वित्‍त मंत्रालय

31 जुलाई 2022 को 72,42,156 आईटीआर दाखिल किये गए, जो एक दिन के लिए सबसे अधिक हैं


आईटीआर जमा किये जाने के 24 घंटे के भीतर कुल आईटीआर के 42.92% संसाधित किये गए

ऑनलाइन कर भुगतान प्रणाली टिन 2.0 में 19 बैंक शामिल हुए

Posted On: 20 MAR 2023 7:45PM by PIB Delhi

सरकार ने कराधान की निरंतरता और स्थिरता बनाए रखने, विभिन्न प्रावधानों को और सरल तथा युक्तिसंगत बनाकर अनुपालन बोझ को कम करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नागरिकों को कर राहत प्रदान करने के लिए के लिए हाल के वर्षों में कई उपाय किए हैं। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने यह बात आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।

मंत्री ने कहा कि ऐसे कुछ उपायों के विवरण, संलग्नक में दिए गए हैं।

मंत्री ने कहा कि निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए 24 घंटे की अवधि के भीतर आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर दाखिल और पोर्टल द्वारा संसाधित आयकर रिटर्न की अधिकतम, न्यूनतम और औसत संख्या इस प्रकार है:

एक दिन में आईटीआर दाखिल होने की सबसे कम संख्या: 01 (10 अप्रैल 2022 – यानि आईटीआर 1 और 4 लागू होने के दिन)

एक दिन में आईटीआर दाखिल करने की उच्चतम संख्या: 72,42,156 (31 जुलाई 2022, यानि धारा 139(1) के तहत रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख)

एक दिन में आईटीआर दाखिल करने की औसत संख्या: 2,82,559 (10 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक दाखिल कुल रिटर्न: 7,51,60,817। दिनों की संख्या: 266। 7,51,60,817/266 = 2,82,559)

इसके अलावा, मंत्री ने कहा, निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए, आईटीआर जमा होने के 24 घंटे के भीतर 3,02,40,121 आईटीआर (यानि कुल रिटर्न का 42.92%) संसाधित किए गए।

विस्तार से जानकारी देते हुए, मंत्री ने कहा कि करदाता पोर्टल (ई-फाइलिंग पोर्टल) में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इस संबंध में उठाए गए कुछ कदमों में एक है - ऑनलाइन कर भुगतान प्रणाली (टिन 2.0), जिसमें अब तक 19 बैंक शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा, इस पोर्टल ने करदाताओं को करों के भुगतान के लिए नया भुगतान मोड उपलब्ध कराया है। इससे भुगतान किए गए करों का तेजी से क्रेडिट हुआ है। इसके अलावा, आसान कर अनुपालन के लिए प्रासंगिक विषयों पर करदाताओं के बीच जागरूकता पैदा करने के क्रम में शैक्षिक वीडियो और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न आदि पोर्टल पर लगातार अपलोड किए जा रहे हैं। हाल ही में, पोर्टल से संबंधित मुद्दों के संबंध में हेल्पडेस्क टीम द्वारा पोर्टल पर सह-ब्राउज़िंग की सुविधा शुरू की गई है, जिससे करदाताओं को सहायता मिलेगी।

मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, ट्रस्टों को छोड़कर सभी व्यक्तियों के लिए एक साझा रिटर्न फॉर्म के रूप में सामान्य आयकर रिटर्न ("सीटीआर") प्रस्तावित किया गया है। प्रस्तावित रिटर्न का उद्देश्य रिटर्न दाखिल करने में आसानी लाना और व्यक्तियों तथा गैर-व्यावसायिक करदाताओं द्वारा आईटीआर दाखिल करने में लगने वाले समय को कम करना है। करदाताओं को उन विवरणों को देखने की आवश्यकता नहीं होगी, जो उन पर लागू नहीं होते हैं। विवरणों को उपयोगकर्ता-अनुकूल स्मार्ट तरीके से डिजाइन किया गया है और इसमें बेहतर व्यवस्था, तार्किक प्रवाह और दाखिल-पूर्व के दायरे का विस्तार आदि को शामिल किया गया है। यह करदाताओं पर अनुपालन बोझ को कम करने के लिए आईटीआर में रिपोर्ट किए जाने वाले डेटा से आयकर विभाग के पास उपलब्ध तीसरे पक्ष के डेटा के उचित मिलान की सुविधा भी प्रदान करेगा। सभी हितधारकों से सुझाव आमंत्रित करते हुए सीटीआर के मसौदे को अपलोड किया गया था।

आयकर विभाग के पास निम्नलिखित शिकायत निवारण व्यवस्था है:

ई-फाइलिंग पोर्टल पर ई-निवारण मॉड्यूल

प्रत्येक पीआर सीसीआईटी के पास उच्च मूल्यांकन समितियां।

प्रत्येक पीआर सीसीआईटी के पास करदाता चार्टर प्रकोष्ठ (टीपीसीसी)।

डीएआरपीजी पोर्टल पर सीपीजीआरएएम।

मंत्री ने आगे कहा कि शिकायत निवारण व्यवस्था को मजबूत करना एक सतत प्रक्रिया है। करदाता द्वारा दर्ज की गई विभिन्न शिकायतों की अधिक निगरानी और प्रत्युत्तर समय को कम करने के साथ, विभिन्न शिकायत निवारण तंत्रों को मजबूत किया गया है। मंत्री ने कहा कि अधिनियम के तहत प्रक्रियाओं के बढ़ते डिजिटलीकरण ने भी, करदाताओं की शिकायत से जुड़ी निवारण प्रक्रिया के सुधार में योगदान दिया है।

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