स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने 'लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान' (एससीडीपीएम 2.0) के तहत कार्य की प्रगति और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों की समीक्षा की
1100 से अधिक स्वच्छता अभियान सफलतापूर्वक चलाए गए, 21000 वर्ग फुट से अधिक जगह को उपयोग लायक बनाया गया
8416 जन शिकायतों और उनकी अपीलों का निपटारा, 21,695 फाइलों की समीक्षा, कबाड़ बेचकर 4 लाख रुपये से अधिक की आमदनी
Posted On:
01 NOV 2022 4:00PM by PIB Delhi
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग द्वारा आयोजित 'लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान 2.0 (एससीडीपीएम) और स्वच्छता अभियान' के तहत कार्य की प्रगति तथा सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों की समीक्षा की। विशेष अभियान 2.0 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार नियमित समीक्षा करते रहे हैं।
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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने 31 अक्टूबर 2022 को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के दौरान 'लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान 2.0 (एससीडीपीएम) और स्वच्छता अभियान' की प्रगति की समीक्षा की
अभियान का उद्देश्य लंबित मामलों को कम करना, स्वच्छता को संस्थागत बनाना, आंतरिक निगरानी तंत्र को मजबूत करना, रिकॉर्ड प्रबंधन में अधिकारियों को प्रशिक्षित करना, बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन के लिए फिजिकल रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करना और सभी मंत्रालयों / विभागों को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म: www.pgportal.gov.in/scdpm22 पर लाना था। एससीडीपीएम और स्वच्छता अभियान 1 अक्टूबर, 2022 को शुरू किया गया था और 2 अक्टूबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2022 तक लागू किया गया था। तीसरे पक्ष का मूल्यांकन 14-30 नवंबर, 2022 के बीच होगा, जिसके बाद 24 और 25 दिसम्बर, 2022 को सुशासन दिवस पर सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों की प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी। अभियान की मासिक प्रगति की समीक्षा प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव द्वारा की जा रही है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के तहत, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) के मुख्यालय और इससे जुड़े कार्यालयों (डीटीईजीएचएस और एनएचए), 128 अधीनस्थ कार्यालयों, 50 स्वायत्त निकायों और 1 केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम ने अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया। साथ ही, अभियान को एमओएचएफडब्ल्यू के क्षेत्र कार्यालयों तक बढ़ाया गया।
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एम्स, बीबीनगर, तेलंगाना में माननीय केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीमती (डॉ.) भारती प्रवीण पवार द्वारा आयुष हर्बल प्लांटेशन का उद्घाटन
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माननीय केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार स्वच्छता अभियान के कार्यान्वयन की जांच के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत निर्माण भवन में कार्यालय परिसर का दौरा करते हुए
अभियान अवधि के दौरान, 21600 फाइलों की समीक्षा की गई, 8416 जन शिकायतों और उनकी अपीलों का निपटारा किया गया, 1100 से अधिक स्वच्छता अभियान चलाए गए और लगभग 21000 वर्ग फुट खाली किया गया और 4,06,315 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (मुख्यालय), इसके संबद्ध, अधीनस्थ कार्यालयों और स्वायत्त निकायों में स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित कार्यों को कम करने के लिए जबरदस्त उत्साह देखा गया। इस वर्ष विशेष अभियान 2.0 को नागरिक केंद्रित स्वच्छता पहल के अलावा सुदूरवर्ती बाहरी कार्यालयों, संलग्न और अधीनस्थ कार्यालयों तथा स्वायत्त निकायों में भी लागू किया गया था। ।
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पहले बाद में
स्वच्छता तस्वीरें (वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली)
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पहले बाद में
स्वच्छता तस्वीरें (एम्स, पटना)
स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सभी विभागों के साथ-साथ क्षेत्र स्तर की इकाइयों और प्रतिष्ठानों द्वारा स्वच्छता अभियान को पूरी गंभीरता से लिया गया है। बाहरी स्वच्छता अभियान डीएचआर की 143 फील्ड इकाइयों/प्रतिष्ठानों में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए। डीएचआर और इसकी फील्ड इकाइयों की सक्रिय भागीदारी को दर्शाने वाले 28 ट्वीट और 27 री-ट्वीट्स को डीएचआर के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया था।
सभी आईसीएमआर संस्थानों में स्वच्छता अभियान 2.0 का आयोजन किया गया और उनके सोशल मीडिया हैंडल पर चित्र तथा वीडियो डाले गए। स्वच्छता के महत्व और अच्छे स्वास्थ्य; स्वास्थ्य साक्षरता से इसके जुड़ाव को समझाते हुए दिल्ली के स्कूलों में आईसीएमआर मुख्यालयों द्वारा स्कूल संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्वच्छ भारत अभियान के तहत आईसीएमआर-एनआईआरईएच (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन एनवायर्नमेंटल हेल्थ) में वाटिका की पहल की गई। आईसीएमआर-एनआईपी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पैथोलॉजी) में स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान, जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन पर व्याख्यान तथा पोस्टर / मॉडल प्रतियोगिता जैसी गतिविधियां आयोजित की गईं। आईसीएमआर-एनआईटीएम (राष्ट्रीय पारंपरिक चिकित्सा संस्थान) द्वारा "हाथ धोने" की तकनीक के प्रदर्शन के साथ सरकारी स्कूल में “जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन" पर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा स्वास्थ्य और स्वच्छता जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। संस्थान ने कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों, छात्रों के लिए "स्वच्छता ही सेवा" विषय पर ड्राइंग और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया।
देश भर में स्वच्छता कार्य प्रणालियों में अनेक नागरिक केंद्रित नवाचार अपनाए गए। रिकॉर्ड प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, सभी अभिलेखीय कक्षों और रिकॉर्ड कक्षों को कम्पेक्टर प्रदान किए जाते हैं, इस प्रकार फाइलों/दस्तावेजों को व्यवस्थित तरीके से रखा जाता है और सुरक्षित रहते हैं।
कई संस्थानों ने स्वच्छता को बढ़ाने और अपने परिसरों में स्वच्छ तथा हरा वातावरण प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम कार्य प्रणालियां अपनाई हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्यूबरकुलोसिस एंड रेस्पिरेटरी डिजीज (एनआईटीआरडी), नई दिल्ली ने वाटरजेन स्थापित किया है जो एक नवीन तकनीक है जो हवा में नमी को पीने योग्य पानी में परिवर्तित करती है। एम्स, बीबीनगर, तेलंगाना ने आयुष हर्बल प्लांटेशन किया। एआईआईपीएमआर, मुंबई ने अभियान के दौरान कचरे से सर्वश्रेष्ठ निकालने की कार्य प्रणालियों को अपनाया, जिसमें रसोई के कचरे को एकत्र किया जाता है और सड़ाने के बाद पौधे लगाने के लिए मिट्टी के रूप में उपयोग किया जाता है। "स्वच्छता ही सेवा" के विचार से प्रेरित, एम्स, ऋषिकेश ने लक्ष्य क्षेत्र के रूप में कबाड़ सामग्री, जंग लगी बेंच, कोबवेब/बर्ड नेस्ट/दीवार पर सीपेज की पहचान की और अभियान के दौरान पहचाने गए क्षेत्र को साफ और कचरे से मुक्त किया गया। सुरक्षा गार्ड को संबंधित क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों के उपयोग को नियंत्रित करने/वाहन पार्किंग को प्रतिबंधित करने के लिए रखा गया है। एम्स, भुवनेश्वर ने संस्थान को प्लास्टिक मुक्त, तंबाकू मुक्त और पारा मुक्त बनाने की प्रक्रिया को अपनाया। आरएमएल अस्पताल में, कायाकल्प के दिशा-निर्देशों के तहत पहली बार सफाई गतिविधियों के लिए थ्री बकेट सिस्टम अपनाया गया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआईपीएचटीआर), मुंबई ने यलो फीवर टीकाकरण में आने वाले यात्रियों के लिए स्वच्छता पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। सेंट्रल ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी (सीडीटीएल), मुंबई ने जोनल एफडीए परिसर का सौंदर्यीकरण किया, जिसमें दोनों तरफ पेड़ों की कतार के साथ विशाल उद्यान है, जो छाया और सुंदरता प्रदान करते हैं।
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अखिल भारतीय भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास संस्थान (एआईआईपीएमआर), मुंबई
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एम्स, बीबीनगर (फोटो)
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एम्स, ऋषिकेश
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्पीरेटरी डिजीज (एनआईटीआरडी), नई दिल्ली
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एम्स, भुवनेश्वर
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एम्स, मंगलागिरी
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अभियान की तस्वीरें और डेटा अपलोड कर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री की देखरेख में तैयार एक समर्पित स्वच्छता पोर्टल (https://cd.nhp.gov.in) और डीएआरपीजी के पोर्टल (www.pgportal.gov.in/scdpm22) के माध्यम से निगरानी की जा रही है। ।
विशेष अभियान 2.0 के दौरान 02.10.2022-31.10.2022 तक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, इससे जुड़े अधीनस्थ कार्यालयों और स्वायत्त निकायों में निम्नलिखित प्रगति हासिल की गई:
(ए) स्वच्छता अभियान साइट-1107 (बी) रिकॉर्ड प्रबंधन: फाइलों की समीक्षा की गई (फिजिकल फाइलें+ई-फाइलें)-21695 (सी) लोक शिकायतें + अपीलों का निपटारा- 8416 (डी) अर्जित आमदनी (रुपये में) – 406315 (ई) ) जगह खाली हुई (वर्ग फुट में) – 21073
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एमजी/एएम/केपी/वाईबी
(Release ID: 1872845)
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