रक्षा मंत्रालय
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डीआरडीओ द्वारा भारतीय नौसेना की सोनार प्रणालियों के लिए परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा का शुभारंभ किया गया

प्रविष्टि तिथि: 07 NOV 2022 6:06PM by PIB Delhi

 एनपीओएल, कोच्चि में हल मॉड्यूल ऑफ सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म फ़ॉर अकूस्टिक कैरेक्टराइज़ेशन एंड एवैलुएशन फैसिलिटी शुरू

 

'आत्मनिर्भर भारत' और भारत की 'मेक इन इंडिया' संबंधी प्रतिबद्धता को प्रोत्साहन देते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने हाल ही में नेवल फिजिकल एंड ओशनोग्राफिक लेबोरेट्री (एनपीओएल), कोच्चि में हल मॉड्यूल ऑफ सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म फॉर एकॉस्टिक कैरेक्टराइजेशन एंड इवैल्यूएशन (स्पेस) सुविधा का शुभारंभ किया। यह जहाजों, पनडुब्बियों और हेलीकॉप्टरों सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग के लिए विकसित सोनार प्रणालियों के लिए एक अत्याधुनिक परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा है।

स्पेस सुविधा एनपीओएल द्वारा बताई गई अवधारणा डिजाइन और आवश्यकताओं पर आधारित है और इसका निर्माण मेसर्स एलएंडटी शिपबिल्डिंग, चेन्नई द्वारा किया गया है। इसका उपयोग मुख्य रूप से सोनार प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए किया जाएगा, जिससे सेंसर और ट्रांसड्यूसर जैसे वैज्ञानिक पैकेजों की त्वरित तैनाती तथा आसान रिकवरी हो पाती है।

स्पेस दुनिया में अपनी तरह की एक अनूठी सुविधा है। इस सुविधा की विशिष्टता विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म में निहित है, जिसे समसमायिक रूप से संचालित विंच की एक श्रृंखला का उपयोग करके 100 मीटर की गहराई तक उतारा जा सकता है। प्लेटफ़ॉर्म का डिज़ाइन और निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर और पोत वर्गीकरण प्राधिकरण की सभी वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करता है और केरल अंतर्देशीय वेसल नियमों के अनुसार निरीक्षण तथा पंजीकरण मानदंडों का सख्ती से पालन करता है।

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