वित्त मंत्रालय
जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक की सिफारिशें
भारत सरकार जून 2022 के लिए 16,982 करोड़ रुपये के संपूर्ण लंबित बकाया जीएसटी मुआवजे का भुगतान करेगी
जीएसटी परिषद ने कुछ संशोधनों के साथ जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट को स्वीकार किया
जीएसटी के तहत कुछ क्षेत्रों में क्षमता आधारित कराधान और विशेष संरचना योजना से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट को मंजूरी
“रब” और पेंसिल शार्पनर की जीएसटी दरों में बदलाव
Posted On:
18 FEB 2023 6:25PM by PIB Delhi
जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी के अलावा विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों (विधायिका के साथ) के वित्त मंत्रियों और वित्त मंत्रालय एवं राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
जीएसटी परिषद ने, अन्य बातों के साथ-साथ जीएसटी मुआवजा, जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण, जीएसटी के तहत कुछ क्षेत्रों में क्षमता आधारित कराधान और विशेष संरचना योजना से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट की मंजूरी, वस्तु एवं सेवाओं से संबंधित जीएसटी दरों से जुड़ी सिफारिशों और व्यापार की सुविधा के लिए अन्य उपायों के बारे में निम्नलिखित सिफारिशें की हैं:
जीएसटी मुआवजा
- भारत सरकार ने जून 2022 के लिए 16,982 करोड़ रुपये के पूरे लंबित जीएसटी मुआवजे, जैसा कि नीचे दी गई तालिका में दिखाया गया है, को चुकाने का फैसला किया है। चूंकि जीएसटी मुआवजा कोष में कोई राशि उपलब्ध नहीं है, केन्द्र ने इस राशि को अपने संसाधनों से जारी करने का फैसला किया है और इसे भविष्य के मुआवजा उपकर संग्रह से वसूल किया जाएगा। इस राशि को जारी करने के साथ, केन्द्र सरकार जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम 2017 में परिकल्पित पांच वर्षों के लिए अस्थायी रूप से स्वीकार्य संपूर्ण मुआवजे को मंजूरी दे देगा। इसके अलावा, केन्द्र उन राज्यों के लिए स्वीकार्य 16,524 करोड़ रुपये के अंतिम जीएसटी मुआवजे को भी मंजूरी देगा, जिन्होंने राज्यों के महालेखाकार द्वारा प्रमाणित राजस्व के आंकड़े प्रदान किए हैं।
क्र.सं.
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राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश का नाम
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जून 2022 के लिए बकाया जीएसटी मुआवजा (करोड़ रुपये में)
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1
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आंध्र प्रदेश
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689
|
2
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बिहार
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92
|
3
|
छत्तीसगढ़
|
505
|
4
|
दिल्ली
|
1212
|
5
|
गोवा
|
120
|
6
|
गुजरात
|
865
|
7
|
हरियाणा
|
629
|
8
|
हिमाचल प्रदेश
|
229
|
9
|
जम्मू एवं कश्मीर
|
210
|
10
|
झारखंड
|
342
|
11
|
कर्नाटक
|
1934
|
12
|
केरल
|
780
|
13
|
मध्य प्रदेश
|
730
|
14
|
महाराष्ट्र
|
2102
|
15
|
ओडिशा
|
529
|
16
|
पुडूचेरी
|
73
|
17
|
पंजाब
|
995
|
18
|
राजस्थान
|
815
|
19
|
तमिलनाडु
|
1201
|
20
|
तेलंगाना
|
548
|
21
|
उत्तर प्रदेश
|
1215
|
22
|
उत्तराखंड
|
345
|
23
|
पश्चिम बंगाल
|
823
|
|
कुल
|
16,982
|
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- जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण
परिषद ने कुछ संशोधनों के साथ मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। जीएसटी कानूनों में अंतिम मसौदा संशोधन सदस्यों को उनकी टिप्पणियों के लिए जारी किया जाएगा। इसे अंतिम रूप देने के लिए अध्यक्ष को अधिकृत किया गया है।
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- जीएसटी के तहत कुछ क्षेत्रों में क्षमता आधारित कराधान और विशेष संरचना योजना से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट को मंजूरी:
राजस्व में हानि को रोकने और पान मसाला, गुटखा, चबाने वाले तम्बाकू जैसी वस्तुओं से राजस्व संग्रह को बेहतर करने हेतु, परिषद ने जीओएम की सिफारिशों को मंजूरी दे दी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ,
-
- क्षमता आधारित लेवी निर्धारित नहीं की जानी चाहिए;
- हानि/अपवंचन को रोकने के लिए किए जाने वाले अनुपालन और निगरानी संबंधी उपाय;
- संचित आईटीसी के परिणामी रिफंड के साथ केवल एलयूटी के विरुद्ध ऐसी वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी जाए;
- राजस्व के पहले चरण के संग्रह को बढ़ावा देने के लिए ऐसी वस्तुओं पर लगाए गए क्षतिपूर्ति उपकर को मूल्यानुसार से विशिष्ट कर आधारित लेवी में बदला जाएगा।
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- वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
- वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में बदलाव
क्र.सं.
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विवरण
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से
|
तक
|
वस्तुएं
|
1.
|
'रब'
|
18%
|
5% - यदि पैक करके और लेबल लगाकर बेचा जाता है
शून्य - यदि अन्यथा बेचा जाता है
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2.
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पेंसिल शार्पनर
|
18%
|
12%
|
वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित अन्य परिवर्तन
- इसके वर्गीकरण और लागू जीएसटी दर पर वास्तविक संदेह के कारण पिछली अवधि के दौरान 'रब' पर जीएसटी के भुगतान को "जैसा है आधार" पर नियमित करने का निर्णय लिया गया है।
- अधिसूचना संख्या 104/94-सीमा शुल्क दिनांक 16.03.1994 को उपयुक्त रूप से संशोधित करने का निर्णय लिया गया ताकि यदि टैग-ट्रैकिंग डिवाइस या डेटा लॉगर जैसी डिवाइस पहले से ही एक कंटेनर पर चिपका दी गई हो, तो इस तरह के चिपकाए गए डिवाइस पर अलग से कोई आईजीएसटी नहीं लगाया जाएगा। और अधिसूचना संख्या 104/94-सीमा शुल्क के तहत कंटेनरों के लिए उपलब्ध 'शून्य' आईजीएसटी उपचार मौजूदा शर्तों के अधीन ऐसे चिपकाए गए उपकरण के लिए भी उपलब्ध होगा।
- अधिसूचना सं. 1/2017-मुआवजा उपकर (दर) की क्र.सं. 41ए की प्रविष्टि में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है ताकि छूट का लाभ कोयला वाशरी को और उसके द्वारा आपूर्ति किए गए कोयले के रिजेक्ट दोनों को कवर करे, जो कोयले से उत्पन्न होता है, जिस पर मुआवजा उपकर का भुगतान किया गया है और इस प्रकार कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ किसी व्यक्ति द्वारा नहीं उठाया गया है।
- शैक्षिक संस्थानों और केंद्रीय और राज्य शैक्षिक बोर्डों को प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए उपलब्ध छूट का विस्तार किसी प्राधिकरण, बोर्ड या केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा स्थापित निकाय, जिसमें प्रवेश के संचालन के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी भी शामिल है, द्वारा शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षा तक करने का निर्णय लिया गया है।
- रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के तहत जीएसटी के भुगतान के संबंध में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, संसद और राज्य विधानमंडलों को न्यायालयों और न्यायाधिकरणों को भी उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली टावर लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को परिसर किराए पर देने, वकीलों को चैंबर किराए पर देने आदि जैसी कर योग्य सेवाओं के संबंध में उपलब्ध छूट का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है।
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- व्यापार को सुगम बनाने के उपाय:
- पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन के लिए समय सीमा का विस्तार और पिछले मामलों के लिए एकमुश्त माफी: परिषद ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 30 और सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 23 में संशोधन की सिफारिश की है ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि -
-
- पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन करने की समय सीमा 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन की जाए;
- जहां पंजीकृत व्यक्ति 90 दिनों के भीतर इस तरह के निरसन के लिए आवेदन करने में विफल रहता है, उक्त समय अवधि को आयुक्त या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा 180 दिनों से अधिक की अवधि के लिए बढ़ाया जा सके।
परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि पिछले मामलों में, जहां रिटर्न दाखिल न करने के कारण पंजीकरण रद्द कर दिया गया है, लेकिन पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन सीजीएसटी अधिनियम की धारा 30 के तहत निर्दिष्ट समय के भीतर दायर नहीं किया जा सका, ऐसे व्यक्तियों को कुछ शर्तों के अधीन एक निर्दिष्ट तिथि तक निरस्तीकरण के लिए इस तरह के आवेदन को दाखिल करने की अनुमति देकर माफी प्रदान की जा सकती है।
- सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 62 में संशोधन, उप-धारा (2) के तहत समयसीमा बढ़ाने और पिछले मामलों के लिए एक बार माफी: सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 62 की उप-धारा (2) के अनुसार, सर्वोत्तम निर्णय उक्त धारा की उप-धारा (1) के तहत जारी किया गया मूल्यांकन आदेश वापस लिया गया माना जाएगा यदि उक्त निर्धारण आदेश की तामील के 30 दिनों के भीतर संबंधित विवरणी दाखिल की जाती है। परिषद ने धारा 62 में संशोधन करने की सिफारिश की ताकि इस तरह के सर्वोत्तम निर्णय मूल्यांकन आदेश को वापस लेने के लिए रिटर्न दाखिल करने की समय अवधि को वर्तमान 30 दिनों से बढ़ाकर 60 दिन किया जा सके, जिसे कुछ शर्तों के अधीन और 60 दिनों तक बढ़ाया जा सके।
परिषद ने पिछले मामलों में मूल्यांकन आदेशों की सशर्त वापसी के लिए एक माफी योजना प्रदान करने की भी सिफारिश की है, जहां संबंधित रिटर्न मूल्यांकन आदेश के 30 दिनों के भीतर दाखिल नहीं किया जा सका है, लेकिन एक निर्दिष्ट तिथि तक देय ब्याज और विलंब शुल्क के साथ दायर किया गया है, भले ही मूल्यांकन आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई हो या नहीं या उक्त अपील का फैसला किया गया है या नहीं।
- वार्षिक रिटर्न के लिए विलंब शुल्क को तर्कसंगत बनाना: वर्तमान में, प्रति दिन 200 रुपये का विलंब शुल्क (100 रुपये सीजीएसटी + 100 एसजीएसटी), राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में टर्नओवर का अधिकतम 0.5 प्रतिशत (0.25 प्रतिशत सीजीएसटी + एसजीएसटी के अधीन 0.25 प्रतिशत), फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में देरी के मामले में देय है। परिषद ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए, उन पंजीकृत व्यक्तियों जिनका एक वित्तीय वर्ष में कुल कारोबार 20 करोड़ रुपये तक है, के लिए इस विलंब शुल्क को निम्नानुसार तर्कसंगत बनाने की सिफारिश की है:
-
- उक्त वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्ति: 50 रुपये प्रति दिन (25 रुपये सीजीएसटी + 25 एसजीएसटी), राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में उनके कारोबार का अधिकतम 0.04 प्रतिशत (0.02 प्रतिशत सीजीएसटी + 0.02 प्रतिशत एसजीएसटी) की गणना की गई राशि के अधीन।
- उक्त वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये से अधिक और 20 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्ति: प्रति दिन 100 रुपये (50 रुपये सीजीएसटी + 50 एसजीएसटी), राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में उनके कारोबार का अधिकतम 0.04 प्रतिशत (0.02 प्रतिशत सीजीएसटी + 0.02 प्रतिशत एसजीएसटी) की गणना की गई राशि के अधीन।
- फॉर्म जीएसटीआर-4, फॉर्म जीएसटीआर-9 और फॉर्म जीएसटीआर-10 में लंबित रिटर्न के संबंध में माफी: बड़ी संख्या में करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए, परिषद ने फॉर्म जीएसटीआर-4, फॉर्म जीएसटीआर-9 और फॉर्म जीएसटीआर-10 में लंबित रिटर्न के संबंध में सशर्त छूट/विलंब शुल्क में कटौती के माध्यम से माफी योजनाओं की सिफारिश की।
- वस्तुओं के परिवहन की सेवाओं की आपूर्ति के स्थान के प्रावधान को तर्कसंगत बनाना: परिषद ने आईजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 13(9) को हटाकर वस्तुओं के परिवहन की सेवाओं के लिए आपूर्ति के स्थान के प्रावधान को तर्कसंगत बनाने की सिफारिश की ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि वस्तुओं के परिवहन की सेवाओं की आपूर्ति का स्थान, ऐसे मामलों में जहां सेवाओं के आपूर्तिकर्ता का स्थान या सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान भारत के बाहर है, सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान होगा।
नोट: इस विज्ञप्ति में जीएसटी परिषद की सिफारिशों को हितधारकों की जानकारी के लिए सरल भाषा में निर्णयों की प्रमुख मदों के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसे प्रासंगिक परिपत्रों/अधिसूचनाओं/कानून संशोधनों के माध्यम से प्रभावी किया जाएगा जिसमें ही केवल कानून की शक्ति निहित होगी।
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एमजी/एएम/आर/एजे
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