उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

सार्वजनिक बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत 1 फरवरी 2023 से 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री शुरू होगी

Posted On: 27 JAN 2023 7:30PM by PIB Delhi

ओएमएसएस (डी) के तहत फरवरी के पहले सप्ताह (1 फरवरी, 2023) से विक्रय के लिए पच्चीस लाख मीट्रिक टन गेहूं की पेशकश की गई है, जिसके लिए आज भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा निविदाएं अपलोड की जाएंगी।

गेहूं का स्टॉक खरीदने के इच्छुक खरीदार एफसीआई की ई-नीलामी सेवा प्रदाता "एम-जंक्शन सर्विसेज लिमिटेड" (https://www.valuejunction.in/fci/) के साथ खुद को सूचीबद्ध कर सकते हैं और स्टॉक के लिए बोली लगा सकते हैं। आदेश के अनुसार जो भी पार्टी अपना नाम दर्ज कराना चाहती है, उसके लिए पैनल में शामिल करने की प्रक्रिया 72 घंटे के भीतर पूरी कर ली जाएगी।

सरकार द्वारा बढ़ती कीमतों को तुरंत नियंत्रित करने के लिए देश के सभी राज्यों से स्टॉक की पेशकश की जाती है।

देश में गेहूं एवं आटे की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि एफसीआई ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) के तहत विभिन्न प्रावधानों से 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। एफसीआई ने पूरे देश में इस योजना की घोषणा के 24 घंटे के भीतर स्टॉक की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कई चैनलों के माध्यम से दो महीने की अवधि के भीतर ओएमएसएस (डी) योजना के माध्यम से बाजार में 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री व्यापक पहुंच के साथ-साथ गेहूं एवं आटे की बढ़ती कीमतों पर तत्काल प्रभाव डालेगी और बढ़ते दामों को रोकने में मदद करेगी तथा इससे आम आदमी को राहत काफी राहत मिलेगी।

एफसीआई खाद्यान्नों के मूल्य स्थिरीकरण के उद्देश्य से बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए पूरे देश में खाद्यान्नों की आवाजाही करता है।

एफसीआई ने वर्ष 1965 में अपनी स्थापना के बाद से भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर देश बनाने के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज यह लगभग 1300 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न (गेहूं और धान) सालाना खरीदता है, जबकि 1965 के दौरान केवल 13 लाख मीट्रिक टन का क्रय होता था। जानकारी के अनुसार यह उल्लेखनीय होगा कि खाद्यान्न की खरीद पूरे देश में समान रूप से नहीं है। यह अलग बात है कि कुछ राज्यों में उत्पादन उनकी आवश्यकताओं के संदर्भ में अत्यधिक अधिशेष है, अन्य में आंशिक या पूर्ण रूप से कमी है। इसलिए, देश के प्रत्येक कोने में समाज के कमजोर वर्ग के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु एफसीआई बड़े पैमाने पर खाद्यान्नों की आवाजाही करता है। पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा आदि जैसे प्रमुख खरीद वाले राज्यों से लगभग 600 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न सालाना देश के विभिन्न कोनों में पहुंचाया जाता है।

खाद्यान्नों के भंडारण एवं आवाजाही की सुविधा के लिए एफसीआई पूरे देश में अपने लगभग 500 डिपो सहित लगभग 2000 डिपो संचालित करता है। बुनियादी ढांचे के संदर्भ में एफसीआई ने अपनी भंडारण क्षमता को 1965 में 6 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर वर्तमान में 800 लाख मीट्रिक टन से अधिक कर दिया है।

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