रक्षा मंत्रालय

भारतीय सेना ने संशोधित प्रक्रिया के अनुसार आईडेक्स परियोजना के लिए पहला अनुबंध प्रदान करने में प्राथमिक भूमिका निभाई

Posted On: 14 MAR 2023 5:57PM by PIB Delhi

भारतीय सेना ने संशोधित प्रक्रिया के अनुसार रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) परियोजना के तहत पहला खरीद अनुबंध देने में प्राथमिक भूमिका निभाई है। यांत्रिकी बलों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित 'एकीकृत सचल छलावरण प्रणाली (आईएमसीएस)' की खरीद हेतु 14 मार्च 2023 को सेना भवन में उप सेना प्रमुख (सीडीएंडएस) लेफ्टिनेंट जनरल जे.बी. चौधरी और डीडीपी के संयुक्त सचिव श्री अनुराग बाजपेई की उपस्थिति में भारतीय स्टार्टअप मैसर्स हाइपर स्टील्थ टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।

'एकीकृत सचल छलावरण प्रणाली (आईएमसीएस)' में कम प्रकाश उत्सर्जन और/या सीएएम-आई आईआर कोटिंग्स तथा सचल छद्मावरण प्रणाली सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी) को भूमि की पृष्ठभूमि के साथ घुलमिल जाने की क्षमता प्रदान करती है। इस प्रौद्योगिकी में जो कम प्रकाश उत्सर्जन वाली कोटिंग्स और सचल प्रणाली प्रणाली सामग्री शामिल की गई हैं, वह बख्तरबंद लड़ाकू वाहन को चुपके से आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण क्षमता वृद्धि प्रदान करेंगी। इस तरह की तकनीक स्वदेशी स्टील्थ तकनीक में एक बड़ी छलांग की तरह होगी, जिससे शत्रु से दूर रहने में आसानी होगी और इससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। एकीकृत सचल छलावरण प्रणाली हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर (एचएचटीआई)/बैटल फील्ड सर्विलांस रडार (बीएफएसआर) टैंक-आधारित थर्मल कैमरे के माध्यम से देखे जाने पर बख्तरबंद लड़ाकू वाहन की पहचान को सीमित करेगी, जो वस्तु के दृश्य, थर्मल, इन्फ्रा-रेड रडार संकेत को नियंत्रित करके पर्यावरण तथा मौसम की मौजूदा स्थिति और सिग्नेचर मैनेजमेन्ट के तहत कार्य करती है।

आईडेक्स को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा डेफ एक्सपो इंडिया 2018 के दौरान प्रारंभ किया गया था। आईडीईएक्स का उद्देश्य एमएसएमई, स्टार्ट-अप्स, व्यक्तिगत नवाचार सहित अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, शिक्षाविदों तथा उद्योगों को शामिल करके रक्षा और एयरोस्पेस में नवीनतम प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक इको-सिस्टम बनाना था। इसके माध्यम से आत्मनिर्भरता की भावना के साथ इन सभी को आगे ले जाने के लिए अनुदान/वित्त पोषण और अन्य सहायता प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। देश के अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में जो भी संभावनाएं निहित हैं, उनको भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस संगठन द्वारा भविष्य में अपनाने की अच्छी क्षमता है।

आईडेक्स को रक्षा मंत्रालय (डीडीपी) के अंतर्गत डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (डीआईओ) द्वारा वित्त पोषित एवं प्रबंधित किया जाता है। पिछले चार वर्षों में, आईडेक्स डीआईओ के तहत स्टार्टअप्स तथा इनोवेटर्स के साथ सही प्रकार का संपर्क स्थापित करने में अग्रणी संस्थान के रूप में उभरने में सक्षम रहा है और इसने रक्षा स्टार्टअप समुदाय में पर्याप्त झुकाव प्राप्त किया है।

वर्तमान में, डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डीआईएससी), ओपन चैलेंज, आईडेक्स4 फौजी और आईडीईएक्स प्राइम योजना के हिस्से के रूप में भारतीय सेना की कुल 48 परियोजनाएं हैं, जिसमें भारतीय सेना द्वारा पेश की गई चुनौतियों के लिए नवीनतम अत्याधुनिक समाधानों के विकास हेतु 41 स्टार्टअप्स की सहायता प्राप्त हुई है। प्रत्येक चुनौती के लिए, भारतीय सेना से उत्कृष्टता केंद्र के रूप में एक समर्पित नोडल अधिकारी और प्रतिष्ठान को उनकी संबंधित परियोजनाओं की प्रगति में मदद करने तथा निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए नामित किया जाता है।

अप्रैल 2022 में इस पहल को और बढ़ावा दिया गया क्योंकि आईडीईएक्स के लिए संशोधित कार्यप्रणाली को माननीय रक्षा मंत्री द्वारा अनुमोदित किया गया था, जो खरीद की समयसीमा में लगभग 24 सप्ताह की महत्वपूर्ण कमी सुनिश्चित करता है।

आईएमसीएस संशोधित डीएपी 2020 के आधार पर 'सिंगल स्टेज कम्पोजिट ट्रायल' पद्धति के अनुसार परीक्षण मूल्यांकन वाली पहली प्रणाली थी। सितंबर 2022 में विकासशील एजेंसी को आरएफपी जारी किया गया था और छह महीने के रिकॉर्ड समय के भीतर 14 मार्च 2023 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।

अप्रैल 2023 के मध्य तक संभावित अनुबंध के साथ भारतीय सेना की शेष एओएन प्राप्त आईडीईएक्स परियोजनाओं को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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