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स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केवीआईसी अध्यक्ष के द्वारा पिछड़े और आदिवासी बहुल जिलों में 600 मधुमक्खी बक्सों का वितरण

Posted On: 22 NOV 2022 8:41PM by PIB Delhi

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने अपने प्रमुख "शहद मिशन" कार्यक्रम के माध्यम से बेरोजगार युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित करके "आत्मनिर्भर भारत" की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। आज खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में 10 लाभार्थियों को 100 मधुमक्खी बक्से, छत्तीसगढ़ के बडे किलेपाल, तुरंगुर और बस्तर जिलों में 20 लाभार्थियों को 200 बक्से और महाराष्ट्र के जलगाँव जिले में 30 लाभार्थियों को मधुमक्खी के 300 बक्सों का वितरण कर शहद मिशन के तहत बेरोजगार युवाओं को आजीविका का अवसर प्रदान किया।

"आत्मनिर्भर भारत" के लिए प्रधान मंत्री के आह्वान पर कदम उठाते हुए, खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने पिछड़े और आदिवासी बहुल जिलों की पहचान की है और लाभार्थियों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ उपकरण और कुल 600 बी-बॉक्स वितरित किए हैं। केवीआईसी के अध्यक्ष द्वारा केवीआईसी के सक्षम अधिकारियों को उचित विपणन मंच प्रदान करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए । श्री कुमार ने लाभार्थियों को वर्तमान में दिये जा रहे आवश्यक टूल किट सहित अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने तथा शहद निकालने की प्रक्रिया एवं मधुमक्खी बक्सों के परिवहन के उन्नत तरीके अपनाने के लिये नये दिशा निर्देश तैयार करने के भी निर्देश दिये।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री मनोज कुमार ने ऐसी रचनात्मक पहल की सराहना की और कहा कि मधुमक्खी पालन में युवाओं को शामिल करने से स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा होगा; यह भारत के शहद उत्पादन को बढ़ाने में भी योगदान देगा जो शहद मिशन का मुख्य उद्देश्य है। "यह एक अच्छी पहल है, हमने आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को उनके घरों तक रोजगार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है" उन्होंने कहा।

अध्यक्ष ने देश के संवेदनशील और दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत 6 एसएचजी समूहों की महिला लाभार्थियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने इन महिला लाभार्थियों को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि लाभार्थियों के साथ बातचीत के दौरान उठाये गये सभी मुद्दों का समाधान किया जायेगा। उन्होंने शहद मिशन कार्यक्रम का लाभ सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों तक पहुंचाने की संभावना तलाशने को भी कहा।

केवीआईसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विनीत कुमार ने कहा कि मधुमक्खी पालन युवाओं के बीच स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देकर 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप है। “मधुमक्खी पालन से न केवल भारत का शहद उत्पादन बढ़ेगा बल्कि मधुमक्खी पालकों की आय में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही मोम, पराग, प्रोपलिस, रॉयल जेली और मधुमक्खी के जहर जैसे उत्पाद भी विपणन योग्य हैं और इसलिए स्थानीय लोगों के लिए ये एक लाभदायक विकल्प है।

केवीआईसी द्वारा शुरू किए गए शहद मिशन का उद्देश्य किसानों, आदिवासियों, महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को मधुमक्खी पालन से जोड़कर और भारत के शहद उत्पादन को बढ़ाकर रोजगार पैदा करना है। केवीआईसी ने अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 1,75,509 मधुमक्खी बक्सों का वितरण किया है, जो आज 700 बक्सों के वितरण के बाद बढ़कर 1,76,209 हो गए हैं।

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