महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
केंद्र सरकार द्वारा बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए किये गए प्रयासों के परिणामस्वरूप अब बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर जारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव की रिपोर्ट में भारत का नाम हटा दिया गया है
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री के मार्गदर्शन और उनके नेतृत्व में बाल संरक्षण के मुद्दों पर सहयोग तथा सहभागिता के लिए रोड मैप विकसित किया गया
Posted On:
28 JUN 2023 7:49PM by PIB Delhi
जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र गुटों द्वारा नवयुवकों की कथित भर्ती और अपने फायदे के लिए उनका इस्तेमाल; सशस्त्र संगठनों के साथ कथित संबंध रखने हेतु या राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा नवयुवकों को हिरासत में लेने; भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पैलेट्स के इस्तेमाल से कथित तौर पर मारे गए और अपंग हुए बच्चों की खबरों; अज्ञात अपराधियों, सशस्त्र समूहों व अज्ञात अपराधियों के बीच गोलीबारी तथा नियंत्रण रेखा के पार से होने वाली गोलीबारी एवं गोलाबारी के कारण बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर साल 2010 से संयुक्त राष्ट्र महासचिव की रिपोर्ट में भारत का उल्लेख बुर्किना फासो, कैमरून, लेक चाड बेसिन, नाइजीरिया, पाकिस्तान और फिलीपींस तथा अन्य देशों के साथ किया जा रहा था।
भारत सरकार लगातार अपने देश का नाम इस सूची से बाहर करने के प्रयासों में लगी हुई थी। नवंबर 2021 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री इंदीवर पांडे की विदेश मंत्रालय, न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन व भारत सरकार के गृह मंत्रालय तथा बच्चों के लिए महासचिव की विशेष प्रतिनिधि सुश्री वर्जीनिया गैम्बा और नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के साथ एक अंतर-मंत्रालयी बैठक हुई। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि (एसआरएसजी) के साथ जारी भारत सरकार की गतिविधियों में और तेजी आई थी। इसके तहत बच्चों की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से प्राथमिकता वाले राष्ट्रीय कार्रवाईयों की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र इकाई नियुक्त करने, बाल संरक्षण हेतु बढ़े हुए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने के वास्ते संयुक्त राष्ट्र के साथ अंतर-मंत्रालयी और तकनीकी स्तर की बैठकें आयोजित करने के लक्ष्य के साथ संयुक्त तकनीकी मिशन पर एक समझौता किया गया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में उनके मंत्रालय द्वारा बाल संरक्षण के मुद्दों पर सहयोग के लिए एक रोड मैप विकसित किया गया था।
महासचिव के विशेष प्रतिनिधि के कार्यालय की तकनीकी टीम ने 27-29 जुलाई 2022 को भारत का दौरा किया। इसके बाद नवंबर, 2022 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर सरकार के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी के साथ जम्मू-कश्मीर में बाल संरक्षण को सशक्त करने के उद्देश्य से एक कार्यशाला आयोजित की। किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत बाल कल्याण समिति तथा किशोर न्याय बोर्ड जैसी सभी वैधानिक सेवा वितरण संरचनाएं स्थापित की गई हैं।
बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए किये गए प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत का नाम वर्ष 2023 की रिपोर्ट से हटा दिया गया है।
एमजी/एमएस/एनके/एजे
(Release ID: 1936151)
Visitor Counter : 574