा है।

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