पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए औद्योगिक गलियारे की स्थिति
Posted On:
16 MAR 2023 7:07PM by PIB Delhi
पूर्वोत्तर क्षेत्र में औद्योगिक गलियारे की स्थापना के मामले के संबंध में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन न्यास (एनआईसीडीआईटी) के न्यासी बोर्ड की दूसरी बैठक में डॉकी-गुवाहाटी-मोरेह को जोड़ने के प्रस्ताव पर अनुकूल रूप से विचार किया गया।
इसके फलस्वरूप, पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे पर एक व्यवहार्यता अध्ययन एशियाई विकास बैंक (एडीबी) को सौंपा गया था और इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है, जिसके प्रमुख निष्कर्ष नीचे दिए गए हैं:
- यह अध्ययन पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए समान आर्थिक विकास के लिए तीन प्रमुख अवसंरचना पहलुओं - परिवहन, अर्बन और विद्युत पर गंभीरता से चर्चा करता है।
- तीन स्तरों अर्थात (1) पूर्वोत्तर क्षेत्र के भीतर; (2) पूर्वोत्तर क्षेत्र और शेष भारत के बीच बांग्लादेश के माध्यम से कनेक्टिविटी के अतिरिक्त मार्ग के साथ; और (3) दक्षिण एशिया-दक्षिण पूर्व एशिया संपर्क बढ़ाने के लिए पड़ोसी देशों (बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार) के साथ एक बहु-मोडल परिवहन नेटवर्क की परिकल्पना की गई है।
- सभी चिह्नित मार्ग अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय परिवहन गलियारों जैसे एशियाई राजमार्ग नेटवर्क, दक्षिण एशिया उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (एसएएसईसी) गलियारों, ट्रांस-एशिया रेल नेटवर्क और भारत-बांग्लादेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्रोटोकॉल मार्गों के अनुरूप हैं।
- इसने अलग-अलग पूर्वोत्तर राज्यों और क्षेत्र के आर्थिक उत्थान और न्यायसंगत विकास पर भी ध्यान दिया है। अध्ययन में 24 विकास केंद्रों और 20 सीमा केंद्रों की पहचान की गई है जो राज्यों के विकास को उनकी क्षमता के आधार पर आगे बढ़ाएंगे।
यह जानकारी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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