वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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श्री पीयूष गोयल ने आईपी पेशेवरों को अपने काम में संवेदनशील होने के लिए कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योग्य आवेदकों को पेटेंट संरक्षण से वंचित न किया जाए


हमें अपने आईपी पारितंत्र में उच्च स्तर की पारदर्शिता, ईमानदारी, दक्षता और गति लानी चाहिए: श्री पीयूष गोयल

आईपी ​​​​कार्यवाहियों में स्थगन के बार-बार अनुरोध को हतोत्साहित करने के लिए नियमों में संशोधन पर विचार कर रहा केंद्र: श्री पीयूष गोयल

वाणिज्य मंत्री ने राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार (आईपी) पुरस्कार 2021 और 22 प्रदान किए

Posted On: 15 OCT 2022 6:34PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने आईपी पेशेवरों को अपने काम में संवेदनशीलता पैदा करने के लिए कहा ताकि बौद्धिक संपदा पारितंत्र उन लोगों को पेटेंट से इनकार करके उनके अच्छे काम को बाधित न करे जिन्होंने अपने नवाचार पर कड़ी मेहनत की है और वास्तव में पेटेंट संरक्षण के पात्र हैं।

वह आज नई दिल्ली में 'ज्ञान अर्थव्यवस्था के विकास को उत्प्रेरित करने के लिए आईपी पारितंत्र को मजबूत करना' विषय पर राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सम्मेलन 2022 के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।


श्री गोयल ने कहा कि नवाचार वह एक परिभाषित विशेषता है जिसने हमेशा मानव जाति को आगे बढ़ाया है और वह महत्वपूर्ण कारक है जो देश के भाग्य का निर्धारण करेगा। उन्होंने कहा कि नवाचार ही हमें समय से आगे रहने में मदद करेगा।

 

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मंत्री ने कहा कि नवोन्मेष और कुछ नहीं बल्कि जीवन की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं का सरल समाधान खोजना है। उन्होंने कहा कि नवाचार चीजों को बेहतर, स्मार्ट, तेज, अधिक कुशल, किफायती और स्थायी बना रहा है। इस संदर्भ में, उन्होंने राष्ट्र के अन्वेषकों से साइकिल रिक्शा को चलाने के लिए कम लागत, उच्च दक्षता वाली तकनीकों को खोजने के लिए और इस प्रकार इन रिक्शा के माध्यम से अपना जीवन यापन करने वालों के आय बढ़ाने और उनके जीवन को आसान बनाने का आह्वान किया।

मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत में बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में नंबर एक बनने की क्षमता है। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में वास्तव में खुद को फिर से उन्मुख करने के लिए पेटेंट कार्यालय की सराहना की लेकिन कहा कि और सुधारों की आवश्यकता है।

श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि पेटेंट पारितंत्र की बाह्य प्रणाली पर काम करने वाले, होनहार आवेदकों को कागजी कार्रवाई में मदद करने वाले बिचौलियों को सक्रिय रूप से हतोत्साहित किया जाना चाहिए। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवेदकों और हितधारकों के साथ पेटेंट कार्यालयों की दैनिक, खुली बातचीत के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इन रिकॉर्ड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को शिकायतों को चिह्नित करने और सुधार के लिए सुझाव एकत्र करने के लिए मंच के रूप में काम करना चाहिए।

 

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श्री गोयल ने इस बात पर भी जोर दिया कि आवेदकों को कार्यालयों में आने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवेदन, फाइलिंग और पेटेंट प्रदान करने से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही कानून को संशोधित करने की प्रक्रिया में है और उन्होंने हितधारकों से सुझाव भेजने के लिए कहा, जिस पर उन्होंने कहा, ध्यान से विचार किया जाएगा और निष्पक्ष मूल्यांकन किया जाएगा।

श्री पीयूष गोयल ने पेटेंट कार्यालयों और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने का आह्वान किया और कहा कि हमें समय पर पेटेंट और ट्रेडमार्क प्रदान करने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने आग्रह किया कि प्रौद्योगिकी का यथासंभव सर्वोत्तम उपयोग किया जाए और सभी फाइलों के पूर्ण डिजिटलीकरण और स्मार्ट आईपी कार्यालयों के निर्माण का आह्वान किया।

मंत्री ने कहा कि सरकार नियंत्रकों की संख्या का विस्तार करने की कोशिश कर रही है और पूर्व नियंत्रकों और सेवानिवृत्त विशेषज्ञों से कुछ वर्षों के लिए स्वेच्छा से काम करने की अपील की है ताकि बैकलॉग और पुराने लंबित मामले को खत्म करने में मदद मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए नियमों को बदलने पर विचार कर रही है कि स्थगन के लिए बार-बार अनुरोध को हतोत्साहित किया जाए। उन्होंने रेखांकित किया कि हमें अपने आईपी पारिस्थितिकी तंत्र में उच्च स्तर की पारदर्शिता, ईमानदारी, दक्षता और गति लानी होगी।

 

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मंत्री ने बताया कि वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में, भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है , 2015 में 81वें रैंक से 2022 में 40वें रैंक पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भारत अब जीआईआई में शीर्ष 10 देशों में शामिल होने की इच्छा रखता है और विश्वास व्यक्त किया कि सरकार, शिक्षा, उद्योग, कानूनी बिरादरी और प्रौद्योगिकी पारितंत्र के सामूहिक प्रयास हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेंगे।


मंत्री ने बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए विजेताओं को राष्ट्रीय आईपी पुरस्कार 2021 और 2022 भी प्रदान किए। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और उन्हें अपना पथ-प्रदर्शक कार्य जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।


उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव, जो समापन समारोह में उपस्थित थे, ने कार्यशाला में चर्चा में योगदान देने वाले सभी 800 प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने श्री एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी 91वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की, उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने देश के युवाओं को बहुत प्रेरित किया।


सचिव ने कहा कि ज्ञान, नवाचार और स्थिरता अर्थव्यवस्था के भविष्य के चालक होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले 7 वर्षों में पेटेंट दाखिल करने में 5 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि ट्रेडमार्क दाखिल करने में भी चार गुना सुधार हुआ है। श्री जैन ने बौद्धिक संपदा पारितंत्र से आईपी अधिकारों के अनुदान में देरी को कम करने का भी आग्रह किया।


पेटेंट डिजाइन और ट्रेड मार्क महानियंत्रक प्रो. (डॉ.) उन्नत पी. ​​पंडित, क्षमता निर्माण आयोग के सचिव और इसके बोर्ड सदस्य श्री हेमंग जानी, कर्मयोगी भारत, डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव सुश्री श्रुति सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।



एमजी/एएम/केसीवी
 


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