पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर स्थल पर चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की


'हमने धोलावीरा और लोथल को फिर से उसी रूप में लाने का फैसला किया, जैसा वे प्राचीन काल में हुआ करते थे': प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

'एनएमएचसी स्थानीय लोगों को रोजगार के शानदार अवसर प्रदान करेगा और पूरे क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बदल देगा': केंद्रीय एमओपीएसडब्ल्यू मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल

एनएमएचसी को करीब 400 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा, जिसमें पीपीपी मोड पर चार मनोरंजन पार्क, होटल और रिजॉर्ट बनाए जाएंगे

राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर परियोजना पर कुल 3,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे

Posted On: 18 OCT 2022 7:08PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के लोथल में विकसित किए जा रहे राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) परियोजना की समीक्षा की। गुजरात सरकार के सहयोग से पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) इस परियोजना पर काम कर रहा है। मंत्रालय की सागरमाला योजना के तहत लोथल (गुजरात) के ऐतिहासिक सिंधु घाटी सभ्यता क्षेत्र में 3500 करोड़ की परियोजना पर कार्य प्रगति पर है।

प्रधानमंत्री ने एनएमएचसी के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और परियोजना की तेज रफ्तार पर प्रसन्नता जाहिर की। पड़ोस के गांवों और आसपास के क्षेत्रों से आए लोगों की विशाल सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का समृद्ध समुद्री इतिहास रहा है, जिसे लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा, 'हमें इसे संरक्षित करना चाहिए इसलिए हमने धोलावीरा और लोथल को उसी तरह विकसित करने का काम शुरू किया है, जिस तरह ये प्राचीन समय में अपने शीर्ष काल में थे।'

केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, 'एनएमएचसी 400 एकड़ के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा जिसमें कई अद्वितीय संरचनाएं होंगी जैसे राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय, लाइट हाउस म्यूजियम, विरासत थीम पार्क, संग्रहालय की थीम वाले होटल और समुद्री थीम वाले ईको-रिजॉर्ट, समुद्री संस्थान आदि। इसे चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। एक बार काम पूरा होने के बाद, यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के जबरदस्त अवसर प्रदान करेगी और पूरे क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बदल देगी।'

उन्होंने आगे कहा, 'भारत की समृद्ध और विविध समुद्री गौरव को प्रदर्शित करने के लिए, एनएमएचसी देश की समुद्री विरासत को समर्पित अपनी तरह की पहली परियोजना है। यह एक ही स्थान पर हमारे देश के गौरवशाली समुद्री इतिहास और जीवंत तटीय परंपरा को सामने रखेगी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की समुद्री विरासत की छवि को बढ़ाएगी।'

गुजरात के मुख्यमंत्री ने लोथल के ऐतिहासिक महत्व और गुजरात की समुद्री परंपराओं के महत्व पर जोर दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने इस परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए तकनीकी नवाचारों और वास्तविक जीवन के अनुभव पर जोर दिया, जो इस प्रस्तावित एनएमएचसी में आगंतुकों को मिलेगा।

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प्रधानमंत्री ने ड्रोन की मदद से परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय एमओपीएसडब्ल्यू मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया, एमओपीएसडब्ल्यू राज्य मंत्री श्री श्रीपद नायक, संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान, गुजरात के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, जल संसाधन और जल आपूर्ति मंत्री श्री रुशिकेश पटेल, धोलका विधायक श्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा के अलावा एमओपीएसडब्ल्यू सचिव डॉ. संजीव रंजन और केंद्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए, एनएमएचसी एक विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है जो देश में अपनी तरह का इकलौता होगा। इसमें समुद्री संग्रहालय, लाइट हाउस संग्रहालय, समुद्री थीम पार्क और मनोरंजन पार्क आदि होंगे। भारत की समृद्ध समुद्री विरासत के बारे में लोगों को बताने के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। शिक्षाप्रद और रोचक जानकारियां उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण के तहत यहां प्राचीन से आधुनिक काल तक देश की समुद्री विरासत की झलक देखने को मिलेगी।

लोथल भारत के महत्वपूर्ण पश्चिमी राज्य गुजरात में 2400 ईसा पूर्व पहले हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख नगरों में से एक था। पुरातात्विक खुदाई में पता चला है कि 5000 साल से भी अधिक समय पहले लोथल में मानव निर्मित डॉकयार्ड (जहाज निर्माण वाली जगह) था। ऐसी महत्वपूर्ण जगह पर समुद्री विरासत परिसर लोथल के ऐतिहासिक महत्व के अनुरूप होगा और इसे असाधारण और अद्वितीय समुद्री विरासत वाला क्षेत्र बनने में मदद करेगा।

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राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कलाकृतियों/समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एनएमएचसी में भारत के प्रत्येक तटीय राज्य और केंद्रशासित प्रदेश (यूटी) के लिए एक पवेलियन बनाने का प्रस्ताव है। प्रत्येक तटीय राज्य और यूटी अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान के साथ ही मूर्त एवं अमूर्त विरासत को पेश कर सकते हैं और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करेगा।

एनएमएचसी की अनूठी विशेषता प्राचीन लोथल शहर को पुनर्जीवित किया जाना है, जो 2400 ईसा पूर्व प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख नगरों में से एक था। इसके अलावा, अलग-अलग दौर में भारत के समुद्री विरासत के क्रमिक विकास को विभिन्न गैलरी के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। एनएमएचसी में प्रत्येक तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए अपने-अपने राज्यों और यूटी की कलाकृतियों/समुद्री विरासत को दिखाने के लिए पवेलियन (मंडप) होगा।

आगंतुकों के लिए निम्नलिखित प्रकार के डिजिटल अनुभव भी प्रदान करने की योजना है:

1. समुद्री विरासत के व्यापक अनुभव को महसूस करने के लिए वर्चुअल रियल्टी का इस्तेमाल

2. ध्वनि और प्रकाश शो

3. टच स्क्रीन कियॉस्क

4. समुद्री इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाओं पर लघु फिल्में।

एनएमएचसी में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से समुद्री और नौसेना थीम पार्क, स्मारक पार्क, जलवायु परिवर्तन थीम पार्क, साहसिक और मनोरंजन थीम पार्क आदि विकसित किए जाएंगे, जो आगंतुकों के लिए एक संपूर्ण पैकेज और शानदार अनुभव प्रदान करेंगे। यह इस क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के ढेर सारे अवसरों के साथ ही निजी निवेश के लिए भी अवसर प्रदान करता है।

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प्रधानमंत्री ने हाल में अपनी भावनगर यात्रा के दौरान लोथल के महत्व और देश के लिए प्रस्तावित एनएमएचसी परियोजना का जिक्र किया था, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रोजेक्ट की तरह ही गुजरात की अपनी अलग पहचान बनेगी।

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