संस्कृति मंत्रालय
संस्कृति कार्य समूह ‘सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन’ पर 19 अप्रैल को तीसरे वैश्विक विषयगत वेबिनार का आयोजन करेगा
Posted On:
18 APR 2023 5:56PM by PIB Delhi
वैश्विक विषयगत वेबिनार की एक श्रृंखला के तहत भारत की जी20 अध्यक्षता में सांस्कृतिक कार्यकारी समूह (सीडब्ल्यूसी) द्वारा 19 जनवरी को दोपहर 12.30 बजे से रात 8.30 बजे तक “सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन” पर तीसरे वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है।
वेबिनार सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों के मौजूदा रुझानों, चुनौतियों और अवसरों पर प्रतिबिंबित करेगी। साथ ही, जी20 सदस्यों और अतिथि देशों के विशेषज्ञों के साथ-साथ प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संगठनों को एक साथ लाएगा। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित वेबिनार की सीडब्ल्यूजी की ज्ञान भागीदार द्वारा मेजबानी की जा रही है और उसे सुगम बनाया जा रहा है।
सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योग और रचनात्मक अर्थव्यवस्था, हमारे वैश्विक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही, दुनिया भर में सकल घरेलू उत्पाद में 3.1 प्रतिशत का योगदान करते हैं। यह पर्याप्त आर्थिक प्रभाव हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को समृद्ध करने में योगदान देता है। विशेष रूप से, सांस्कृतिक और रचनात्मक क्षेत्र किसी अन्य की तुलना में 15-29 आयु वर्ग के अधिक लोगों को रोजगार देता है और इसलिए यह युवा रोजगार को बढ़ावा देने की एक मजबूत क्षमता प्रदर्शित करता है।
भले ही, सांस्कृतिक क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, लेकिन इसका दीर्घकालिक विकास रचनात्मक अर्थव्यवस्था की मानक परिभाषा के अभाव और इसकी अनौपचारिक प्रकृति में योगदान देने वाले सांस्कृतिक डेटा के अपर्याप्त संग्रह से बाधित है। आज, वैश्विक रचनात्मक अर्थव्यवस्था का 60 प्रतिशत हिस्सा अनौपचारिक है। ये चुनौतियां न केवल सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों की स्थिति को प्रभावित करती हैं बल्कि व्यापक अर्थव्यवस्था पर भी अधिक प्रभाव डालती हैं।
इस वेबिनार का उद्देश्य एक समावेशी संवाद को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक विशेषज्ञ संचालित दृष्टिकोण से गहन चर्चा की सहूलियत प्रदान करना है।
इसका लक्ष्य ज्ञान की साझेदारी को प्रोत्साहन देना; सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों का दोहन; वैश्विक जीडीपी में रचनात्मक अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी बढ़ाना और क्षेत्र से जुड़े आर्थिक डेटा तैयार करने के उद्देश्य से सांस्कृतिक डेटा संग्रह में सुधार के लिए खामियों की पहचान, जरूरतों और अवसरों की पहचान करना है। यह इस काम को नियमबद्ध करने की दिशा में एक अहम कदम होगा। राष्ट्रीय खातों का एक उप समूह होने के नाते, इससे क्षेत्र के आर्थिक प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी और नीति-निर्माताओं को उभरती नीतियों और रणनीतियों के लिए व्यापक डेटा प्राप्त होगा, जिससे क्षेत्र की वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलेगा। वेबिनार ठोस परिणाम तैयार करने में जी20 सदस्यता के प्रभाव को भी सामने लाएगा।
इसमें तीन खंडों में विचार व्यक्त किए जाएंगे और विशेषज्ञों को संबंधित समय के लिए बोलने का मौका दिया जाएगा। वेबिनार को आईएलओ, अंकटाड और डब्ल्यूआईपीओ के प्रतिनिधियों द्वारा विषय पर विशेषज्ञता के साथ क्रमिक रूप से संचालित किया जाएगा। इसका यूनेस्को (पेरिस) के यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। अंतिम वैश्विक विषयगत वेबिनार 20 अप्रैल 2023 को होनी है और इसमें “संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल तकनीकों के दोहन” पर चर्चा की जाएगी।
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