मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कलईचर में भारत-बांग्लादेश सीमा हाट का दौरा किया
महेंद्रगंज में चल पशु चिकित्सा इकाईयों का शुभारंभ
Posted On:
10 JAN 2023 6:34PM by PIB Delhi
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने आज महेंद्रगंज, दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स, मेघालय में आयोजित एक कार्यक्रम में चल (मोबाइल) पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयूज) का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया।
मंत्री महोदय ने पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा क्षेत्र के ग्रामीण किसानों को पशुओं के उपचार को आसान बनाने में मदद करने के लिए चल (मोबाइल) इकाइयों की सुविधा प्रदान की गई है।
“हमने मेघालय को 17 एमवीयू समर्पित किए हैं। उनके व्यय का 90 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। पूरे राज्य में पशु चिकित्सा सुविधाएं लोगों के घर-द्वार पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए बस 1962 डायल करना होगा और एक चल (मोबाइल) पशु चिकित्सा इकाई (एमवीयू) आपके दरवाजे पर पहुंच जाएगी ।
प्रत्येक वैन या मोबाइल पशु चिकित्सालय में पशुओं के उपचार के लिए आवश्यक सभी आवश्यक उपकरण हैं और इसमें एक चिकित्सक (डॉक्टर), एक पैरामेडिकल स्टाफ और एक वाहन चालक (ड्राइवर) होगा।
उन्होंने कहा कि इन एमवीयू की सहायता से पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान और रोगी पशुओं के सभी प्रकार के उपचार कर सकेंगे। बाद में उन्होंने दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स जिले से प्रस्थान करते हुए गारोबधा में इस वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया।
श्री रूपाला ने धरातल पर विकासात्मक कार्यों के प्रबंधन के लिए राज्य के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह कहते हुए विशेष रूप से जिले में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए मत्स्य विभाग का उल्लेख किया कि राज्य मछली निर्यात करने और घाटे को पूरा करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कुक्कुट पालन (पोल्ट्री) और डेयरी की भी संभावनाएं है।
उन्होंने कहा “मैंने तुरा के पास डेयरी फार्म का दौरा किया और निरीक्षण किया । यह एक पुराना फार्म है। पर अब समय बदल गया है और इसे अद्यतन (अपग्रेड) करने की आवश्यकता है। सहकारी मॉडल को डेयरी किसानों की मदद के लिए अपनाया जाना चाहिए और बदले में, उन्हें स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करने के साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं से भी लाभ प्राप्त करना चाहिए ।
श्री रूपाला ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सीमावर्ती गांवों को प्राथमिकता दी जा रही हैI उन्होंने कहा कि "मंत्रियों को सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करने और सीमावर्ती समुदायों के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया गया है। "उन्होंने आगे कहा कि सीमावर्ती गांवों का दौरा करना और उनकी जरूरतों और कठिनाइयों का आकलन करना भारत सरकार की प्राथमिकता है।
दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स की अपनी यात्रा के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री ने जिले में विभिन्न क्षेत्रीय (फील्ड) परियोजनाओं का दौरा किया । उन्होंने कलईचर में भारत-बांग्लादेश सीमा हाट का दौरा किया और बांग्लादेश के साथ 38 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ लगाने का निरीक्षण किया। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों, बीएसएफ अधिकारियों, सीमा क्षेत्र विकास विभाग के अधिकारियों और सीमा हाट समिति के सदस्यों से भी बातचीत की जिन्होंने हाट में व्यापारियों के लिए मूलभूत सुविधाओं और आधारभूत ढांचे की कमी जैसे मुद्दों को उठाया।
श्री रूपाला जोलगाँव में मत्स्य उत्पादकों द्वारा एक्वा पार्क और कुमलीगाँव में तलजावा झील के रखरखाव से भी प्रभावित थे, जिन्हें सामुदायिक प्रयास के माध्यम से केंद्र और राज्य की योजनाओं की सहायता से बनाया गया है। इससे पहले उन्होंने ठाकुरनबाड़ी में कामाख्या मंदिर का दौरा किया और जिले के मोनाबाड़ी और कोडलधोवा गांवों में स्थानीय समुदायों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) आदि के साथ भी बातचीत की ।
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(Release ID: 1890445)