रक्षा मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

रक्षा सचिव ने कोलंबो में “भारत-श्रीलंका रक्षा संगोष्ठी सह प्रदर्शनी” में वीडियो संदेश के माध्यम से कहा भारत, श्रीलंका के सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण एवं सामर्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है


उन्होंने कहा “आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत भारतीय रक्षा क्षेत्र एक बड़ी क्रांति के दौर से गुजर रहा है और ज्ञान साझा करने से द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त करने में ओर सहायता मिलेगी”

Posted On: 07 JUN 2023 5:24PM by PIB Delhi

कोलंबो में भारतीय उच्चायोग द्वारा 07 जून, 2023 को भारत-श्रीलंका रक्षा संगोष्ठी सह प्रदर्शनीका आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन श्रीलंकाई रक्षा राज्य मंत्री प्रेमिता बंडारा तेनाकून ने किया। इस प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में दोनों देशों के उद्योगों ने हिस्सा लिया और अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।

भारतीय रक्षा सचिव, श्री गिरिधर अरमाने ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए श्रीलंका को भारत का प्राथमिकता भागीदार बताया और कहा कि अपनी 'पड़ोसी पहले' वाली नीति के भाग के रूप में, नई दिल्ली अपने पड़ोसी देश के सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण एवं सामर्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) वाले दृष्टिकोण को भारत की समुद्री नीति में अंतर्निहित विषय कहा। यह दृष्टिकोण समावेशिता के माध्यम से इस क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने एवं समुद्री पड़ोसी देशों को लाभान्वित करने के लिए भारत की क्षमता का उपयोग करने में निहित है।

श्री गिरिधर अरमाने ने हिंद महासागर क्षेत्र में आतंकवाद, समुद्री डकैती, ड्रग्स एवं हथियारों की अवैध तस्करी और अवैध प्रवास जैसी प्रचलित सुरक्षा चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सुरक्षित वातावरण का निर्माण करने के उद्देश्य से इन चुनौतियों से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा सक्रिय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

देश के रक्षा सचिव ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारतीय रक्षा क्षेत्र एक बड़ी क्रांति के दौर से गुजर रहा है और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के अंतर्गत नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए एक मजबूत अनुसंधान एवं विकास और स्वदेशी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में ज्ञान साझा करने से दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने में सहायता प्राप्त होगी।  

श्रीलंका भारत के प्रमुख विकास साझेदार देशों में से एक है और यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण आधार रहा है। भारत सरकार ने श्रीलंकाई सरकार को 150 मिलियन अमरीकी डालर की रक्षा ऋण सहायता प्रदान की है, जिसमें से 100 मिलियन अमरीकी डालर के ऋण का श्रीलंका उपयोग कर चुका है।

*****

एमजी/एमएस/एआर/एके/एजे


(Release ID: 1930591) Visitor Counter : 387