पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
श्री भूपेन्द्र यादव ने कहा, जलवायु परिवर्तन से निपटने में वैश्विक मंच पर भारत का नेतृत्व, विकास और पर्यावरण का संरक्षण दोनों को साथ-साथ आगे बढ़ाने पर जोर देता है
पर्यावरणीय मंजूरी में 9 साल पहले के 600 दिन की तुलना में अब 75 दिन से भी कम समय लग रहा है, विशेष कार्य उन्मुख दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप वन्यजीवों की संख्या और संरक्षित क्षेत्रों दोनों में वृद्धि हुई है: श्री यादव
Posted On:
22 JUN 2023 8:16PM by PIB Delhi
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और पर्वारण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत भारत ने सुनिश्चित किया है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में वैश्विक लीडर के रूप में उभरने के अलावा, विकास और पर्यावरण के संरक्षण पर साथ-साथ आगे बढ़ा जाए।
नई दिल्ली में आज पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नौ साल की उपलब्धियों पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन और उद्योग में बदलाव के लिए नेतृत्व जैसी पहलों के माध्यम से वैश्विक मंच पर अग्रणी और ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में उभरा है, जिनकी परिकल्पना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं की है। इस अवसर पर इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि कैसे इन प्रयासों और पहलों ने घरेलू स्तर पर लोगों और छोटे द्वीप विकासशील देशों को भी लाभान्वित किया है, जिनमें प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली शामिल है।
श्री यादव ने कहा कि संरक्षण प्रयासों में भारत की अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति न केवल जलवायु परिवर्तन तक सीमित है, बल्कि हाल ही में इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस द्वारा शुरू की गई पहलों के साथ जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में भी है। श्री यादव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रोजेक्ट चीता जैसे विशेष कार्य उन्मुख दृष्टिकोण के माध्यम से, भारत न केवल अपनी ऐतिहासिक गलती को सुधार रहा है बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस बदलाव लाने के लिए मजबूती के साथ कदम उठा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैसे पिछले 9 वर्षों में वन्यजीव अधिनियम में संशोधन, जैव विविधता अधिनियम, मौजूदा अधिनियमों के गैर-अपराधीकरण और राष्ट्रीय वन नीति जैसे विधायी सुधारों के माध्यम से विशेष रूप से समाज के सबसे कमजोर वर्ग को लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि परिवेश पोर्टल जैसी कई पहलों के माध्यम से, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि तकनीकी प्रगति से फैसले लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि पर्यावरण सुरक्षा उपायों को पर्यावरण मंजूरी में विधिवत रूप से शामिल किया जा रहा है, जिसे परियोजना प्रस्तावित करने वालों के द्वारा विधिवत लागू किया जाना है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समितियों द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद पर्यावरण मंजूरियां दी जा रही हैं और 2014 में 600 दिनों की तुलना में अब इन्हें 75 दिनों से भी कम समय में जारी किया जा रहा है। इसके अलावा, वन मंजूरी, वन्यजीव और तटीय नियामक क्षेत्र मंजूरी जैसी अन्य मंजूरियों जैसे विषयों को कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है और एकीकृत तरीके से संसाधित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही आई है।
श्री यादव ने कहा कि भारत के वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जिसकी पुष्टि प्रजातियों पर केंद्रित सर्वेक्षणों में भी की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रित संरक्षण दृष्टिकोण का ही परिणाम ही है कि बाघों, एशियाई शेरों, एशियाई हाथियों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
श्री यादव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा ग्लासगो- सीओपी 26 के दौरान आगे बढ़ाया गया मंत्र मिशन लाइफ टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ा देता है जिसे वैश्विक स्तर पर स्वीकृति और सराहना मिली है। इसके बारे में विस्तार से बताते हुए, श्री यादव ने सीओपी 27 घोषणा, जी7 कम्युनिक, सीबीडी मॉन्ट्रियल घोषणा का हवाला दिया, जिनके मूल पाठ में मिशन लाइफ के मंत्र को मान्य करते हुए टिकाऊ जीवन के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने मिशन लाईफ पोर्टल की सफलता पर प्रकाश डाला, जिसे जन भागीदारी आंदोलन को बढ़ावा देने वाले जलवायु परिवर्तन से पार पाने में व्यक्तिगत योगदान का दस्तावेजीकरण करने के उद्देश्य से बनाया गया है, जिसमें लगभग 2 करोड़ लोगों की उल्लेखनीय भागीदारी देखी गई थी।
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