इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

इलेक्ट्रॉनिक्स और बीपीओ क्षेत्र में दो वर्ष में रोजगार के एक करोड़ अतिरिक्त अवसर सृजित किए जा सकते हैं: श्री अश्विनी वैष्णव


भारतीय सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन समिति द्वारा आयोजित स्टार्ट-अप पहल का उद्घाटन किया

जनवरी 2023 में उद्योग संपर्क, उद्यम पूंजीपतियों के साथ इंटरफेस आदि के निर्माण के लिए यूएस एक्सपोजर मीटिंग में भाग लेने के लिए 40 स्टार्ट-अप का चयन किया जाएगा

Posted On: 30 NOV 2022 4:54PM by PIB Delhi

संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी तथा रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि आने वाले दो वर्षों में स्टार्ट-अप क्षेत्र में प्रगति को देखते हुए देश में इलेक्ट्रॉनिक्स और बिजनेस प्रोसेसिंग (बीपीओ) क्षेत्र में 10 मिलियन अतिरिक्त नौकरियां सृजित की जा सकती हैं।

श्री अश्विनी वैष्णव राष्ट्रीय स्तर की स्टार्ट-अप पहल का उद्घाटन करते हुए

भारतीय सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपीआई) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन समिति (ईएससी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की स्टार्ट-अप पहल का आज नई दिल्ली में उद्घाटन करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि अकेले इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र 2.5 - 3 मिलियन के बीच अतिरिक्त रोजगार सृजित कर सकता है और बीपीओ क्षेत्र आने वाले दो वर्षों में 8 मिलियन नौकरियां उपलब्ध करा सकता है, जो रोजगार के मौजूदा स्तर में पर्याप्त वृद्धि होगी।

श्री अश्विनी वैष्णव राष्ट्रीय स्तर की स्टार्ट-अप पहल के दौरान समारोह को संबोधित करते हुए

श्री अश्विनी वैष्णव ने तीन मेगाट्रेंड्स का उल्लेख किया जो देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार सामने आ रहे हैं। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण है देश के टैलेंट पूल, सरलता, कंप्यूटर साक्षरता के उच्च स्तर और उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता द्वारा संचालित प्रौद्योगिकी नेतृत्व के रूप में उभरने का दृढ़ संकल्प। उन्होंने कहा, "अब हमारे पास एक ईकोसिस्टम है जो योग्यता और प्रतिभा को महत्व देता है, जो नवाचारों और व्यवधानों को शक्ति प्रदान कर सकता है।" उन्होंने कहा कि इस तरह का वितरण पहले कभी अस्तित्व में नहीं था। दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे जैसे क्षेत्रों और अन्य संबंधित क्षेत्रों में भारत को एक प्रौद्योगिकी नेतृत्व के रूप में उभरने में मदद करने के लिए सीमांत प्रौद्योगिकियों के प्रसार के लिए एक जीता जागता अभियान है।

श्री अश्विनी वैष्णव राष्ट्रीय स्तर की स्टार्ट-अप पहल को संबोधित करते हुए

मंत्री महोदय ने कहा कि अगला महत्व विनिर्माण खंड का है, जिसमें आश्चर्यजनक संख्या में नवाचार देखे जा रहे हैं, विशेष रूप से मोबाइल टेलीफोन प्रणाली में, जहां भारत कुछ वर्ष पहले तक शुद्ध आयातक के मुकाबले अब एक प्रमुख निर्यातक बन गया है। उन्होंने कहा, "यह एक अद्भुत उपलब्धि है जिसका हम रेलवे, रसायन, बिजली और सेमीकंडक्टर सहित अन्य क्षेत्रों में अनुकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में फास्टट्रैक तकनीकी उत्कृष्टता के लिए बहुत सारे अनुसंधान एवं विकास प्रयास चल रहे हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि विविधता एक और प्रवृत्ति है जो अब प्रत्यक्ष है। यह टीयर 2 और 3 शहरों को डिजिटल रूप से जोड़कर हासिल किया गया है ताकि विकास की बैंडविड्थ को चौड़ा करने के लिए इन शहरों से उद्यमशीलता का पोषण किया जा सके। लागू किए गए 64 डिजिटल हब में से 54 छोटे शहरों और कस्बों में हैं, जिनका देश में स्टार्ट-अप के प्रसार पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा।

टियर 1 शहरों से परे स्टार्ट-अप इकोसिस्टम पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए

इससे पहले, प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए ईएससी के अध्यक्ष श्री संदीप नरूला ने ईएससी-एसटीपीआई स्टार्ट-अप पहल के औचित्य के बारे में बताया। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, उत्‍तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, नई दिल्ली और ओडिशा को कवर करते हुए 13 से अधिक स्टेट कॉन्क्लेव आयोजित किए गए। नॉलेज पार्टनर - ग्रांट थॉर्नटन (जीटी) द्वारा जांच के बाद, लगभग 300 स्टार्ट-अप को इन स्टेट कॉन्क्लेव में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, जबकि 700 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे। अब, राष्ट्रीय स्तर पर निर्णायक मण्डल 10-11 जनवरी 2023 को आयोजित होने वाली उद्योग संपर्क, उद्यम पूंजीपतियों के साथ इंटरफेस आदि के निर्माण के लिए यूएस एक्सपोजर मीटिंग में भाग लेने के लिए फ़िल्टरिंग की कठोर प्रक्रिया के बाद 40 स्टार्ट-अप का चयन करेगा।

श्री नरूला ने देश की जरूरतों के प्रति संवेदनशील स्टार्ट-अप का एक भारतीय मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें मूल्यांकन पर बहुत अधिक ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि समावेशी विकास के लिए स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए।

एसटीपीआई के महानिदेशक, श्री अरविंद कुमार ने एसटीपीआई द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान में देश में स्टार्ट-अप बुनियादी ढांचा काफी बेहतर है। स्टार्ट-अप को वित्त पोषण और सलाह देने की सुविधाएं हैं। सरकार की नीतियां भी स्टार्ट-अप और एमएसएमई के अनुकूल रही हैं। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए मौजूदा सरकार ने रिकॉर्ड समय में स्पेक्ट्रम आवंटन और कार्यान्वयन किया है, जबकि पहले के आवंटन में काफी अधिक समय लगता था।

आईएएन फंड की संस्थापक भागीदार सुश्री पद्मजा रूपारेल ने देश में स्टार्ट-अप के वित्तपोषण के लिए उपलब्ध विभिन्न रास्तों का उल्लेख किया, जो पहले कभी मौजूद नहीं थे।

ग्रांट थ्रॉन्टन के पार्टनर श्री विक्की बहल ने वैश्विक स्टार्ट-अप परिदृश्य का वर्णन किया और मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने के लिए भारत को इसके साथ सम्मिलित होने की आवश्यकता पर बल दिया।

***

एमजी/एएम/एमकेएस/एसएस


(Release ID: 1880103) Visitor Counter : 209


Read this release in: English , Urdu , Marathi , Tamil