पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय ने मुंबई में पूर्वोत्तर निवेशक रोड शो आयोजित किया

Posted On: 29 MAY 2023 9:43PM by PIB Delhi

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर निवेशक रोडशो को लेकर निवेशकों ने अपनी रूचि दिखाई। इसके तहत एक दिन में 200 से अधिक बिजनेस-टू-गवर्नमेंट (बी2जी) बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में निवेशकों के अलावा उत्तर पूर्व के प्रमुख नीति निर्माताओं और सरकारी अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव श्री लोक रंजन ने पहले मुंबई निवेशक रोडशो को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में निवेशकों की रूचि के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र ने कई औद्योगिक उपलब्धियां प्राप्त की हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय जैसे सुविधा प्रदाताओं ने मिलकर कारोबारियों के साथ कई निवेश योग्य अवसरों पर चर्चा की। कारोबारियों के साथ हमारी बातचीत के दौरान उत्तर पूर्व से संबंधित कई स्वागत योग्य और सक्रिय अनुभव सामने आए।”

उन्होंने आगे कहा, “उत्तर पूर्वी क्षेत्र में निवेश करने और उद्यमशीलता की भावना विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बांग्लादेश और भारत के बीच त्रिभुजीय राजमार्ग की प्रगति एकीकरण की संभावनाओं को और अधिक बढ़ाएगी। हमें विभिन्न हितधारकों से महत्वपूर्ण समर्थन और योगदान मिल रहा है। लॉजिस्टिक्स पर उचित ध्यान दिया गया है और खाद्य प्रसंस्करण, आईटी व सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में पूंजी निवेश किया गया है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र मंत्रालय के दृष्टिकोण से हम इन पहलों को निवेशकों द्वारा उत्सुकता से अपनाए गए सक्रिय कदमों के रूप में देखते हैं।"

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उत्तर पूर्वी राज्यों व डोनर मंत्रालय के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और फिक्की (उद्योग भागीदार), ईवाई (ज्ञान साझेदार) और इन्वेस्ट इंडिया (निवेश सुविधा भागीदार) के अधिकारियों ने नए युग को ध्यान में रखते हुए निवेशकों का मार्गदर्शन किया। इसके अलावा उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम (एनईएचएचडीसी), उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी), उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम (एनईडीएफआई) और उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (नेरामक) के वरिष्ठ अधिकारियों ने निवेशक रोडशो के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इस आयोजन में प्रमुख उद्योग संघों, वैश्विक निवेशकों और उद्यमियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई।

इस रोडशो के दौरान उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव श्री लोक रंजन और संयुक्त सचिव श्री हरप्रीत सिंह, फिक्की उत्तर पूर्व सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री रंजीत बर्ठाकुर उपस्थित थे, जिन्होंने उत्तर पूर्व भारत के प्रचुर व्यापार और निवेश क्षमता पर विचार-विमर्श किया। श्री हरप्रीत सिंह ने मुंबई में उत्तर पूर्व रोडशो में निवेशकों का स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “उत्तर पूर्व क्षेत्र एक सम्मोहक व्यवसाय और औद्योगिक गंतव्य है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसे देश का ग्रोथ-इंजन चालक बताया है। यह क्षेत्र दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों और उससे आगे के क्षेत्र का प्रवेश द्वार है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने कई प्राथमिकता वाले और प्रमुख क्षेत्रों जैसे कि- कृषि, खाद्य प्रसंस्करण व संबद्ध क्षेत्र, शिक्षा व कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवा व चिकित्सा, विद्युत उत्पादन, वस्त्र हस्तशिल्प व हथकरघा, आईटी व आईटी सक्षमकर्ता सेवाएं और पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र की पहचान की है। उत्तर पूर्वी राज्यों की राजधानियों में मंत्रालय के गोलमेज सम्मेलन के बाद इस क्षेत्र के कई राज्यों ने औद्योगिक और निवेश विकास पर अधिकार प्राप्त समितियों का गठन किया है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली व्यापार और औद्योगिक सहायता में काफी महत्वपूर्ण है, जो इस क्षेत्र में व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक निवेशकों को सुविधा प्रदान करती है।”

उत्तर पूर्व क्षेत्र दहाई अंकों में जैविक वृद्धि के इच्‍छुक उद्यमों के लिए विशाल अवसर प्रदान करता है। इसमें कुछ शीर्ष व्यापारिक घरानों ने हिस्सा लिया। इनमें डाबर, पतंजलि, अमूल, पार्ले एग्रो, पेप्सीको, आईटीसी, ब्रिटानिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, सन फार्मास्युटिकल्स, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, इंडियन ऑयल, अदाणी वेंचर्स, महिंद्रा हॉलीडे और कई अन्य शामिल हैं।

मीडिया के साथ बातचीत के दौरान प्रमुख सरकारी अधिकारियों और राज्य के प्रतिनिधियों ने विभिन्न विषयों पर सवालों के जवाब दिए। उद्यमिता को लेकर अधिकारियों ने बताया कि कैसे उत्तर पूर्व क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स अपनी सहायता के लिए इनक्यूबेटर कार्यक्रम- असम नेस्ट जैसे कई कार्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं। इन स्टार्ट-अप पहलों के बीच मिजोरम में उद्यमी विकास योजना में महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों को स्टार्ट-अप सहायता के रूप में 60 फीसदी वित्त प्रदान किए जाने का उल्लेख किया गया। इसके अलावा निवेशकों और मीडिया को अरुणाचल प्रदेश (मिशन व निवेश पार्क) और नगालैंड द्वारा स्थापित सफल कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई।

श्री रंजन ने स्टार्ट-अप और व्यावसायिक संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "केंद्र और राज्य सरकारें स्टार्ट-अप्स की क्षमता का अनुभव करती हैं। उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम (एनईडीएफआई) जैसी एजेंसियों ने स्टार्ट-अप्स को सहायता प्रदान कर सफलता प्राप्त की है। मंत्रालय के पास भी स्टार्ट-अप्स के लिए कई अनुरोध हैं, जिन्हें हमने अद्वितीय इनक्यूबेशन कार्यक्रमों के माध्यम से सहायता प्रदान की है। हम एक नई प्रणाली के विभिन्न स्तरों के अधीन हैं, जो स्टार्ट-अप्स को मंत्रालय से जरूरी समर्थन और सहायता प्राप्त करने में मदद करेगी।"

दक्षिण पूर्व एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए उत्तर पूर्व एक रणनीतिक प्रवेश द्वार है। उत्तर पूर्व के आठ राज्यों में से हर एक राज्य निवेशकों को महत्वपूर्ण व्यावसायिक लाभ प्रदान करता है। सिक्किम, जिसे देश के पहले पूर्ण जैविक राज्य के रूप में जाना जाता है, में भी औषध व्यवसायों में एक तेजी देखी गई है। इसके अलावा मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों की रूचि बढ़ी है। वहीं, हाल के वर्षों में अरुणाचल प्रदेश, असम और नगालैंड जैसे राज्यों में विद्युत उत्पादन, जैव प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक संसाधन और इको-टूरिज्म जैसे क्षेत्र निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो गए हैं। हाल ही में उत्तर-पूर्वी राज्यों ने जी20 बैठकों की भी मेजबानी की है।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र भारत के पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के आर्थिक लक्ष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। हाल ही में इस क्षेत्र में क्षमता निर्माण को लेकर महत्वपूर्ण सरकारी निवेश किया गया है। साफ तौर पर इस क्षेत्र में विशेष योजनाओं और पैकेजों के माध्यम से तीव्र, मजबूत और सतत विकास के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इनमें गैर-व्यपगत केंद्रीय संसाधनों का पूल (एनएलसीपीआर) योजना, सामाजिक और बुनियादी ढांचा विकास निधि (एसआईडीएफ), प्रधानमंत्री-डिवाइन योजना और अन्य शामिल हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र को 'अष्टलक्ष्मी' या धन की आठ देवी बताया है।

उत्तर पूर्व वैश्विक निवेशक सम्मेलन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख अभियान है। इस सम्मेलन के एक हिस्से के तहत असम, त्रिपुरा, मिजोरम, सिक्किम और मेघालय में निवेशक गोलमेज सम्मेलन के सफल आयोजन किए गए हैं। इसके अलावा अन्य उत्तर पूर्व राज्यों में आयोजित किए जाने वाले हैं। इस साल के अंत में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले प्रमुख निवेशक सम्मेलन से पहले मंत्रालय द्वारा मुंबई की ही तरह हैदराबाद, कोलकाता और ढाका (बांग्लादेश) में निवेशक रोडशो आयोजित किए जाने की उम्मीद है।

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