कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने “डीएआरपीजी की 9 साल की उपलब्धि” पर पुस्तिका जारी करते हुए कहा पीएम मोदी के कार्यकाल में प्रशासनिक सुधारों का उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन रहा है


डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में “डीएआरपीजी के 9 साल सेवा के 2014-2023” विषय पर एक वेबिनार में उद्घाटन वक्तव्य दिया

डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा क्रांतिकारी प्रशासनिक सुधारों में समेकित दृष्टिकोण, और बड़े पैमाने पर तकनीक का उपयोग, दो मजबूत कारण रहे

Posted On: 02 JUN 2023 5:12PM by PIB Delhi

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्रालय, डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने आज कहा- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 9 वर्षीय कार्यकाल में प्रशासनिक सुधारों का दूरगामी उद्देश्य सामाजिक आर्थिक परिवर्तन रहा है।

नई दिल्ली में प्रशासनिक सुधारों पर एक वेबिनार में उद्घाटन वक्तव्य देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग और एकीकृत दृष्टिकोण पिछले नौ वर्षों में किए गए क्रांतिकारी प्रशासनिक सुधारों के कारण के रूप में जुड़वां स्तंभ रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 9 साल (2014-2023) के प्रशासनिक सुधारों पर दो पुस्तिकाएं और एक फ्लायर और उसका ई-संस्करण भी जारी किया।

 प्रशासनिक सुधारों पर बात करते हुए डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा 2014 में श्री नरेन्‍द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद, प्रधानमंत्री ने हमें न्यूनतम सरकार अधिकतम सुशासन का मंत्र दिया है जिसका अर्थ है सरकार एक सुविधाप्रदाता के रूप में कार्य करें, न कि भय दिखाने वाले के रूप में। जब हम इस तरह की सरकार की बात करते हैं तो इसका मतलब है ज्यादा पारदर्शिता, जवाबदेही और सबसे ज्यादा नागरिकों की बढ़ी हुई भागीदारी।

 शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही के बारे में बोलते हुए श्री सिंह ने कहा स्वच्छ और प्रभावी सरकार के लिए मजबूत शिकायत निवारण तंत्र एक कसौटी है। शिकायतों के निपटान में सुधार और समय सीमा को कम करने के लिए 10 चरणों वाली सीपीजीआरएएमएस सुधार प्रक्रिया को अपनाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप साप्ताहिक शिकायत निपटान दर 95 से 100 प्रतिशत  तक पहुँच गया है। केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों का औसत शिकायत निपटान समय 2021 में 32 दिनों से घटकर 2022 में 27 और अप्रैल 2023 में 17 दिनों तक हो गया है। अप्रैल 2023 के आंकड़े बताते हैं कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में 67,932 शिकायतें लंबित हैं जबकि 1,06,847 शिकायतों का निपटारा किया गया है। डीएआरपीजी ने एक प्रक्रिया स्थापित की है जिसमें शिकायत के निपटारे के बाद शिकायतकर्ता को बीएसएनएल फीडबैक कॉल सेंटर के माध्यम से उनके संतुष्टि के स्तर को जानने के लिए फ़ोन पर कॉल किया जाता है। सीपीजीआरएएमएस को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है और यह 5 लाख से अधिक सीएससीएस पर उपलब्ध है जो, 2.5 लाख ग्राम स्तर के उद्यमियों के साथ जुड़ा हुआ है। इस जुड़ाव ने सभी ग्राम पंचायतों में इसकी उपस्थिति के कारण नागरिकों को देश के दूरस्थ कोनों में सीपीजीआरएएमएमएस से संबंधित सेवाओं का लाभ उठाने में मदद की है।

प्रशासनिक सुधारों पर बात करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कई लीक से हटकर उठाए गए सरकारी उपायों की जानकारी दी, जिसमें राजपत्रित अधिकारी द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन की सदियों पुरानी औपनिवेशक प्रथा को समाप्त करना और इसे स्व-सत्यापन द्वारा प्रति स्थापित करना, अराजपत्रित ग्रुप बी और ग्रुप सी(2016 से) कर्मचारियों के लिए साक्षात्कार को समाप्त करना, नए आईएएस अधिकारियों के सहायक सचिव के रूप में तीन महीने का केंद्रीय कार्यकाल, लोक प्रशासन में उत्कृष्ट योगदान के लिए पीएम पुरस्कारों की संरचना में सुधार और लगभग 1450 सरकारी नियमों को समाप्त करना शामिल है।

 डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि सिविल सेवकों के प्रयत्नों और असाधारण सेवाओं को मान्यता देने, लोक प्रशासन में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2014 के बाद पीएम के उत्कृष्टता पुरस्कार की प्रक्रिया और चयन को संस्था गत रूप दे दिया गया है और अब यह जिला कलेक्टर या सिविल सेवक के व्यक्तिगत प्रयासों के बजाय जिले के प्रदर्शन पर आधारित होगा। उन्होंने कहा जिले में फ्लैगशिप योजनाओं के कार्यान्वयन के पैमाने और रेटिंग का आकलन करने के लिए लाया गया है और एक कामचलाऊ उपाय है। पिछले कुछ वर्षों में जिलों के नामांकन में काफी वृद्धि देखी गई है। यह पुरस्कार न केवल नई प्रथाओं और नवाचारों को शुरू करने के लिए प्रेरणा प्रदान करते हैं बल्कि, भारत के विभिन्न हिस्सों में इन नवाचारों और प्रथाओं के प्रसार के लिए एक माध्यम भी बन गए हैं। इस प्रकार भारत के नागरिकों की बेहतरी में योगदान भी करते हैं। 2520 की रिकार्ड संख्या में पूर्ण आवेदन प्राप्त हुए हैं और 763 में से कुल 743 जिलों ने प्रधानमंत्री पुरस्कार 2022 के लिए पंजीकरण किया है। प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना के तहत 2016 और 2017 के प्रत्येक वर्ष में 12 पुरस्कार प्रदान किए गए। 2018, 2019, 2020 और 2021 में इस योजना के तहत क्रमशः15,16,15 और 16 प्रधानमंत्री पुरस्कार दिए गए। 21 अप्रैल 2023 को 16वें सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना 2022 के तहत 15 पुरस्कार प्रदान किए गए।

शासन सुधार की पहल के बारे में बात करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए एक सूचकांक विकसित किया गया है। ‘सुशासन दिवस 25 दिसंबर 2019’ को डीएआरपीजी ने सुशासन सूचकांक ढांचा शुरू किया और राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिए रैंकिंग प्रकाशित की है। इससे शासन में बेहतर प्रदर्शन हुआ है और जीजीआई 2021 के तहत 20 राज्यों ने अपने समग्र जीजीआई स्कोर में सुधार किया है। इसी तरह के पैटर्न पर जिला स्तर पर शासन की स्थिति को मापने के लिए डीएआरपीजी ने जिला सुशासन सूचकांक तैयार किया है। इसने जनवरी 2022 में पहली बार डीजीजीआई को प्रकाशित करने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन के साथ सहयोग किया और इसके अनुकरण में गुजरात, यूपी और अरुणाचल प्रदेश में डीजीजीआई प्रकाशित की गई, जबकि महाराष्ट्र में डीजीजीआई की तैयारी चल रही है।

‘मिशन कर्म योगी’ के मूलमंत्र ‘रूल टू रोल’ का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा सिविल सेवकों को एक नई और चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए खुद को तैयार करना चाहिए क्योंकि सरकार की अधिकांश प्रमुख योजनाएं अब काफी हद तक नवीन प्रौद्योगिकी पर आधारित होंगी।

 डॉक्टर सिंह ने स्वच्छता 1.0 और 2.0 अभियानों के सफल आयोजन के लिए डीएआरपीजी टीम की सराहना भी की। उन्होंने कहा पहली बार समाज को यह अहसास हुआ कि स्वच्छता से भी धन कमाया जा सकता है। स्वच्छता अभियान 2.0, 1 लाख से अधिक कार्य स्थलों में आयोजित किया गया। जहाँ 89.85 लाख वर्ग फुट जगह को खाली किया गया। इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप सहित कार्यालय स्क्रैप के निपटान से 370.83 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया। इसके अलावा डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड प्रकोप के समय मंत्रालय में एक भी दिन काम बाधित नहीं हुआ बल्कि कभी-कभी तो अधिक कार्य किया गया।

 डिजिटल परिवर्तनों की बात करते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सचिवालय के सभी 75 मंत्रालयों विभागों में ई-ऑफिस संस्करण 7.0 को अपनाया गया है। यह एक सराहनीय उपलब्धि है कि आज केंद्रीय सचिवालय में 89.6 प्रतिशत फ़ाइलों को ई-फाइल के रूप में निपटाया जा रहा है। 2022 में डीएपीआरपीजी ने उत्तरदायी और जिम्मेदार शासन के लिए सरकारी प्रक्रियाओं में इस सरलता दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए केंद्रीय सचिवालय मैनुअल ऑफ ऑफिस प्रोसीजर सीएसएमओपी तैयार किया है।

राष्ट्रीय ई गवर्नेंस सर्विस डिलिवरी एसेसमेंट (एनईएसडीए) का उल्लेख करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि 2021 में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 1400 से अधिक सेवाओं का मूल्यांकन किया गया और इसमें नागरिक संतुष्टि स्तर 74 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पाया गया।

 राज्य प्रशासन में सुधार लाने में डीएआरपीजी की भूमिका की सराहना करते हुए एमओएस (पीपी) ने कहा कि 2014 और 2023 के बीच देशभर में सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रसार पर 23 क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए गए। सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिए राज्य सरकारों के साथ सहयोग करने के लिए डीएआरपीजी ने राज्य सहयोगी योजना के तहत 77 परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की। इसी तरह डीएआरपीजी ने विभिन्न देशों की सर्वोत्तम प्रशासनिक प्रथा को अपनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 6 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। डीएआरपीजी ने सार्वजनिक सेवा वितरण में गुणवत्ता आधारित सुधार के लिए ‘सेवोत्तम योजना’ के तहत 10 राज्यों के एटीआई को वित्तीय सहायता प्रदान की।

 डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी, शासन में नवाचारों के पक्षधर व्यक्ति हैं और चिंतन शिविर ने अमृत काल में दूरगामी प्रशासनिक सुधारों का प्रतिनिधित्व करने वाले शासन का एक भविष्यवादी मॉडल निर्धारित किया है। चिंतन शिविर एक प्रशासनिक सर्वोत्तम अभ्यास का प्रतिनिधित्व करता है जहाँ डी-साइलोजेशन और विचारों का मुक्त आदान-प्रदान संभव हो पाया है। 48-72 घंटे की औसत अवधि में चिंतन शिविर में वर्टिकल साइलो को तोड़ने का संकल्प का टीम निर्माण अभ्यास में किया गया। मंत्री महोदय ने 21वीं सदी के शासन मॉडल के अनुकूल संस्थागत डायनेमिक्स को बदलने के लिए प्रत्येक मंत्रालय से चिंतन शिविर आयोजित करने का आह्वान किया।

 डॉक्टर सिंह ने कहा कि जैसे-जैसे हमारा देश आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की इस यात्रा पर आगे बढ़ रहा है यह अनिवार्य होता जा रहा है कि हम अपने नागरिकों को सशक्त बनाने पर ध्यान दें और पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक हमारी पहुँच हो, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अक्सर कहते हैं हमारे नागरिकों को सशक्त बनाने का मतलब यह सुनिश्चित करना है कि हमारे देश में प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य-सेवा, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुँच हो। इसका अर्थ एक ऐसे वातावरण का विकास भी है, जहाँ प्रत्येक नागरिक को अपनी पूरी क्षमता को विकसित करने का अवसर मिले। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विजन-2047 की दिशा में काम करने की आवश्यकता है, जिसमें, अधिकतम तकनीकी सुधार और सर्वोत्तम समाधान को शामिल किया जा सके।

***

एमजी/एमएस/आरपी/पीएस/एसएस  


(Release ID: 1929632) Visitor Counter : 177
Read this release in: Telugu , English , Urdu , Manipuri