कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

बांग्लादेश और अरुणाचल प्रदेश के लोक सेवकों के लिए सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र द्वारा 2 सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किए गए


सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र के महानिदेशक श्री भरत लाल ने जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और सार्वजनिक सेवा वितरण में सार्वजनिक सेवा के महत्व पर बल दिया  

Posted On: 28 FEB 2023 4:25PM by PIB Delhi

मसूरी में सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) परिसर में बांग्लादेश (40 प्रतिभागियों के साथ 57वां बैच) और अरुणाचल प्रदेश (29 प्रतिभागियों के साथ दूसरा बैच) के लोक सेवकों के लिए दो क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किए गए। सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र ने ज्ञान और अनुभव साझा करने की सुविधा के लिए संयुक्त सत्र आयोजित किए।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिपादित 'वसुधैव कुटुम्बकम' दर्शन के अनुरूप भारत और पड़ोसी देशों में लोक सेवकों के बीच सहयोग और सीखने की क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) समर्पित है। सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र का लोक सेवकों के लिए क्षमता निर्माण पहल का उद्देश्य सुशासन को प्रोत्साहन देना, सेवा वितरण में वृद्धि करना और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र के महानिदेशक श्री भरत लाल ने संयुक्त उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में श्री भारत लाल ने कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण प्रदान करने में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने बुनियादी ढांचे, सेवाओं और सुविधाओं में सुधार करके नागरिकों को अपनी क्षमता का एहसास कराने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। महानिदेशक महोदय ने अधिकारियों से अपने अनुभवों और सीखों को साझा करने का आग्रह किया, जिसे अन्य अधिकारियों द्वारा लोगों के लाभ के लिए और बेहतर बनाया जा सकता है और अन्य क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है। श्री भारत लाल ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और सुशासन की सुविधा के उद्देश्य से आयोजित किए गए सत्र ने अरुणाचल प्रदेश और बांग्लादेश के प्रतिभागियों के बीच आपसी सीखने और ज्ञान साझा करने का अवसर प्रदान किया।

Graphical user interfaceDescription automatically generated with low confidence

क्षमता निर्माण कार्यक्रम में सार्वजनिक नीति और कार्यान्वयन, डिजिटल प्रशासन, नदियों को पुनर्जीवित करना, एक केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली, नवीन शिक्षा परिणाम, ग्रामीण आवास, परियोजना योजना, निष्पादन और निगरानी, ​​स्थानांतरण प्रशासन प्रतिमान, फिनटेक और समावेश जैसे विषयों पर सत्र शामिल हैं। मामले के अध्ययन, लिंग और विकास, भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियों, निवेश प्रोत्साहन और उद्यमशीलता, विकेन्द्रीकृत नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत में स्वास्थ्य शासन के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल स्मार्ट शहरों की योजना और निर्माण। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों के लिए प्रधानमंत्री संग्रहालय, भारतीय संसद और अन्य स्थानों का अवलोकन करने की योजना है।

वर्ष 2022 में, सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीसी) ने वर्ष 2025 तक 1,800 लोक सेवकों के कौशल में वृद्धि करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। उसी वर्ष हस्ताक्षरित एक अन्य समझौता ज्ञापन का उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश में लोक सेवकों की क्षमता विकसित करना है। लोक सेवकों की क्षमता में सुधार करके, नीतिगत सुधारों, बुनियादी ढांचे और सेवाओं के वितरण संदर्भ में और वृद्धि की जा सकती है। इसके अलावा, लोक सेवकों की क्षमता में वृद्धि करने से समग्र शासन व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान मिलेगा।

वर्ष 2014 में भारत सरकार द्वारा स्थापित सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र भारत और अन्य विकासशील देशों में सुशासन, नीतिगत सुधारों और लोक सेवकों की क्षमता निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए देश की प्रमुख संस्था के रूप में कार्य करता है। यह एक थिंक टैंक के रूप में भी कार्य करता है। विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में, सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, लाओस, वियतनाम, भूटान, म्यांमार अफगानिस्तान और कंबोडिया सहित 15 विकासशील देशों के लोक सेवकों को क्षमता निर्माण प्रशिक्षण प्रदान किया है। विभिन्न देशों के प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को अत्यधिक लाभकारी बताया। इसके अतिरिक्त, सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र भारत के विभिन्न हिस्सों में राज्य लोक सेवकों की क्षमता  में वृद्धि करने की दिशा में सक्रिय रूप से शामिल रहा है, इसकी सामग्री और वितरण के लिए मान्यता अर्जित की है। सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र बढ़ती मांग के कारण केंद्रित क्षेत्रों में अधिक देशों के लोक सेवकों की एक बड़ी संख्या को समायोजित करने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है।

बांग्लादेश के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. .पी. सिंह, अरुणाचल प्रदेश के पाठ्यक्रम समन्वयक, मसूरी के सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र परिसर में सहायक पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी.एस. बिष्ट, डॉ. संजीव शर्मा और डॉ. मुकेश भंडारी तथा संकाय के सदस्यों ने सत्र में भाग लिया। सत्र के दौरान दोनों कार्यक्रमों की प्रशिक्षण टीम भी उपस्थित थी।

<><><><><>

एमजी/एमएस/एआर/एमकेएस/एजे


(Release ID: 1903236) Visitor Counter : 161


Read this release in: English , Urdu