जल शक्ति मंत्रालय

एनएमसीजी ने विषयवस्तु जन भागीदारी पर वेबिनार सीरीज 'प्रज्वलित युवा मस्तिष्क: नदियों का कायाकल्प' के 12वें संस्करण का आयोजन किया

Posted On: 09 NOV 2022 4:31PM by PIB Delhi

एपीएसी न्यूज नेटवर्क की सहभागिता में जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने विश्वविद्यालयों के साथ मासिक वेबिनार श्रृंखला 'प्रज्वलित युवा मस्तिष्क: नदियों का कायाकल्प' का आयोजन किया। इस वेबिनार की विषयवस्तु 'जन भागीदारी' थी।

  • 'जनभागीदारी' या लोगों की भागीदारी नमामि गंगे मिशन के सबसे महत्वपूर्ण आधारों में से एक है: एनएमसीजी के महानिदेशक
  • इस वेबिनार श्रृंखला का उद्देश्य जल संरक्षण और नदियों के कायाकल्प के महत्वपूर्ण मुद्दों से युवा पीढ़ी को जोड़ना है।
  • एनएमसीजी ने गंगा के कायाकल्प के साथ जनभागीदारी को जोड़ने के लिए विभिन्न पहलों की शुरुआत की है।
  • अर्थ गंगा परियोजना की शुरुआत की गई है, जिसमें "आर्थिक सेतु" के माध्यम से जन- नदी की स्थापना की जा रही है।
  • जनभागीदारी ने स्वच्छ भारत मिशन, कैच द रेन: व्हेयर इट फॉल्स, व्हेन इट फॉल्स आदि अभियानों की सफलता सुनिश्चित की है।
  • संपूर्ण गंगा घाटी में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने एक सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी नमामि गंगे मिशन के सबसे महत्वपूर्ण आधारों में से एक है। श्री कुमार ने कहा, "जैसा कि प्रधानमंत्री ने जोर दिया है, जल आंदोलन को एक जन आंदोलन में रूपांतरित करने की जरूरत है।" उन्होंने आगे कहा, "स्वच्छ भारत मिशन, कैच द रेन: व्हेयर इट फॉल्स, व्हेन इट फॉल्स आदि अभियानों की सफलता केवल जनभागीदारी के कारण सुनिश्चित हुई है।"

उन्होंने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम में जनभागीदारी बढ़ाने के लिए गंगा उत्सव और गंगा क्वेस्ट जैसी पहलों का आयोजन किया जा रहा है। महानिदेशक ने बताया कि हर साल लगभग 2 लाख लोग गंगा क्वेस्ट में हिस्सा लेते हैं। इसके साथ ही गंगा मित्र, गंगा दूत, गंगा प्रहरी जैसे स्वयंसेवकों के कारण हम आम लोगों को गंगा कायाकल्प के उद्देश्य से जोड़ने में सक्षम हैं।

एनएमसीजी ने प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप गंगा कायाकल्प के साथ जनभागीदारी को जोड़ने के लिए विभिन्न पहल शुरू की हैं। इसी के साथ अर्थ गंगा परियोजना शुरू की गई है, जिसमें 'आर्थिक सेतु' के माध्यम से जन- नदी की स्थापना की जा रही है। एनएमसीजी के महानिदेशक ने कहा, “किसानों को इस पहल से जोड़ने के लिए गंगा बेसिन में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही, घाट पर योग जैसी नई पहल के जरिए जागरूकता उत्पन्न की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर घाट पर योग पहल के तहत 10 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी हमारे लिए एक संतुष्टि का विषय है।”

इससे पहले गंगा उत्सव के जरिए बड़ी संख्या में लोग नदियों के कायाकल्प कार्यक्रम से जुड़ पाए हैं। इसका आयोजन चार दिन पहले किया गया था। उन्होंने बताया कि हर महीने के चौथे शनिवार को दिल्ली के यमुना घाटों पर मासिक स्वच्छता अभियान का संचालन किया जाता है और इसे लोगों और स्थानीय शहरी निकायों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।

एनएमसीजी के वरिष्ठ संचार प्रबंधक श्री नजीब अहसन ने एनएमसीजी के अपने कार्यकाल के दौरान जनभागीदारी पर अपने अनुभव और विचारों को साझा किया। इस क्षेत्र में अपने 25 वर्षों के व्यापक अनुभव पर उन्होंने बताया कि कैसे हमें बुनियादी ढांचे के समर्थन के साथ इन पहलों को बनाए रखने के लिए सामुदायिक भागीदारी की भी जरूरत है। उन्होंने पोलियो उन्मूलन कार्यक्रमों के उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि इन पहलों की उच्च सफलता दर के लिए जन भागीदारी ने अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री अहसन ने कहा कि जन गंगा, नमामि गंगे कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने बताया, "चूंकि इसने जन- नदी के जुड़ाव को पूरा किया और पहली बार जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों को एक सूत्र से जोड़ा, इसलिए जन गंगा एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।" श्री अहसन ने आगे कहा, "एनएमसीजी न केवल एक विशेष स्वयंसेवी समूह के साथ काम कर रहा है, बल्कि विभिन्न समूहों के साथ कई स्तरों पर काम कर रहा है, जिससे अलग-अलग सामाजिक समूहों की जरूरतों को पूरा किया जा सके व इस सूत्र की पहुंच को और अधिक किया जा सके।"

उन्होंने लोगों की गई उन गतिविधियों को रेखांकित किया, जो नदियों के कायाकल्प को लेकर बढ़ती जन भागीदारी और जागरूकता की ओर संकेत करते हैं। घाट पर योग, गंगा व यमुना आरती जैसी गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय समुदायों के भीतर एक बदलाव लाया गया है। इस बात को कार्यक्रम को लेकर व्यापक जन समर्थन के रूप में देखा गया है। चूंकि नदियों का कायाकल्प एक समयबद्ध परियोजना नहीं है और इसे लंबी अवधि के लिए जारी रखा जाना है, इसे देखते हुए उन्होंने निरंतर भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए निरंतर सामुदायिक समर्थन की आवश्यकता होती है और व्यक्तियों व समुदायों से अपने स्थानीय जल निकायों की जिम्मेदारी लेने का आह्वाहन किया जाता है। उन्होंने कहा कि इससे ही हम इस प्रगति को एक लंबे समय तक बनाए रख पाएंगे। उन्होंने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने और भविष्य के लिए एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करने के लिए व्यक्तियों और सामुदायिक हितधारकों से एक स्पष्ट आह्वाहन कर अपने संबोधन को समाप्त किया।

पानीपत स्थित गीता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विकास सिंह ने जल प्रबंधन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार के लिए सिंचाई की नई विधियों का उल्लेख किया। उन्होंने रेखांकित किया कि फिर से स्वच्छ किए गए जल के उपयोग को बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि यह वहनीय जल पर हमारी निर्भरता को कम करेगा। कुलपति ने कहा कि औद्योगिक जल पर निर्भरता के 5-7 फीसदी हिस्से को घरेलू जल से बदला जा सकता है। फिर से स्वच्छ किए गए जल पर अधिक जोर देने से वहनीय जल की निवल जरूरत कम हो जाती है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि गंगा को सफलतापूर्वक स्वच्छ करने के लिए हमें उसकी सहायक नदियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। डॉ. सिंह ने इसका उल्लेख किया कि कैसे नदियों को औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट प्रदूषित कर रहे हैं और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के माध्यम से हम अपने जल निकायों में जाने वाले अपशिष्ट का मानचित्रण कर सकते हैं।

इस वेबिनार की अध्यक्षता एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने की। इसके अलावा इसके पैनलिस्टों में पानीपत स्थित गीता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विकास सिंह, एनएमसीजी के वरिष्ठ संचार प्रबंधक श्री नजीब अहसन और आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के छात्र- वेदांत शर्मा व युक्ता अरोड़ा शामिल थीं। इस वेबिनार श्रृंखला का उद्देश्य जल संरक्षण और नदियों के कायाकल्प जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर युवा पीढ़ी से जुड़ना है।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image00107FF.jpg

विषयवस्तु ‘जन भागीदारी’ पर आयोजित वेबिनार सीरीज 'प्रज्वलित मस्तिष्क: नदियों के कायाकल्प' के 12वें संस्करण की अध्यक्षता एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने की

 

****

 

एमजी/एएम/एचकेपी/डीके



(Release ID: 1874827) Visitor Counter : 215


Read this release in: English , Urdu , Telugu