विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अगले वर्ष भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की विज्ञान-20 बैठकों की तैयारियों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
मंत्री महोदय ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, सीएसआईआर, पृथ्वी विज्ञान, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा सहित सभी छह विज्ञान मंत्रालय और विभाग आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठकों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं
एस-20 शिखर सम्मेलन के कुछ अपेक्षित परिणाम पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार प्रौद्योगिकियों के लिए बेहतर और उत्साहजनक ढांचे का निर्माण और आईपी को साझा करने एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का दावा करने, स्टार्ट-अप्स के संरक्षण और वित्त पोषण के लिए एक वैश्विक इकोसिस्टम का निर्माण करना होंगे : डॉ. जितेंद्र सिंह
Posted On:
19 NOV 2022 6:06PM by PIB Delhi
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अगले वर्ष दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की विज्ञान-20 बैठकों की तैयारी के लिए आज एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद और विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, सीएसआईआर, पृथ्वी विज्ञान, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा सहित सभी छह विज्ञान मंत्रालयों और विभागों के सचिवों ने भाग लिया ।
बैठक के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनके अधीन आने वाले सभी छह विज्ञान मंत्रालय और विभाग आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठकों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मंत्री महोदय ने विज्ञान मंत्रालयों को सौंपे गए विषयों और विषयों का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सभी हितधारक इस सप्ताह जी-20 के शेरपा श्री अमिताभ कांत के साथ फिर से मिलेंगे, ताकि सौंपे गए विषयों के लिए मानव संसाधन और विशेषज्ञों को तैयार किया जा सके।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि एस-20 शिखर सम्मेलन और अलग से होने वाली बैठकों के अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को सौंपा गया एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम अनुसन्धान नवोन्मेष नवाचार गोष्ठी (आरआईआईजी) है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एस-20 और आरआईआईजी के अपेक्षित परिणाम पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार प्रौद्योगिकियों के लिए बेहतर और उत्साहजनक ढांचे के निर्माण और आईपी शेयरिंग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का दावे, स्टार्ट-अप संरक्षण एवं वित्त पोषण तथा ऐसे अधिक विशाल विज्ञान परियोजनाओं के निर्माण प्रोत्साहन, वैश्विक समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए रूपरेखा का निर्माण, अधिक जुड़ाव कार्यक्रमों और अंतःविषय साझेदारी के माध्यम से विज्ञान के लिए सामान्य सांस्कृतिक संवाद बनाना, एक सामान्य डिजिटल वैश्विक विरासत का निर्माण एवं सभी नागरिकों के लिए सुलभ लिए एक वैश्विक इकोसिस्टम का निर्माण करना होंगे।
विज्ञान-20 शिखर सम्मेलन की बैठक 21 से 22 जुलाई, 2023 तक कोयम्बटूर में "नवोन्मेषी और सतत विकास के लिए विघटनकारी विज्ञान" विषय के साथ आयोजित की जाएगी। अलग से आयोजनों के लिए उप-विषय हैं- हरित भविष्य के लिए गैर-पारंपरिक ऊर्जा, विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ना तथा समग्र स्वास्थ्य:रोग का उपचार और उनकी रोकथाम।
एस-20 के लिए बैठकों का कार्यक्रम और उनका स्थान इस प्रकार हैं- प्रारम्भिक बैठक : पुदुचेरी (30-31 जनवरी 2023), अलग से आयोजन (1:बांगरम द्वीप लक्षद्वीप (27-28 फरवरी 2023), अलग से आयोजन 2 : अगरतला (3-4 अप्रैल) 2023, अलग से आयोजन 3: इंदौर (16-17 जून 2023)।
एस-20 सचिवालय की अध्यक्षता भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के डॉ विजय पी भाटकर करेंगे। प्रोफेसर अजय के सूद और प्रोफेसर गौतम देसीराजू भी सचिवालय के प्रतिष्ठित सदस्य हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि,विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग समानता पर आधारित समाज के लिए अनुसन्धान एवं नवाचार " विषय पर अनुसन्धान नवोन्मेष नवाचार गोष्ठी (रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग-आरआईआईजी)का भी ध्यान रखेगा। आरआईआईजी गोष्ठी के लिए उप-विषय/विषय सतत ऊर्जा के लिए सामग्री (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद–सीआईआर),एक सतत नीली अर्थव्यवस्था प्राप्त करने की दिशा में वैज्ञानिक चुनौतियाँ और अवसर (पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय–एमओईएस), जैव-संसाधन/जैव विविधता और जैव-अर्थव्यवस्था (जैव-प्रौद्योगिकी विभाग–डीबीटी) और ऊर्जा संक्रमण हेतु पर्यावरण-नवाचार (विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड-एसईआरबी) होंगे।
अनुसन्धान नवोन्मेष नवाचार गोष्ठी के लिए बैठक का कार्यक्रम एवं स्थान इस प्रकार हैं : प्रारम्भिक बैठक : कोलकाता (9-10 फरवरी 2023), अलग से आयोजन 1 : रांची (21-22 मार्च 2023), अलग से आयोजन 2: डिब्रूगढ़ और ईटानगर (24-25 मार्च 2023), अलग से आयोजन 3: शिमला (19-20 अप्रैल 2023), अलग से आयोजन 4: दीव (18-19 मई 2023) और आरआईआईजी शिखर सम्मेलन और अनुसंधान मंत्रियों की बैठक, मुंबई (4-6 जुलाई 2023)।
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