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डाक विभाग ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के संदर्भ में ‘डाक सेवाएं – वैश्विक सामाजिक-आर्थिक विकास और संपर्क के लिए एक माध्यम’ विषय पर गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया


वर्चुअल कार्यक्रम में जी-20 सदस्य देशों व आमंत्रित देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों, डाक संचालकों, विदेश मंत्रालय, डाक विभाग, एशियन पैसिफिक पोस्टल यूनियन, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन और एपीपीयू के सदस्यों ने सक्रिय हिस्सा लिया

Posted On: 15 FEB 2023 8:56PM by PIB Delhi

भारत की जी-20 की अध्यक्षता को मद्देनजर रखते हुये संचार मंत्रालय के अधीन डाक विभाग ने “पोस्टल सर्विसेस – अ टूल फॉर ग्लोबल सोशियो-इकोनॉमिक डेवलप्मेंट एंड कनेक्ट” (डाक सेवाएं – वैश्विक सामाजिक-आर्थिक विकास और संपर्क के लिए एक माध्यम) विषय पर गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। हाइब्रिड प्रारूप में होने वाली पैनल चर्चा में जी-20 सदस्य देशों व आमंत्रित देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों, डाक संचालकों, विदेश मंत्रालय, डाक विभाग, एशियन पैसेफिक पोस्टल यूनियन, यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन और एपीपीयू के सदस्यों सहित डाक सेक्टर के अन्य हितधारकों ने सक्रिय हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन भारत की राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनीः ‘अमृतपेक्स 2023’ के क्रम में हुआ था। डाक टिकटों के जरिये देशों के इतिहास, संस्कृति और उपलब्धियों को पेश करने के माध्यम के रूप में एक विशिष्ट जी-20 प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।

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गोलमेज सम्मेलन और पैनल चर्चा

गोलमेज सम्मेलन में डाक सेक्टर और विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रमुख वक्ताः

  1. श्री विनीत पाण्डेय, सचिव (डाक विभाग),
  2. श्री मुक्तेश के. परदेशी, विशेष सचिव, जी-20 संचालन,
  3. श्री मार्जन ऑस्वाल्ड, उप महानिदेशक, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन,
  4. डॉ. विनय प्रकाश सिंह, महासचिव, एशियन-पैसिफ़िक पोस्टल यूनियन (एपीपीयू),
  5. सुश्री मैरी पी एंडरसन, कार्यकारी निदेशक अंतर्राष्ट्रीय डाक मामले, यूनाइटेड स्टेट्स पोस्टल सर्विसेज (यूएसपीएस), अमेरिका
  6. श्री ज्यां-पॉल फोर्सविले, निदेशक, यूरोपीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध, ला पोस्टे, फ्रांस,
  7. डॉ. अनिरुद्ध बंसोड़, सीईओ, पोस्ट फिजी और
  8. श्री राजीव वेणुगोपाल, महाप्रबंधक, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, कनाडा पोस्ट।

भारत सरकार के सचिव और डाक सेवा बोर्ड के अध्यक्ष श्री विनीत पाण्डेय ने आरंभिक वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने भारत की जी-20 अध्यक्षता, यूपीयू मिशन के साथ उसके जुड़ाव और जी-20 के उद्देश्यों की दिशा को रेखांकित किया।

पैनल सदस्यों ने गोललमेज सम्मेलन और पैनल चर्चा की मुख्य विषयवस्तु के तहत विभिन्न क्षेत्रों व उप-विषयों पर अपने दृष्टिकोणों, अनुभवों तथा भावी नजरिये को साझा किया।

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गोलमेज सम्मेलन और पैनल चर्चा के प्रतिभागी

दुनिया को जोड़ने के लिये डाक सेवा एक सुलभ और कारगर उपायः डाक टिकट संग्रह, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

श्री मुक्तेश के. परदेशी, विशेष सचिव (जी-20 संचालन), विदेश विभाग ने डाक टिकट संग्रह के महत्त्व पर गौर करते हुये कहा कि यह न केवल विभिन्न देशों के लोगों, इतिहास, संस्कृति और उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिये जरूरी है, बल्कि इसमें मित्रता के मजबूत बंधनों को आकार देने की भी अपार क्षमता है। पैनल के दूसरे सदस्य डॉ. अनिरुद्ध बंसोड़, सीईओ, पोस्ट फीजी ने पूर्णकालिक और अंशकालिक रोजगार मुहैया कराने में डाक सेक्टर की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संस्थागत सहयोग, समझौतों, वित्तपोषण और दुनिया भर के डाक संचालकों की जरूरतों के मद्देनजर हरदम बदलते तकनीकी-संचालन परिदृश्य को देखते हुये क्षमता निर्माण की आवश्यकता है। श्री बंसोड़ ने यह भी कहा कि भारत सरकार भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) नामक जिस प्रमुख कार्यक्रम की पेशकश अन्य देशों को कर रहा है, वह पेशकश न केवल डाक सेक्टर के लिये है, बल्कि अन्य सेक्टरों के लिये भी है।

आपूर्ति श्रृंखला और ई-वाणिज्यः वैश्विक सामाजिक-आर्थिक रूपांतरण का प्रमुख सूत्रधार

पैनल ने निर्बाध सीमा-पार माल आपूर्ति, ठोस भुगतान समाधानों, वैश्विक बाजारों के साथ स्थानीय बाजारों के एकीकरण, सस्ती सेवाओं की सुनिश्चितता, मानकों का एकरूपीकरण और उच्च गुणवत्ता वाले डेटा आदान-प्रदान के जरिये भूमंडलीकरण की सच्ची भावना को पूरा करने के अपार अवसर खोलने वाले वर्तमान भौतिक, प्रौद्योगिकीय और वित्तीय विकास पर चर्चा की।

सुश्री मैरी एंडरसन ने विभिन्न नियमन और संचालन सुधारों के जरिये यूएसपीएस में चलने वाले रूपांतरण के बारे में जानकारी साझा की। डॉ. राजीव और श्री ज्यां-पॉल ने डाक सेक्टर के लिये आने वाली चुनौतियों तथा बुनियादी अवसरों पर बात की और बताया कि कैसे यह सेक्टर दुनिया भर में कारोबार और वाणिज्य को बढ़ाने में मदद कर रहा है।

इन चुनौतियों को स्वीकार करने तथा आर्थिक और सामाजिक विकास में तेजी लाने को महत्त्व देते हुये पैनल ने वैश्विक आपसी संपर्कों को दुरुस्त व सुधारने के मुद्दे पर चर्चा की। इस क्षेत्र में जी-20 देशों की सोच सतत डाक आपूर्ति श्रृंखला के लिये बहुत कारगर हो सकती है।

डाकसेवा का डिजिटलीकरणः नागरिकों को शक्ति सम्पन्न बनाना

डॉ. वी.पी. सिंह ने चर्चा की कि कैसे डाक सेवाओं की तकनीकी प्रगति और डिजिटलीकरण विकास, पहुंच और कनेक्टिविटी और सर्वव्यापी डाक सेवाओं की रीढ़ बन गये हैं, खासतौर से अंतिम पड़ाव और ग्लोबल साउथ के लिए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि डाकघर डिजिटल अंतराल को पाटने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में समावेशी विकास के लिए एक अद्वितीय नेटवर्क उपलब्ध कराते हैं। डिजिटल रूप से जुड़े सार्वभौमिक डाक नेटवर्क होने से लोगों को सशक्त बनाने वाली गतिविधियों के नए आयाम सामने आएंगे। इस तरह की पहलों की समय पर और सार्थक उपलब्धि को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक जी 20 देशों के समर्थन की श्री सिंह ने जानकारी दी।

वित्तीय समावेश में डाक सेक्टर की भूमिकाः

श्री ओसवाल्ड ने उस महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की जो डाकघर अपने नागरिकों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करने में निभा रहे हैं। बैंकिंग, बीमा, धन हस्तांतरण, और सरकारी भुगतानों की दरवाजे पर आपूर्ति, वित्तीय साक्षरता और परेशानी मुक्त लेनदेन के लिए नए फिनटेक के अनुकूलन जैसी डाक वित्तीय सेवाएं एक समावेशी समाज और समावेशी अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। पैनल ने सहमति व्यक्त की कि जी-20 के समर्थन से नियामक व्यवस्थाओं और अनुकूल सरकारी नीतियों को सक्षम करके इस प्रक्रिया को और तेज किया जा सकता है। श्री विनीत पाण्डेय ने अद्वितीय डिजिटल और भौतिक नेटवर्क के माध्यम से वित्तीय समावेश में भारतीय डाक की उपलब्धि और वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेश में इसकी पहुंच और योगदान के बारे में जानकारी दी।

गोलमेज और पैनल चर्चा में 20 से अधिक देशों और 150 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ऑस्ट्रेलिया, चीन, जर्मनी, इटली, जापान और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों ने भी चर्चा में योगदान दिया। जी-20 आमंत्रित देशों के डाक-सेवा प्रतिनिधियों ने जी-20 क्षेत्र में डाक क्षेत्र के महत्व को उजागर करने के लिए डाक विभाग को इस पहल के लिए बधाई दी।

सचिव (डाक) की समापन टिप्पणी के साथ चर्चा समाप्त हुई, जिसमें दुनिया भर में सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए डाक क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया और यह बताया गया कि कैसे यह क्षेत्र नागरिकों को उनके घर के दरवाजे पर सेवा प्रदान करने के लिए वन स्टॉप समाधान के रूप में उभर सकता है।

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