वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 49वें भारतीय रत्न और आभूषण पुरस्कार में शीर्ष निर्यातकों को सम्मानित किया
रत्न और आभूषण उद्योग ने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है और चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक माहौल के बावजूद बेहतर परिणाम हासिल किए हैं: पीयूष गोयल
Posted On:
23 APR 2023 8:07PM by PIB Delhi
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई में भारतीय रत्न और आभूषण पुरस्कार के 49वें संस्करण में भाग लिया। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में इस क्षेत्र के शीर्ष निर्यातकों को सम्मानित किया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने पुरस्कार समारोह के दौरान 28 शीर्ष निर्यातकों और सुविधा प्रदानकर्ताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर सम्मानित अतिथि तौर पर मुंबई में बेल्जियम के महावाणिज्यदूत फ्रैंक गीर्केंस, जीजेईपीसी के अध्यक्ष विपुल शाह, निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सेंथिलनाथन, सांताक्रूज़ इलेक्ट्रॉनिक निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (एसईईपीज़ेड) के विकास आयुक्त श्री श्याम जगन्नाथन और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे।
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इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री पीयूष गोयल ने जीजेईपीसी को सफलतापूर्वक पुरस्कार समारोह आयोजित करने और रत्न और आभूषण उद्योग प्रमुखों को संबोधित करने का अवसर देने के लिए शुभकामनाऐ दीं। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि उन्हें आशा है कि सभी पुरस्कार विजेता और उम्मीदवार दृढ़ता से कार्य करने और देश एवं उद्योग को गौरवान्वित करने के लिए प्रतिस्पर्धा की सच्ची भावना के साथ मिलकर निरंतर कार्य करते रखेंगे। केंद्रीय मंत्री ने दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ने और प्रतिकूल वैश्विक आर्थिक माहौल के बावजूद अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए उद्योग की सराहना की। श्री गोयल ने देश में सभी क्षेत्रों में निर्यात की व्यवस्थित वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एसईईपीज़ेड द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रसन्नता जताई।
रत्न और आभूषण उद्योग पर अपने विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग के उत्पादों के डिजाइन, सौंदर्य और परंपरा एवं इनमें आधुनिकता का मिश्रण भारतीयता के भाव को दर्शाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि रत्न और आभूषण उद्योग देश के युवाओं के लिए लाखों रोजगार और अवसर सृजित करते हुए अपनी विकास गाथा जारी रखेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार में हम यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि व्यापार करने में आसानी हो ताकि इस क्षेत्र से जुड़े सभी उद्योग सत्यनिष्ठा और कुशलता से व्यवसाय करना जारी रखें।
मंत्री महोदय ने कहा कि कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच भी सहयोग और मित्रता की भावना ही रत्न और आभूषण उद्योग को दूसरों से अलग करती है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व ही सरकार को यह शक्ति और दृढ़ संकल्प देता है कि किस प्रकार से स्वतंत्रता के 100वें वर्ष अर्थात 2047 तक भारत का एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनना सुनिश्चित किया जा सके।
जीजेईपीसी के अध्यक्ष श्री विपुल शाह ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत से माल और सेवाओं दोनों को मिलाकर कुल निर्यात में 770 बिलियन डॉलर की शानदार उपलब्धि के लिए बधाई दी। संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) और भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए, जीजेईपीसी के अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि मुक्त व्यापार समझौते के लिए ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ वर्तमान में जारी वार्तालाप से निर्यातकों को निर्यात में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े तक पहुँचने में सहायता मिलेगी। ।
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जीजेईपीसी के अध्यक्ष विपुल शाह ने कहा कि सरकार की ओर से मुंबई में एसईईपीजेड के साथ व्यापक सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) में 100 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल का मानना है कि नवीनतम तकनीक के साथ मध्यम और लघु स्तर की इकाइयों की सहायता की जाए। उन्होंने कहा कि मंत्री महोदय के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण और संरक्षण के साथ तैयार किए जा रहे इस केंद्र का उद्घाटन इस वर्ष सितंबर में करने की योजना है। इसका संचालन और कार्यान्वयन परिषद द्वारा किया जाएगा। इस केन्द्र के लिए एक विशेष समिति और परिषद द्वारा सचिवालय पहले ही स्थापित किया जा चुका है जो रिकॉर्ड समय में इसे कार्यान्वित करने के लिए दैनिक आधार पर एसईईपीजेड प्राधिकरणों के साथ समन्वय कर रहा है। उन्होंने कहा कि जीजेईपीसी ने पहले ही नवी मुंबई में दुनिया के सबसे बड़े आभूषण पार्कों में से एक का निर्माण प्रारंभ कर दिया है। श्री विपुल शाह ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से इस प्रतिष्ठान की स्थापना के लिए मार्गदर्शन मांगा है जो तुर्की अथवा इटली की तरह ही आभूषणों के भारतीय निर्यात को इन्हीं के अनुरूप बदलना चाहता है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए, कुल रत्न और आभूषण निर्यात 2.48% बढ़कर पिछले वर्ष इसी अवधि के लिए 293193.19 करोड़ रुपये की तुलना में 300462.52 करोड़ रुपये हो गया है। अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में, कुल रत्न और आभूषण निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि के 39331.71 मिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 37468.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
बदलते व्यावसायिक परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाने के लिए, पुरस्कार समारोह के 49वें संस्करण में नई पुरस्कार श्रेणियों जैसे ग्राहकों की अधिकतम संख्या, प्रयोगशाला में विकसित हीरे और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचार, नया व्यवसाय मॉडल, सेवा क्षेत्र, पेटेंट, डिजिटल, ई-कॉमर्स को शामिल किया गया । "ब्रांड इंडिया" के प्रचार में व्यावसायिक उत्कृष्टता और योगदान प्रदर्शित करने वाली कंपनियों को मान्यता देने के अलावा, जीजेईपीसी ने वुमन एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर और उद्योग को वित्तपोषित करने वाले बैंकों को भी सम्मानित किया।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के बारे में
भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 1966 में स्थापित रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी), भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कई निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) में से एक है, जिसे देश में निर्यात पर जोर देने के लिए प्रारंभ किया गया है। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के बाद की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश दिलाना है। 1998 से, जीजेईपीसी को स्वायत्तता का दर्जा दिया गया है। जीजेईपीसी रत्न और आभूषण उद्योग का शीर्ष निकाय है और आज इस क्षेत्र में 9000 सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता है। मुंबई में मुख्यालय के साथ, जीजेईपीसी के नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, सूरत और जयपुर में क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जो सभी उद्योग के प्रमुख केंद्र हैं। इस प्रकार अपनी व्यापक पहुँच के माध्यम से यह प्रत्यक्ष और अधिक सार्थक तरीके से सदस्यों की सेवा करने के लिए सदस्यों के साथ घनिष्ठ संपर्क करने में सक्षम है। पिछले दशकों में, जीजेईपीसी सबसे सक्रिय ईपीसी में से एक के रूप में उभरा है और अपनी प्रचार गतिविधियों में अपनी पहुंच और गहनता दोनों का विस्तार करने के साथ-साथ अपने सदस्यों के लिए सेवाओं को और व्यापक बनाने और बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।
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