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‘द आइलैंड ऑफ लॉस्ट गर्ल्स’ 53वें इफ्फी में सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म श्रेणी के तहत दिखाई गई एक अनूठी ‘फैमिली मेड’ थ्रिलर है


एक पिटठू में एक बच्चे को रखकर कोई फिल्म बनाना वाकई ग्लैमरस कार्य नहीं है: निर्देशक एन मैरी श्मिट

Posted On: 22 NOV 2022 5:28PM by PIB Delhi

किसी भी नन्‍हें बच्‍चे का पालन-पोषण करना वाकई कोई छोटा-मोटा काम नहीं है। महज एक छोटे बच्चे वाले माता-पिता से भी यदि आप पूछेंगे, तो आपको उसके पालन-पोषण में आने वाली तरह-तरह की मुश्किलों, उतार-चढ़ाव, तनाव और चुनौतियों पर कम से कम एक घंटे का लेक्‍चर सुनने को तो अवश्‍य ही मिल जाएगा। अब आप छह बच्चों वाले एक ऐसे जोड़े की कल्पना करें, जो वस्तुतः किसी की मदद के बिना ही बाजा मैक्सिको की समुद्री गुफाओं में एक फीचर फिल्म बना रहे हैं, और जिन्‍हें अक्सर समुद्री शेरों और विशाल हाथी सील को चकमा देना पड़ता है।  और उस फिल्म में मुख्य अभिनेत्रियां कोई और नहीं, बल्कि दस, छह और चार साल की उनकी अपनी सबसे छोटी तीन बेटियां ही हैं। कोरोनाडो का श्मिट परिवार अपनी 'फैमिली' थ्रिलर द आइलैंड ऑफ लॉस्ट गर्ल्सके बारे में फिल्म प्रेमियों के साथ इस अनोखी फि‍ल्‍म को बनाने के अपने अनुभव को साझा करने के लिए यहां 53वें इफ्फी में आया हुआ है। 

पीआईबी द्वारा फिल्म महोत्‍सव के संबंध में मीडिया और इस महोत्‍सव के प्रतिनिधियों के साथ फिल्म क्रू के लिए आयोजित एक संवाद इफ्फी 'टेबल टॉक' में अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए फिल्म की निर्देशक और छह बच्चों की मां एन मैरी श्मिट ने कहा कि सामान्य रूप से बच्चों और विशेष रूप से अपने बच्चों के साथ काम करना वाकई काफी दिलचस्प है। उन्होंने कहा, ‘एक पिटठू में एक बच्चे को रखकर कोई फिल्म बनाना बिल्कुल भी ग्लैमरस कार्य नहीं है; यह बहुत कठिन काम है। हमने अपने बच्चों की क्षमताओं को कैमरे में कैद किया और पूरी दुनिया के सामने इसे पेश करने के लिए उन्हें एक फिल्म में दिखाया।’ 

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बातचीत में शामिल होते हुए, इस फिल्म के निर्माता और बच्चों के पिता ब्रायन श्मिट ने कहा कि अपने बच्चों के साथ यह फिल्म बनाना एक अनूठा अनुभव था। हालांकि इस फिल्म को कोविड महामारी से पहले शूट किया गया था, लेकिन इस दंपति ने फिल्म को रिलीज करने के लिए महामारी के सबसे बुरे दौर के खत्म होने तक का इंतजार किया। ब्रायन ने कहा, “एक फिल्म बनाने से जुड़ी खुशियों में से एक है दुनिया भर की यात्रा करने और विभिन्न दर्शकों को अपनी फिल्म दिखाने का मौका मिलना। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी बच्चियों को ऐसा करने का मौका मिले।

एन मैरी श्मिट ने इस फिल्म के निर्माण में अपनी बच्चियों की कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने बताया, “जब आप इन बच्चियों को स्क्रीन पर नहीं पाते हैं, तो वे उस समय कैमरे के पीछे एक फिल्म उपकरण पर काम कर रही होती हैं। उन्होंने वास्तव में इस फिल्म की परवाह की।इस भावना को साझा करते हुए ब्रायन ने कहा कि तीनों बच्चियों ने चट्टानों पर से कूदने और पानी के नीचे की गुफाओं में तैरने जैसे अपने स्टंट खुद किए।

फिल्म की शूटिंग के दौरान आने वाली चुनौतियों को याद करते हुए, एन मैरी ने कहा कि फिल्‍म के दृश्‍य फिल्‍माने के लिए सेट बनाना लगभग असंभव है। उन्‍होंने कहा, "वास्तव में सही स्थान खोजना एक चुनौती थी। सबसे कठिन काम समय और कुदरती रोशनी से निपटने का था। कुछ ऐसे वाकये हुए जब आपको फिल्‍म के दृश्य में पर्याप्त रोशनी नहीं मिली और फिर आपको फिल्‍म के निर्माण के बाद इन्‍हें डालना पड़ा। हमें प्राकृतिक सेटों में बहुत सारे अलग-अलग रोमांच मिलते हैं। ब्रायन ने एक घटना याद की जब पानी में शूटिंग के दौरान सैकड़ों टूना केकड़े आए और बच्चों को काटने लगे।

फिल्म में अभिनय करने वाली तीन बहनों अविला, ऑटम, स्कारलेट ने भी अपने माता-पिता के साथ इफ्फी में 'टेबल टॉक' में हिस्‍सा लिया। द आइलैंड ऑफ लौस्ट गर्ल्स महोत्‍सव में छह अन्य फिल्मों के साथ 'द बेस्ट डेब्यू फीचर फिल्म ऑफ ए डायरेक्टर' खंड में प्रतिस्पर्धा कर रही है। इस फिल्म को पहले मॉस्को इंटरनेशनल फिल्म समारोह, सिनेमैजिक फिल्म समारोह और फंटासिया फिल्म समारोह में प्रदर्शित किया जा चुका है।

सारांश

तेज लहरों, सैकड़ों जल सिंहों (सी लॉयन्‍स) और विशाल सीलों से घिरी तीन युवा लड़कियां आपस में एक दूसरे से चिपक जाती हैं क्योंकि वे समुद्री गुफा में फंस गई हैं। बाजा मैक्सिको की समुद्री गुफाओं में शूट की गई, इफ्फी में शामिल यह फिल्‍म सभी को आश्‍चर्य में डाल देने वाली और हिला देने वाली फिल्मों में से एक है ।

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