ग्रामीण विकास मंत्रालय
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ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दीनदयाल अंत्योदय योजना -राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन  के अंतर्गत प्रभावी शासन प्रणाली का समर्थन करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 10 NOV 2022 3:56PM by PIB Delhi

ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत प्रभावी शासन प्रणाली की स्थापना का समर्थन करने, राज्य की क्षमताओं को मजबूत करने, पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और स्वयं सहायता समूहों-एसएचजी को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय रणनीति का भिनव मॉडल स्थापित करने और लागू करने के लिए गुरुग्राम के वेदीस फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय और वेदिस फाउंडेशन के साथ साझेदारी तीन वर्ष के लिए है और इसकी प्रकृति गैर-वित्तीय है। ग्रामीण विकास सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण आजीविका मिशन की संयुक्त सचिव, सुश्री नीता केजरीवाल और वेदीस फाउंडेशन के सीईओ श्री मुरुगन वासुदेवन द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर ग्रामीण आजीविका मिशन की संयुक्त सचिव, सुश्री नीता केजरीवाल ने कार्यक्रम को संबोधित किया। सुश्री नीता केजरीवाल ने कहा, “दीनदयाल अंतयोदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यों के पैमाने को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से संघों को मजबूत करने के क्षेत्रों में, विभिन्न हितधारकों के साथ सामूहिक दृष्टिकोण के साथ विशेष रूप से समूह स्तर के संघों के साथ साझेदारी करना महत्वपूर्ण है। हमें विश्वास है कि वेदीस फाउंडेशन के साथ यह साझेदारी, जिसके पास काम के ऐसे क्षेत्रों में बहुत अच्छा अनुभव है, ग्रामीण विकास मंत्रालय को अपनी कार्य योजना को और अधिक प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने में मदद करेगा और राज्यों की शासन प्रणाली में सुधार सहित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को अधिक आवश्यक तकनीकी सहायता भी सुनिश्चित करेगा।

वेदीस फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मुरुगन वासुदेवन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। श्री वासुदेवन ने कहा, “पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण आजीविका मिशन पर राज्यों के साथ हमारे काम ने दिखाया है कि राज्य की क्षमता का निर्माण डीएवाई-एनआरएलएम जैसे बड़े बहु हितधारक कार्यक्रम स्थायी और प्रभावी शासन को सक्षम करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक है। हम ऐसे कार्यक्रमों के लिए बड़े पैमाने पर अनुकरणीय शासन मॉडल स्थापित करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ अपनी साझेदारी की आशा करते हैं।''

समझौता ज्ञापन के अनुसार, वेदीस फाउंडेशन अगले पांच वर्षों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण आजीविका (आरएल) प्रभाग में एक परियोजना प्रबंध इकाई-पीएमयू स्थापित करेगा। सार्वभौमिक पहुंच से गुणवत्तापूर्ण पहुँच उपलब्ध कराने के लिए एक आदर्श बदलाव करते हुए, साझेदारी सार्वजनिक धन के प्रभावी और कुशल उपयोग के लिए एक लीवर के रूप में डेटा संचालित शासन पर निर्भर करेगी।

वेदीस फाउंडेशन ने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मणिपुर के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों (एसआरएलएम) में परियोजना प्रबंध इकाई-पीएमयू स्थापित की हैं और अतीत में राजस्थान में, नीतिगत कार्रवाई में फील्ड अंतर्दृष्टि का निर्माण के साथ ही सरकार की शीर्ष स्तरीय प्राथमिकताओं का प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक 360-डिग्री दृष्टिकोण पर काम करेगा। यह राज्य के भागीदारों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण समर्थन के साथ-साथ डीएवाई-एनआरएलएम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नीतिगत समर्थन, बेहतर प्रक्रियाओं को शामिल करने और प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक तकनीकी भागीदार होगा।

समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में प्रारंभिक ध्यान देने के लिए एसआरएलएम की स्थिति पर एक वार्षिक रिपोर्ट है जिसमें विभिन्न एसआरएलएम का मूल्यांकन 'शासन सूचकांक' के आधार पर किए जाने की उम्मीद है।

डीएवाई-एनआरएलएम ग्रामीण गरीबों, मुख्य रूप से महिलाओं के लिए संस्थागत मंच बनाने की दिशा में भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है, जो उन्हें स्थायी आजीविका में वृद्धि के माध्यम से घरेलू आय बढ़ाने में सक्षम बनाता है और अधिकारों, अधिकारों तक पहुंच में वृद्धि के अलावा वित्तीय सेवाओं और सार्वजनिक सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करता है। 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक बजट परिव्यय के साथ यह कार्यक्रम 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 723 जिलों के 7.15 लाख गांवों में फैला हुआ है और 8.6 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को इसके दायरे में शामिल करता है।

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