कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

सभी प्रमुख राज्यों में गेहूं की फसल सामान्य है


करनाल में आईसीएआर संस्थान में हाल ही में आयोजित एक बैठक में डीएएंडएफडब्ल्यू निगरानी समिति द्वारा फसल की संभावनाओं का आकलन किया गया

Posted On: 02 MAR 2023 8:18PM by PIB Delhi

गेहूं की फसल की स्थिति की निगरानी के लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) द्वारा गठित समिति की एक बैठक हाल ही में आईसीएआर- भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल में आयोजित की गई थी। बैठक में आईएमडी, आईसीएआर, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू), प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ डीए एंड एफडब्ल्यू के अधिकारियों ने भाग लिया। गेहूं की फसल की स्थिति को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों द्वारा प्रस्तुत किया गया और विस्तार से चर्चा की गई, यह गेहूं के रकबे का 85 प्रतिशत से अधिक है।

समिति ने आकलन किया कि आज की तारीख में सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल की स्थिति सामान्य है। आईसीएआर और एसएयू के गहन प्रयासों के कारण, बड़ी संख्या में टर्मिनल हीट स्ट्रेस सहिष्णु किस्मों को विकसित किया गया था और अब विशेष रूप से उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक के अनुमानित क्षेत्र में खेती की जा रही है। इसके अलावा, हरियाणा और पंजाब में लगभग 75 प्रतिशत क्षेत्र जल्दी और समय पर बुवाई की स्थिति में है और इसलिए, जल्दी बुवाई वाले फसल क्षेत्र मार्च के महीने में गर्मी की स्थिति से प्रभावित नहीं होंगे।

आईसीएआर-सीआरआईडीए, हैदराबाद में स्थित अखिल भारतीय समन्वित कृषि मौसम विज्ञान अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपीएएम) के सहयोग से आईएमडी जिला कृषि मौसम विज्ञान इकाइयों (डीएएमयू) के नेटवर्क के माध्यम से सप्ताह में दो बार मंगलवार और गुरुवार को कृषि सलाह जारी कर रहा है, यह संपूर्ण देश में केवीके का हिस्सा हैं। आईसीएआर- भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल उन किसानों को आवश्यक फसल विशिष्ट सलाह प्रदान करता है जो या तो केवीके से मोबाइल ऐप या राज्य कृषि विभागों के माध्यम से जुड़े हुए हैं।

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में, फसल की स्थिति की निगरानी के लिए फसल मौसम निगरानी समूह की बैठकें हर हफ्ते आयोजित की जाती हैं, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के संबंधित विभाग और मंत्रालय शामिल होते हैं।

यह भी निर्णय लिया गया कि आईसीएआर/एसएयू के साथ केंद्र और राज्य सरकारों की सभी विस्तार एजेंसियों को नियमित रूप से किसानों के खेतों का दौरा करना चाहिए और जहां भी गर्मी के प्रभाव की स्थिति होती है, वहां किसानों को समय पर परामर्श देना चाहिए।

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एमजी/एएम/एसएस



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