निर्वाचन आयोग
राष्ट्र 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है
माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के समारोह में भाग लिया
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने माननीय राष्ट्रपति को "इलेक्टिंग द फर्स्ट सिटिजन- एन इलस्ट्रेटेड क्रॉनिकल ऑफ प्रेसिडेंशियल इलेक्शन" पुस्तक की पहली प्रति भेंट की
निर्वाचन आयोग के गीत "मैं भारत हूं- हम भारत के मातदाता हैं" का अनावरण किया गया
इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विषय है 'वोटिंग जैसा कुछ नहीं, मैं हर हाल में वोट देता हूं'
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25 JAN 2023 5:02PM by PIB Delhi
देश भर में आज 25 जनवरी, 2023 को 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया, जिसमें माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में उपस्थित होकर इसकी शोभा बढ़ाई। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय और श्री अरुण गोयल ने इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों की अगवानी की।

राष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में पिछले सात दशकों के दौरान चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से सामाजिक क्रांति संभव हुई है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र की एक बड़ी सफलता है कि दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले आम मतदाता को लगता है कि देश या राज्य पर कौन और कैसे शासन करेगा, यह तय करने में उसकी बड़ी भूमिका है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि निर्वाचन आयोग और अन्य सभी प्रतिभागियों के संयुक्त प्रयासों से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए निर्वाचन आयोग का आदर्श वाक्य 'कोई मतदाता पीछे न रहे' सराहनीय है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि निर्वाचन आयोग और मतदाताओं का सामूहिक योगदान हमारे देश की चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करता है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे मतदान को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान मानें और 'राष्ट्र सर्वोपरि' की भावना से मतदान अवश्य करें। उन्होंने कहा कि यह हमारी चुनाव प्रक्रिया और हमारे लोकतंत्र की एक बड़ी उपलब्धि है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी लगातार बढ़ रही है।
सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय कानून मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कानून और न्याय मंत्रालय, पूरे वर्ष मतदाता पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने वाले अधिनियम में हालिया संशोधन जैसे चुनावी सुधार लाने में भारत के निर्वाचन आयोग का समर्थन करता रहा है। उन्होंने कहा कि सभी निर्णय सभी राजनीतिक दलों के समर्थन से उचित परामर्श के बाद लिए जा रहे हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन में स्वीकार किया कि भारत के निर्वाचन आयोग की सबसे बड़ी संपत्ति वर्षों से चुनावों के पेशेवर संचालन के कारण प्राप्त विश्वास है। उन्होंने विस्तार से बताया कि जबकि भारत में मतदाता 1951 में लगभग 17 करोड़ से बढ़कर अब 94 करोड़ से अधिक हो गए हैं और 2019 के आम चुनाव में सबसे अधिक 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था। भारत का निर्वाचन आयोग मतदान में हिस्सा ना लेने वाले शेष मतदाताओं को मतदान करने के लिए एक समावेशी और सहभागी चुनाव के लिए मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग चाहता है कि स्कूलों में विकसित सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं स्थायी प्रकृति की हों और इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए चुनाव प्रक्रिया का उपहार बन जाएं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार ने अपने संबोधन के दौरान देश के मतदाताओं को चुनावों में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया और बड़े पैमाने पर चुनावी प्रक्रिया और लोकतंत्र को मजबूत करने में सहयोग और समर्थन के लिए राजनीतिक दलों की सराहना की। उन्होंने भारत की चुनाव प्रणाली को भी धन्यवाद दिया, जिसने हर चुनाव को पूरी सटीकता और पूर्णता के साथ आयोजित किया है।
निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग का ध्यान दिव्यांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, ट्रांसजेंडर, पीवीटीजी और समाज के सभी वर्गों सहित हर मतदाता तक पहुंचना है। “हमने युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए चुनावी नामांकन के लिए हर साल चार योग्यता तिथियां प्रदान की हैं। लिंग अंतर को कम करने के लिए विशेष महिला विशिष्ट पहल शुरू की गई हैं। 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्रों पर पहुँचने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं।
अपने स्वागत भाषण में, निर्वाचन आयुक्त श्री अरुण गोयल ने कहा कि इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति की उपस्थिति स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी, सुलभ, नैतिक और पारदर्शी चुनावों के लिए भारत के निर्वाचन आयोग के संवैधानिक जनादेश की निरंतर पूर्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि आयोग ने मतदाता पंजीकरण, मतदान केंद्र के डिजाइन, मतदाता शिक्षा और मतदाता जन संपर्क की सावधानीपूर्वक रणनीति तैयार करके मतदाता अनुभव को सुविधाजनक बनाने और बढ़ाने का प्रयास किया है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह की घोषणा करना इन्हीं प्रयासों का एक सिलसिला है।
इस अवसर पर, माननीय राष्ट्रपति ने वर्ष 2022 के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रथाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। सूचना प्रौद्योगिकी पहल, सुरक्षा प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन, सुलभ चुनाव, मतदाता सूची और मतदाता जागरूकता और जनसंपर्क के क्षेत्र में योगदान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 2022 के दौरान चुनावों के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कुल 13 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया। 2022 में विधानसभा चुनाव कराने के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार और आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग को उनके जनसंपर्क और जागरूकता कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार प्रदान किया गया।
एनराष्ट्रीय मतदाता दिवस-एनवीडी विवरण पुस्तिका के लिए डाउनलोड लिंक: https://eci.gov.in/files/file/14774-nvd-brochure-2023
माननीय राष्ट्रपति को मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार द्वारा भारत के निर्वाचन आयोग के प्रकाशन 'इलेक्टिंग द फर्स्ट सिटिजन- एन इलस्ट्रेटेड क्रॉनिकल ऑफ इंडियाज प्रेसिडेंशियल इलेक्शन' की पहली प्रति भेंट की गई। यह पुस्तक, जो अपनी तरह का पहला प्रकाशन है, देश में राष्ट्रपति चुनाव की ऐतिहासिक यात्रा की झलक प्रदान करता है। पुस्तक पाठकों को देश में राष्ट्रपति चुनाव की असाधारण यात्रा को प्रदर्शित करने वाले दुर्लभ चित्रों के ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संग्रह की अभिलेखीय झलक प्रदान करती है। यह पुस्तक राष्ट्रपति चुनाव की अनूठी विशेषताओं को भी सूचीबद्ध करती है और राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया की उदारता में एक समृद्ध अंतर्दृष्टि है।

सुभाष घई फाउंडेशन के सहयोग से भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किया गया एक भारत के निर्वाचन आयोग के गीत- "मैं भारत हूं- हम भारत के मातदाता हैं'' को इस अवसर पर प्रदर्शित किया गया। यह गीत वोट की शक्ति को सामने लाता है और दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र में समावेशी, सुलभ, नैतिक, भागीदारी और उत्सवपूर्ण चुनावों की भावना का उत्सव मनाता है।
लिंक: https://youtu.be/FnNYNiRGu0s (हिंदी संस्करण)
https://youtu.be/to324JIljf8 (बहुभाषी संस्करण)


समारोह के दौरान, दिल्ली के पांच नए नामांकित मतदाताओं को भी सम्मानित किया गया और माननीय राष्ट्रपति द्वारा उनके मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) सौंपे गए।
समारोह के दौरान भारतीय चुनावों की भव्यता और आयोग द्वारा विभिन्न पहलों को प्रदर्शित करने वाली एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की गई। प्रदर्शनी में भारतीय लोकतंत्र के गौरव, यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से संबंधित तथ्य, आयोग की हालिया पहल और नवाचार, समावेशी और सुलभ चुनाव का विहंगम दृश्य दिखाया गया। प्रदर्शनी दर्शकों को हाल के चुनावों के अंशों, नो वोटर टू बी लेफ्ट बिहाइंड यानी कोई भी मतदाता पीछे ना छूटे के आदर्श वाक्य के साथ दूरस्थ और दुर्गम इलाकों में मतदान केंद्र स्थापित करने के आयोग के प्रयासों से अवगत कराती है।
प्रत्येक बूथ पर पूरी तरह से चुनाव प्रक्रिया की व्याख्या करने वाले वॉइसओवर के साथ सभी गतिविधियों को दिखाने के लिए वर्चुअल रियलिटी द्वारा समर्थित एक मॉडल पोलिंग बूथ स्थापित किया गया था। मतदान केंद्र और महिला मतदान केंद्र पर सभी सुविधाओं को प्रदर्शित करने वाली एक इंटरैक्टिव चित्र भी प्रदर्शित किया गया।
इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विषय, 'नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर' मतदाताओं को समर्पित है जो उनके वोट की शक्ति के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी के प्रति व्यक्ति की भावना और आकांक्षा को व्यक्त करता है।
कानून और न्याय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, सात पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के 40 से अधिक प्रतिनिधि, 12 चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुख/उप प्रमुख, भारत के निर्वाचन आयोग के गीत के निर्माता श्री सुभाष घई सेलिब्रिटी गायकों के साथ उपस्थित थे। इसके अलावा इस अवसर पर भारत के निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय आइकॉन श्री पंकज त्रिपाठी और डॉ. नीरू कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भारत के निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस यानी 25 जनवरी 1950 को पूरे देश में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस उत्सव का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के बीच चुनावी जागरूकता पैदा करना और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
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