विद्युत मंत्रालय
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों में त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ का आयोजन किया
Posted On:
09 DEC 2022 1:46PM by PIB Delhi
- राज्य मंत्री, श्री कृष्ण पाल गुर्जर और श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों (एमएसएमई) में त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया
- भारत दुनिया में एमएसएमई के लिए दूसरे सबसे बड़े आधार को धारण करता है और जीडीपी में इसका सबसे बड़ा योगदान है
- सम्मेलन के मुख्य आकर्षण में प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी, एमएसएमई क्षेत्र में निर्णयकर्ताओं और अन्य प्रमुख प्रतिभागियों के साथ विचारोत्तेजक विचार-विमर्श पर सत्र शामिल हैं।
- विभिन्न क्षेत्रों से 200 से अधिक प्रतिभागी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे है I
राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर और श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों और अभिनव मॉडलों पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर और श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने ऊर्जा दक्षता पर एकीकृत नेविगेशन उपकरण (उन्नति – यूएनएनएटीआई) को जारी किया
एमएसएमई के लिए नीति और नियामक ढांचे पर मसौदा रिपोर्ट जारी
विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ़ एनर्जी एफिशिएंसी – बीईई) ने आज "सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया। विभिन्न संकुल (क्लस्टर) संघों, एमएसएमई उद्यमियों और हितधारकों ने आपस में चर्चा की और एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन के लिए अपने विचार दिए यह राष्ट्रीय सम्मेलन " सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में ऊर्जा दक्षता के लिए एक समावेशी और टिकाऊ दृष्टिकोण की ओर बढ़ने के लिए वर्तमान पोर्टफोलियो के साथ-साथ भविष्य के कार्यक्रम के संचालन और कार्यान्वयन को मजबूत करने में योगदान देगा। नेशनल कॉन्क्लेव एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों और एक कार्य योजना पर विचार-विमर्श करने, विभिन्न हितधारकों के लिए परियोजनाओं द्वारा किए गए प्रयासों की जान्काई और परस्पर समन्वयन के लिए एक सामान्य मंच के रूप में कार्य करेगा
उद्घाटन सत्र के दौरान वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ)-संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ)-ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) परियोजना की सफलता की कहानी का प्रदर्शन किया गयाI इसके बाद 7 ऊर्जा-गहन एमएसएमई क्षेत्रों के लिए नीति केंद्रित मसौदा ऊर्जा दक्षता रोडमैप जारी किया गया। एमएसएमई क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को तेजी से अपनाने के लिए ऊर्जा दक्षता पर एकीकृत नेविगेशन उपकरण भी जारी किया गया है, जिसे ऊर्जा दक्षता ब्यूरो और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी – एसआईडीबीआई) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है और यह एमएसएमई को परामर्श के लिए निष्पादन, उपलब्धि एवं अर्जन (यह परफॉर्म अचीव एंड अर्न-पीएई) योजना पर मसौदा अवधारणा नोटपर आधारित एक स्वैच्छिक बाजार-आधारित तंत्र है।
सम्मेलन के अन्य मुख्य आकर्षणों में एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी, नीतिगत एकीकरण, वित्तपोषण, और नवीन तथा विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के बारे में एमएसएमई क्षेत्र में निर्णयकर्ताओं और अन्य प्रमुख अभिनेताओं के साथ विचारोत्तेजक विचार-विमर्श पर सत्र शामिल थे।
विद्युत एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल मुख्य अतिथि के रूप में इस सम्मेलन में उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत के लिए एक सुरक्षित ग्रह के दृष्टिकोण के केंद्र में बीएस एक शब्द का मंत्र है-पर्यावरण के लिए जीवन शैलीI जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीओपी 26 में हमारे राष्ट्रीय वक्तव्य में रेखांकित किया है। मिशन जीवन (एलआईएफई) को प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किया गया था। भारत 2023 में 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के आदर्श वाक्य के साथ जी-20 की अध्यक्षता भी ग्रहण कर रहा है। यह हमारे मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में समानता (इक्विटी) और जलवायु न्याय के साथ की जाने वाली सामूहिक यात्रा है। भारत अपनी मजबूत प्रतिबद्धताओं और केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक प्रतिमान बदलाव में उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए तैयार है। भारत में औद्योगिक क्षेत्र विद्युत (ऊर्जा) के प्रमुख उपभोक्ताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के लिए प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार योजना सफलतापूर्वक चल रही है पर अब ध्यान सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों में ऊर्जा दक्षता को मुख्यधारा में लाने पर होना चाहिए।
श्री गुर्जर ने कहा कि इस क्षेत्र में नियमित प्रक्रियाओं में ऊर्जा दक्षता और प्रौद्योगिकियों के उन्नयन को बढ़ावा देने की अपार क्षमता है। फिर भी, ठोस उपायों के मामले में सुधार के लिए अभी भी बहुत जगह है क्योंकि अधिकांश एमएसएमई उद्यमी अब भी दावा करते हैं कि वे अपने व्यवसाय में किसी संभावित बचत की पहचान करने में सक्षम नहीं हैं। एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने, प्रदर्शित करने और प्रसार करने के लिए, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र द्वारा अनुभव की जाने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए "एमएसएमई में ऊर्जा दक्षता और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर राष्ट्रीय कार्यक्रम" विकसित किया है।
श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, राज्य मंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय भी इस राष्ट्रीय कॉन्क्लेव के सम्मानित अतिथि के रूप में इस अवसर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि अंतर-मंत्रालयी सहयोग एमएसएमई के लिए एक स्थायी भविष्य बनाने में मदद कर सकता है, हमारे जलवायु लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकता है।
इस सम्मेलन कॉन्क्लेव में विद्युत सचिव श्री आलोक कुमार, (सीएमडी), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री शिवसुब्रमण्यम रमन, संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) के औद्योगिक विकास अधिकारी श्री संजय श्रेष्ठ, औद्योगिक विकास अधिकारी, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के महा निदेशक श्री अभय बाकरे, और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के निदेशक श्री मिलिंद देवरे शामिल थे।
सरकार, बहुपक्षीय / द्विपक्षीय एजेंसियों, उद्योगों, औद्योगिक संघों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, और सलाहकारों सहित 200 से अधिक प्रतिभागियों ने इस सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दी। यह सम्मेलन औद्योगिक आधार को मजबूत करने के साथ ही एसएमई की ऊर्जा दक्षता में सुधार के बीईई के प्रयासों का समर्थन करेगा। इस कॉन्क्लेव ने विभिन्न क्षेत्रों और विशिष्ट हितधारकों के बीच एक स्थायी रणनीति बनाने के लिए एक पुल के रूप में काम किया है।
पृष्ठभूमि :
संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन संगठन (यूएनआईडीओ) ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के सहयोग से "भारत में चयनित एमएसएमई समूहों में ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना" शीर्षक से एक वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) से वित्त पोषित राष्ट्रीय परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है। 2011 में शुरू की गई इस परियोजना का उद्देश्य चयनित ऊर्जा-गहन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) क्षेत्रों में प्रक्रिया अनुप्रयोगों में ऊर्जा दक्षता (ईई) और नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ाने के लिए बाजार के वातावरण को विकसित करना और बढ़ावा देना है। परियोजना को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमओएमएसएमई) और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा समर्थित किया गया है। इस परियोजना ने 26 समूहों में पांच अलग-अलग ऊर्जा में अपने प्रोग्रामेटिक हस्तक्षेप को लागू किया है।
भारत विश्व में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए दूसरे सबसे बड़े आधार का निर्माण करता है और जीडीपी में इसका सबसे बड़ा योगदान है। अधिकांश एमएसएमई ने अभी तक ऊर्जा दक्षता अथवा प्रौद्योगिकी उन्नयन के उपायों को नहीं अपनाया है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो और विद्युत मंत्रालय नीति केन्द्रित हस्तक्षेपों के आधार पर, इस क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण की बड़ी क्षमता और ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों के लिए एक बाजार है।
बीईई ने अपनी सुधारवादी परियोजनाओं के माध्यम से अनुभव किया है कि इन एमएसएमई के एक बड़े हिस्से में बेहतर तकनीकों, उपायों और संचालन प्रथाओं की पहचान करने, उन तक पहुंचने और उन्हें अपनाने के लिए निरंतर तकनीकी क्षमता का अभाव है। ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने में एमएसएमई के महत्व को स्वीकार करते हुए, बीईई ने अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से, बेहतर प्रौद्योगिकियों और संचालन प्रथाओं की पहचान करने एवं उन तक पहुंचने और उन्हें अपनाने के लिए अपनी तकनीकी क्षमता में सुधार करने के लिए क्षेत्र को साथ मिलकर चलने (हैंड-होल्डिंग) की सेवा सहायता प्रदान की। बीईई- एसएमई कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में ऊर्जा- कुशल तकनीकों को अपनाने, ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण और नवीन वित्तीय तंत्रों के वित्तीय विकास के माध्यम से भारत में एमएसएमई क्षेत्र की ऊर्जा दक्षता में सुधार करना है।
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