कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय 9 और 10 मार्च, 2023 को नई दिल्ली में बांस क्षेत्र विकास और बांस प्रदर्शनी की राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित करने के लिए इन्वेस्ट इंडिया और औद्योगिक समुदाय के साथ संपर्क करेगा

Posted On: 07 MAR 2023 6:19PM by PIB Delhi

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर 10 मार्च 2023 को नई दिल्ली में बांस क्षेत्र के विकास पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। दो दिवसीय बांस प्रदर्शनी 9 मार्च 2023 को शुरू होगी। इसमें बांस की विभिन्न नवीन, आधुनिक और पारंपरिक उपयोगिताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। लोगों को मंत्रमुग्ध करने के लिए बड़ी संख्या में उद्यमी और कारीगर प्रदर्शनी में शामिल होने जा रहे हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को प्राप्त करने के लिए बांस की भूमिका निभा सकते हैं। यह कार्यक्रम कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, इन्वेस्ट इंडिया और केरल राज्य बांस मिशन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। बांस पर राष्ट्रीय कार्यशाला में कृषि राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे और श्री कैलाश चौधरी, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री मनोज आहूजा और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। कार्यशाला का उद्देश्य सतत विकास और आर्थिक विकास के लिए उद्योग को बदलने की दिशा में सुधार के लिए क्षेत्रों की पहचान करके और विशेषज्ञ सुझावों की खोज करके भारत के बांस क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त करना है।

किसानों, पारंपरिक कारीगरों, शिल्प कुशल युवाओं, डिजाइनरों, उद्यमियों और निवेशकों सहित देश भर के लाखों लोगों को लाभान्वित करने के लिए एक बांस अर्थव्यवस्था को तैयार करने के प्रयासों की निरंतरता के रूप में इस आयोजन को कृषि मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। मंत्रालय ने पिछले कुछ वर्षों में, इस क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों के सहयोग के लिए एक विवेकपूर्ण वातावरण बनाने के लिए राष्ट्रीय परामर्श और वेबिनार की एक श्रृंखला का आयोजन किया है। मंत्रालय का यह प्रयास वर्ष 2017 के दौरान भारतीय वन अधिनियम के ऐतिहासिक संशोधन के संयोजन में है, जिसका बांस के प्रबंधन और व्यावसायिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव है, जो भारत में एक महत्वपूर्ण वन उत्पाद है। भारतीय वन अधिनियम के पिछले संस्करण के अंतर्गत, बांस को एक पेड़ माना जाता था, और इसकी खेती और कटाई सख्त नियमों के अधीन थी।

वर्ष 2017 के संशोधन ने बांस को एक गैर-लकड़ी वन उत्पाद (एनटीएफपी) के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया, जिसका अर्थ है कि बांस अब अन्य लकड़ी उत्पादों के समान प्रतिबंधों के अधीन नहीं है। इसने किसानों, उद्यमियों और स्थानीय समुदायों को बांस उगाने और निर्माण, हस्तशिल्प और बांस-आधारित उद्योगों सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करके बांस की खेती और व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान किया है।

वन अधिनियम संशोधन के बाद, 2018 के दौरान राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) का पुनर्गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य एक समग्र मूल्य श्रृंखला विकास रणनीति अपनाकर इसके दायरे का विस्तार करना और इसके प्रभाव को बढ़ाना है। कार्यान्वयन के पिछले 5 वर्षों के दौरान राज्य बांस मिशन जागरूकता और व्यावसायिक वातावरण तैयार करने में कामयाब रहे हैं, हालांकि कोविड-19 महामारी ने कार्यक्रम की गति को प्रभावित किया है।

अब, राष्ट्रीय बांस मिशन सफलता के लिए मज़बूत यात्रा के लिए हितधारकों को अंतरात्मा के मंच पर लाकर बांस क्षेत्र के विकास की योजना को पुनर्जीवित कर रहा है। राज्य बांस मिशन, किसान, कारीगर, उद्यमी और बांस व्यवसाय समुदाय पर्यावरण के अनुकूल विकास मॉडल के लिए प्रमुख बनने के लिए बांस की क्षमता दिखाने के लिए उत्सुक हैं।

दो दिवसीय बांस प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों के उत्पादों, विभिन्न उद्योगों के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। लेकिन यह प्रदर्शनी इन्हीं उत्पादों के प्रदर्शन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इस प्रदर्शनी में जीवन शैली के उत्पाद, निर्माण सामग्री, फर्नीचर, नवीन और औद्योगिक उत्पाद, अगरबत्ती आदि का प्रदर्श भी शामिल है। प्रदर्शनी के लिए प्रवेश निःशुल्क है और आम लोगों के लिए खुली है। यह विशाल जनसंख्या के लिए विशेष रूप से विद्यार्थियों, गृह सज्जा और फर्नीचर व्यापारियों, वास्तुकारों, डिजाइनरों और पारंपरिक निर्माण और जीवन शैली उत्पादों के लिए वैकल्पिक सामग्री की तलाश करने वालों के लिए एक अच्छा अवसर सिद्ध होगा।

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