आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय

स्वच्छोत्सव 2023- अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस


स्वच्छता भारत के परिवर्तन का आधार है

एसबीएम-यू: जनभागीदारी से जन आंदोलन तक

स्वच्छता यात्रा: महिलाएं कचरा मुक्त शहरों के आंदोलन में अग्रणी

प्रभावी कचरा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण

एसबीएम-यू 2.0 के तहत ओडीएफ से कचरा मुक्त शहरों की ओर कदम

Posted On: 29 MAR 2023 3:50PM by PIB Delhi

आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप एस पुरी ने कहा है कि 2014 के बाद से, भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छता और कचरा प्रबंधन में परिवर्तन देखा है, स्वच्छता न केवल हर सरकारी योजना का एक मूलभूत सिद्धांत बन गया है बल्कि नागरिकों  के रहन-सहन में भी शामिल हो गया है। स्वच्छ भारत मिशन - शहरी (एसबीएम-यू) जनभागीदारी के सिद्धांत को स्थापित करने वाला पहला बड़े पैमाने का कार्यक्रम था। लोगों के स्वामित्व और इस मिशन के नेतृत्व ने इस सरकारी कार्यक्रम को एक जन कार्यक्रम में बदल दिया। एसबीएम-यू एक जन आंदोलन बन गया। मंत्री ने महिलाओं के नेतृत्व वाले जन आंदोलन के रूप में 'कचरा मुक्त शहरों के लिए रैली' की सराहना की, जहां लाखों नागरिकों ने अपनी सड़कों, पड़ोस और पार्कों की सफाई की जिम्मेदारी ली है।

श्री पुरी ने 'बदलाव की कहानियां' संग्रह का अनावरण किया, जिसमें कुछ आश्चर्यजनक जमीनी सफलताओं को शामिल किया गया है और जनसमूह को सूचित किया कि 300 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों ने विभिन्न कचरा प्रबंधन मॉडल सीखने के लिए शहरों की यात्रा की है। आवासन और शहरी कार्य मंत्री ने बदलाव लाने वाले 'स्वच्छता दूत' को बधाई दी, जिनमें से अनेक ने पहली बार यात्रा की और इस समृद्ध अनुभव ने उन्हें देखने, बातचीत करने और सीखने के लिए एक मंच प्रदान किया है।निर्माताओं, जिनमें से कई पहली बार यात्री हैं और इस समृद्ध अनुभव ने उन्हें देखने, बातचीत करने और सीखने के लिए एक मंच प्रदान किया। शहरी भारत में एक उद्यम के रूप में चार लाख महिलाएं सीधे स्वच्छता और कचरा प्रबंधन में लगी हुई हैं। स्वच्छ भारत मिशन के जरिये, हमने महिलाओं को न केवल सम्मान प्रदान किया, बल्कि आजीविका के ठोस अवसर भी प्रदान किए।

श्री पुरी ने नई दिल्ली में 'स्वच्छोत्सव - 2023: कचरा मुक्त शहरों के लिए रैली' के प्रतिभागियों को संबोधित किया, जिसका आयोजन शहरी विकास मंत्रालय ने जीआईजेड, पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण, परमाणु सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के लिए संघीय मंत्रालय;  यूएनईपी और यूएन हैबिटैट के सहयोग से अंतर्राष्‍ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस, 2023 के भारत के उत्‍सव के हिस्‍से के रूप में किया था। इस कार्यक्रम में कचरा मुक्त शहरों में सर्कुलरिटी में अच्छी कार्य प्रणालियों, कचरा मुक्त शहरों के लिए महिलाओं और युवाओं, कचरा मुक्त शहरों के लिए व्यवसाय और तकनीक पर चर्चा की गई, जिसमें 350 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें महापौर, आयुक्त, मिशन निदेशक, व्यापार और तकनीकी विशेषज्ञ, स्वच्छता में अग्रणी महिलाएं और युवा, तकनीकी संस्थान, विकास भागीदार इत्यादि शामिल थे।

मिशन की उपलब्धियों के बारे में, मंत्री ने बताया कि शहरी भारत खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बन गया है, जिसमें सभी 4,715 शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) पूरी तरह से ओडीएफ हैं, 3,547 यूएलबी कार्यात्मक और स्वच्छ सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों के साथ ओडीएफ+ हैं और 1,191 यूएलबी पूर्ण मल कीचड़ प्रबंधन के साथ ओडीएफ++ हैं। इसके अलावा, भारत में अपशिष्ट प्रसंस्करण जो 2014 में 17 प्रतिशत था, चार गुना बढ़कर आज 75 प्रतिशत हो गया है। इसे 97 प्रतिशत वार्डों में 100 प्रतिशत घर-घर जाकर कचरा संग्रह के माध्यम से सहायता मिली है और देश में सभी यूएलबी में लगभग 90 प्रतिशत वार्डों में नागरिकों द्वारा स्रोत पर कचरे को अलग करने का अभ्यास किया जा रहा है।

श्री पुरी ने विश्वास व्यक्त किया कि एसबीएम-यू के लक्ष्यों को प्राप्त करने में दिखाया गया संकल्प और दृढ़ संकल्प मिशन के दूसरे चरण (एसबीएम-यू 2.0) में कई गुना बढ़ जाएगा, जहां भारत का लक्ष्य कचरा मुक्त बनना है। उन्होंने देश में कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने में आज की 'कचरा मुक्त शहर' रैली के महत्व पर प्रकाश डाला, क्योंकि खपत पैटर्न में बदलाव और तेजी से शहरीकरण कचरा उत्पादन बढ़ाता है।

यूएलबी के बीच प्रतिस्पर्धी, मिशन-मोड की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए जनवरी 2018 में शुरू किए गए कचरा मुक्त शहरों -स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल की प्रगति की चर्चा करते हुए, उन्होंने गर्व से घोषणा की कि प्रमाणन पहले वर्ष में केवल 56 शहरों से बढ़कर अब तक 445 शहरों में पहुंच चुका है। हमने अब अक्टूबर 2024 तक कम से कम 1,000 3-स्टार कचरा मुक्त शहरों का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।

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कचरा प्रबंधन भारत की पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने की प्रतिबद्धताओं का एक महत्वपूर्ण पहलू है। पिछले वर्ष जून में, प्रधानमंत्री ने लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (लाइफ) आंदोलन की शुरुआत की और हममें से प्रत्येक से जीवन में 'वेस्ट टू वेल्थ' और सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा को अपनाकर 'प्रो-प्लैनेट पीपल' बनने का आग्रह किया था। वर्ष 2023-24 के बजट ने सूखे और गीले कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन पर अधिक ध्यान देकर सर्कुलर अर्थव्यवस्था बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री मनोज जोशी ने कचरा प्रबंधन की चक्रीयता सुनिश्चित करने और कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदलने के शून्य-अपशिष्ट दृष्टिकोण को लागू करने में महिला नेतृत्व की भूमिका की सराहना की। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को एक पेशेवर स्तर तक बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि इस समूह की उच्‍च आय सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, 'कचरा प्रबंधन में महिलाएं' से लेकर 'महिला नेतृत्व वाले कचरा मुक्त शहर' हमारे माननीय प्रधानमंत्री की कल्‍पना के अनुरूप वांछित परिणाम दिखा रहे हैं।

आवासन और शहरी कार्य मंत्री ने शहरों के महापौरों और आयुक्तों की सराहना की, जिन्होंने कचरा मुक्त शहरों के लिए 'स्वच्छता के नवरत्न' प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर किए थे और आशा व्यक्त की कि वे अपने शहरों में प्रत्येक नागरिक को 'कचरा मुक्त शहर' का संदेश प्रसारित करेंगे। इसके अलावा, श्री पुरी ने भारत में संयुक्त राष्ट्र, और शून्य कचरा दिवस कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए अन्य सहयोगी संगठनों के साथ-साथ स्‍वच्‍छता की हमेशा हिमायत करने वाले राज्यों और शहरों के प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया।

 

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