संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने "अंतरिक्ष आधारित संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के आवंटन" के बारे में परामर्श पत्र जारी किया

Posted On: 06 APR 2023 4:59PM by PIB Delhi

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज "अंतरिक्ष आधारित संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के आवंटन" के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया है।

इससे पहले, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने अपने पत्र दिनांक 13.09.2021 के माध्यम से भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण से "अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी) / 5-जी के लिए पहचान की गई आवृत्तियों में स्पेक्ट्रम की नीलामी" के बारे में सिफारिशें प्रदान करने का अनुरोध किया था। उपरोक्त पत्र के माध्यम से, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण से अन्य बातों के साथ-साथ उचित फ्रीक्वेंसी बैंड, बैंड प्लान, ब्लॉक आकार, लागू आरक्षित मूल्य, नीलाम किए जाने वाले स्पेक्ट्रम की मात्रा और अंतरिक्ष-आधारित संचार के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी से जुड़ी सेवा शर्तों पर सिफारिशें प्रदान करने का भी अनुरोध किया गया था।

इस संबंध में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने 27.09.2021 और 23.11.2021 के पत्रों के माध्यम से दूरसंचार विभाग से अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के संबंध में जानकारी/स्पष्टीकरण मांगा था। दूरसंचार विभाग ने इसके जवाब में अपने पत्र दिनांक 27.11.2021 के माध्यम से, अन्य बातों के साथ-साथ सूचित किया कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण द्वारा मांगी गई अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के संबंध में जानकारी में कुछ समय लगेगा; इसलिए, 5-जी सेवा को शुरू करने में होने वाली देरी से बचने के लिए, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण, दूरसंचार विभाग के 13.09.2021 और 23.09.2021 के संदर्भ में संदर्भित अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं को छोड़कर मुद्दों पर परामर्श/सिफारिशों के साथ आगे बढ़ सकता है। दूरसंचार विभाग ने यह भी उल्लेख किया कि दूरसंचार विभाग से सूचना प्राप्त होने पर अंतरिक्ष आधारित संचार सेवाओं से संबंधित मुद्दों को अलग से लिया जा सकता है। इसके बाद, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने 11.04.2022 को 'आईएमटी/5-जी सेवा के लिए पहचाने गए फ्रीक्वेंसी बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी' पर सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं।

इसके बाद, दूरसंचार विभाग ने दिनांक 16.08.2022 के पत्र के माध्यम से भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण द्वारा दिनांक 27.09.2021 और 23.11.2021 के पत्रों के माध्यम से मांगी गई अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की थी। आवश्यक जानकारी प्रदान करते हुए, दूरसंचार विभाग ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण से कुछ अतिरिक्त मुद्दों पर सिफारिशें प्रदान करने का अनुरोध किया, जिनका नीचे उल्लेख किया गया है:

(ए) भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण, परामर्श के माध्यम से, अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं की मांग का आकलन कर सकता है और इसके अनुसार नीलामी के लिए आवश्यक प्रत्येक बैंड में स्पेक्ट्रम की मात्रा पर सिफारिशें प्रदान कर सकता है।

(बी) विशिष्ट आधार पर अन्तरिक्ष स्पेक्ट्रम की नीलामी की परिकल्पना की गई है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण कई सेवा लाइसेंसधारकों के बीच नीलाम किए गए स्पेक्ट्रम को साझा करने की व्यवहार्यता और प्रक्रिया का पता लगा सकता है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण सैटेलाइट नेटवर्क और टेरेस्ट्रियल नेटवर्क के बीच नीलाम किए गए फ्रीक्वेंसी बैंड को साझा करने, साझा करने के मानदंड और साझा करने और सह-अस्तित्व के लिए उचित हस्तक्षेप शमन तकनीक पर सिफारिशें प्रदान कर सकता है।

(सी) फ़्रीक्वेंसी बैंड 27.5-28.5 GHz (आईएमटी के लिए पहचाना गया) और 28.5-29.5 GHz (कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के लिए अध्ययन किया जा रहा है) में, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण, नीलाम किए गए फ़्रीक्वेंसी बैंड को साझा करने के लिए व्यवस्था की सिफारिश कर सकता है जिसमें आईएमटी/सीएनपीएन और सैटेलाइट दोनों- आधारित सेवाएं (उपयोगकर्ता टर्मिनल और गेटवे दोनों) आसान तरीके से प्रदान की जा सकती हैं।

(डी) चूंकि सेवा प्रदाताओं को यूजर लिंक के साथ-साथ फीडर लिंक दोनों में स्पेक्ट्रम की आवश्यकता हो सकती है, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण हितधारकों से सुझाव ले सकता है और उचित नीलामी पद्धति की सिफारिश कर सकता है ताकि सफल बोली लगाने वाले को उपयोगकर्ता को लिंक के साथ ही फीडर लिंक के लिए स्पेक्ट्रम मिल सके (आईएमटी के साथ फ्लेक्सिबल में साझा किया गया)

(ई) इसके अलावा, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण से अनुरोध किया जाता है कि नवीनतम आईटीयू-आर रेडियो विनियमों के प्रासंगिक प्रावधानों में उल्लिखित विनियामक/तकनीकी आवश्यकताओं सहित, इन फ्रीक्वेंसी बैंडों में स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रयोजन के लिए उचित समझी जाने वाली अन्य सिफारिशें प्रदान करें।

इसके बाद, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने 19.10.2022 के पत्र के माध्यम से दूरसंचार विभाग से जानकारी/स्पष्टीकरण मांगा, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह स्पष्ट करने के लिए दूरसंचार विभाग से अनुरोध किया गया था कि किस प्रकार की लाइसेंस सेवाओं के लिए, अंतरिक्ष-आधारित संचार के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी के माध्यम से प्रदान करने के बारे में परिकल्पना की गई है। जवाब में, दूरसंचार विभाग ने 16.12.2022 के पत्र के माध्यम से बताया कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण विस्तृत जांच के बाद प्रत्येक अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के लिए उपयुक्त सिफारिशें प्रदान कर सकता है। इसलिए, वर्तमान परामर्श पत्र में, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के लिए प्रासंगिक सभी स्पेक्ट्रम बैंडों पर विचार किया है, जैसा कि दूरसंचार विभाग द्वारा सूचित किया गया है।

इस संबंध में, "अंतरिक्ष आधारित संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के आवंटन" पर एक परामर्श पत्र, हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण की वेबसाइट (www.trai.gov.in) पर रखा गया है। इस परामर्श पत्र में हितधारकों के विचारार्थ विशिष्ट मुद्दे उठाए गए हैं। परामर्श पत्र में उठाए गए मुद्दों पर 4 मई 2023 तक हितधारकों से लिखित टिप्पणियां और 18 मई 2023 तक जवाबी-टिप्पणियां आमंत्रित की जाती हैं।

टिप्पणियां/जवाबी-टिप्पणियां, अधिमानतः इलेक्ट्रॉनिक रूप में advmn@trai.gov.in पर भेजी जा सकती हैं। किसी भी स्पष्टीकरण/सूचना के लिए, श्री अखिलेश कुमार त्रिवेदी, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के सलाहकार (नेटवर्क, स्पेक्ट्रम और लाइसेंसिंग), से टेलीफोन नंबर +91-11-23210481 पर संपर्क किया जा सकता है।

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