रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
'रसायन और पेट्रोरसायन: हरित प्रौद्योगिकियों और डिजिटलिकरण के माध्यम से सतत बदलाव' पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आज नई दिल्ली में आयोजन
Posted On:
24 MAY 2023 7:33PM by PIB Delhi
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के रसायन और पेट्रोरसायन विभाग ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से आज नई दिल्ली में 'रसायन और पेट्रोरसायन: हरित प्रौद्योगिकियों और डिजिटलीकरण के माध्यम से सतत बदलाव' पर बी20 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने दर्शकों को वर्चुअली रुप से संबोधित किया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में रासायनिक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) क्षेत्र में कुशल जनशक्ति की मांग को पूरा करने के लिए क्षेत्र में प्रति वर्ष लगभग 1.2 लाख लोगों को कौशल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल अर्थव्यवस्था, शिक्षा, ऊर्जा संक्रमण और पर्यावरण और जलवायु स्थिरता सरकार के चार प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं।
रसायन और उर्वरक और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने पिछले 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि पर प्रकाश डाला। इस अवधि के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 10वें स्थान से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। विश्व बैंक ने यह भी स्वीकार किया है कि भारत अन्य प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में वैश्विक प्रतिकूलताओं को नेविगेट करने के लिए बेहतर स्थिति में है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता के 9 यूरिया संयंत्र स्थापित किए गए हैं और जल्द ही भारत के यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की उम्मीद है।
रसायन और पेट्रोरसायन विभाग के सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरणीय अनुपालन को छोड़कर रासायनिक क्षेत्र लाइसेंसमुक्त और नियंत्रणमुक्त है। उन्होंने देश में उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए निजी क्षेत्र के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि "2070 तक नेट जीरो" के आह्वान को हासिल करने के लिए, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग इस क्षेत्र में उपलब्ध जबरदस्त क्षमता का दोहन करने के लिए लगन से काम कर रहा है और इस क्षेत्र में ग्रीन इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करने के लिए सुविधाजनक नीतियां बनाने की पर्याप्त गुंजाइश है।
सम्मेलन के दौरान (एक) रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग में स्थिरता, (दो) रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग में शुद्ध शून्य/स्थिरता प्राप्त करने के रास्ते, (तीन) अनुसंधान एवं विकास, रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग में प्रौद्योगिकी और डिजिटल परिवर्तन पर विचार-विमर्श किया गया और (चार) सतत इकोसिस्टम के लिए समावेशी और अनुकूली कौशल पर चर्चा की गई।
भारत और विदेशों से 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने बी20 देशों में उद्योग/एसोसिएशन/फेडरेशन से सरकार के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन में जर्मनी, मेक्सिको, रूस, हंगरी, अमेरिका, बेल्जियम, सिंगापुर, यूएई और दक्षिण कोरिया के उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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