सूचना और प्रसारण मंत्रालय
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प्रधानमंत्री के 'मन की बात' कार्यक्रम की 100वीं कड़ी का गोवा के राजभवन में प्रसारण


राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने 'मन की बात' को सबसे बड़ा अराजनैतिक और सकारात्मक जनसंचार कार्यक्रम बताया

पद्म पुरस्कार विजेता सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी, ब्रह्मानंद शंखवलकर, विनायक खेडेकर और एमकेबी में उल्लिखित कलाकार प्रसारण के दौरान उपस्थित थे

Posted On: 30 APR 2023 3:48PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के मासिक संबोधन 'मन की बात' की 100वीं कड़ी का आज गोवा राजभवन में विशेष प्रसारण आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई और कई पद्म पुरस्कार विजेताओं ने भाग लिया, जिनमें सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी, ब्रह्मानंद शंखवलकर, विनायक खेडेकर और गोवा के स्थानीय कलाकार जैसे सागर नाइक मुले और गुरुदत्त वंतेकर शामिल थे। इस कार्यक्रम में ‘मन की बात’ की पिछली कड़ी में प्रधानमंत्री द्वारा उल्लिखित पद्म पुरस्कार विजेताओं और गोवावासियों को भी सम्‍मानित किया गया। समारोह में लगभग 400 लोग उपस्थित थे।

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इस अवसर पर, राज्यपाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कार्यक्रम का राष्ट्र पर और विशेष रूप से स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा जल संरक्षण के क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कार्यक्रम का गैर-राजनीतिक दृष्टिकोण और राजनीति, जाति तथा पंथ से परे रवैया इसकी सफलता के महत्वपूर्ण कारक के रूप में सराहा गया।

राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि कार्यक्रम पारंपरिक भारत और उसके मूल्यों को दर्शाता है, और इसके साथ ही एक आधुनिक समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए एक दृष्टि भी प्रस्तुत करता है। कार्यक्रम का मुख्‍य जोर समग्र रूप से राष्ट्र के निर्माण पर रहा जो देश के विकास को गति प्रदान करने में सहायक रहा है। उन्होंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की सराहना की और इसे देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक संपर्क प्रसारण कार्यक्रम बताया। उन्‍होंने कहा कि यह देश की बड़ी उपलब्धियों में से भी एक है।

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राज्यपाल ने कहा कि ‘मन की बात’ पारंपरिक भारत का प्रतिबिंब है और इस कार्यक्रम के माध्यम से देश विकास की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने इसे भारत का सबसे बड़ा जन संपर्क प्रसारण कार्यक्रम और देश की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया।

केंद्रीय संचार ब्यूरो ने कार्यक्रम के अंतर्गत ‘मन की बात’ और आजादी का अमृत महोत्सव नामक एक प्रदर्शनी भी आयोजित की। प्रदर्शनी में कार्यक्रम की 100 कडि़यों के प्रेरणादायक क्षणों के साथ-साथ देश की आजादी के आंदोलन के कुछ महत्‍वपूर्ण अवसरों को भी दर्शाया गया है। इसमें एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो की प्रतिकृति स्थापित गई, जिसके समक्ष बहुत से मेहमानों ने अपना फोटो खिंचवाना पसंद किया। इसके अलावा आकाशवाणी पणजी के पुराने रेडियो उपकरण भी प्रदर्शनी में दर्शाये गए। बहुत से मेहमान इन पुराने रेडियो उपकरणों के साथ रिकॉर्डिंग रूम की प्रतिकृति के अंदर फोटो खिंचवाने के लिए फोटो बूथ पर उमड़ पड़े।

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प्रदर्शनी में रखी टिप्पणी पुस्तिका में दर्ज अपनी टिप्‍पणी में राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई ने इस तरह के आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय की विभिन्न इकाइयों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि इस देश के लोगों को प्रबुद्ध और प्रेरित करने के लिए इस तरह के प्रयास सराहनीय हैं।

‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी का उत्सव भारत के लोगों को बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित और प्रोत्‍साहित करने में कार्यक्रम के अपार योगदान का साक्षी है। यह कार्यक्रम पहली बार 3 अक्टूबर 2014 को विजयदशमी के शुभ अवसर पर प्रसारित किया गया था और देश के अनगिनत श्रोताओं के जीवन को बदलने में कामयाब रहा है।

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