कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

स्किल इंडिया कार्यक्रम ने जनजातीय समुदायों में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण उद्यमी परियोजना के तहत प्रशिक्षित उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र प्रदान किये


समारोह में कुल 165 छात्रों को सम्मानित किया गया

इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य भारत के जनजातीय समुदायों को इलेक्ट्रीशियन और सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने वाले तकनीशियन जैसी नौकरी की भूमिकाओं में प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें सशक्त बनाना है

Posted On: 13 OCT 2022 6:47PM by PIB Delhi

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने भारत के जनजातीय समुदायों में आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने और उन्हें मुख्यधारा में आगे लेकर आने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम ग्रामीण उद्यमी परियोजना के दूसरे चरण के तहत 165 छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। इस कार्यक्रम में छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत के लिए सम्मानित किया गया और प्रमाण पत्र सौंपे गए। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्राथमिक कार्यबल में जनजातीय समुदायों की भागीदारी पर विशेष बल दिया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जनजातीय समुदायों को उनके संबंधित भौगोलिक क्षेत्रों में ही उनका समग्र विकास सुनिश्चित करने हेतु और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयास किये जा रहे हैं।

यह कार्यक्रम सेवा भारती और युवा विकास समिति की साझेदारी में आयोजित किया गया। झारखंड के राज्यपाल श्री रमेश बैस; कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर; कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी; एनएसडीसी के मुख्य परिचालन अधिकारी श्री वेद मणि तिवारी; राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री हर्ष चौहान; सांसद और अनुसूचित जनजातीय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री समीर उरावन आदि इस कार्यक्रम में शामिल हुए। आदिवासी छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस अवसर पर एनएसडीसी डिजिटल के माध्यम से पंजीकरण का लिंक http://grameenudhyami.org/ भी लॉन्च किया गया।

जनजातीय समुदायों के समावेशी तथा सतत विकास के लिए कौशल प्रशिक्षण बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण उद्यमी परियोजना शुरू की गई थी। इस पहल के तहत, लाभार्थियों को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कुशल और बहु-कुशल बनाया गया। यह कार्यक्रम स्थानीय एवं ग्रामीण दोनों प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं में रोजगार के अवसर प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। यह परियोजना छह राज्यों- महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और गुजरात में चलाई की जा रही है। इस पहल की अवधारणा को माननीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई), एसडीई और आदिवासी सांसदों द्वारा प्रारंभ किया गया था। प्रशिक्षुओं को इलेक्ट्रीशियन और सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने वाले तकनीशियन, दो पहिया वाहन की मरम्मत और रखरखाव यांत्रिकी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी/ आईटीईएस जैसे ई-गवर्नेंस कर्मचारियों तथा ऑर्गेनिक कृषि एवं मशरूम उत्पादक जैसी तमाम भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल श्री रमेश बैस ने कहा कि स्किल इंडिया मिशन को बढ़ावा देने के लिए जनजातीय युवाओं के बीच कौशल विकास तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रांची में ग्रामीण उद्यमी परियोजना शुरू की गई है। उन्होंने इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित 165 उम्मीदवारों को बधाई दी। श्री रमेश बैस ने देश के जनजातीय युवाओं को बहु-कौशल प्रदान करने के लिए सेवा भारती और युवा विकास समिति के साथ साझेदारी करने हेतु एनएसडीसी की सराहना की। ग्राम संसदीय संकुल परियोजना का लक्ष्य आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ई-हेल्थ कार्ड के साथ 77,000 युवाओं तथा उनके परिवारों को लाभ पहुंचाना है। राज्यपाल ने कहा कि इस संदर्भ में गांधी जी ने युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने पर जोर दिया था ताकि वे स्वावलंबी बनें और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता करें।

श्री राजीव चंद्रशेखर ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कौशल प्राप्ति ही समृद्धि का पासपोर्ट है और इसका उद्देश्य स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना तथा परदेस में प्रवास को सीमित करना है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री पहले ही बार-बार कौशल एवं बहु-कौशल के महत्व को दोहरा चुके हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि इस तरह की परियोजनाओं से जनजातीय समुदाय को अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलेगी और स्वयं के साथ-साथ दूसरों के लिए आजीविका उपलब्ध कराने के अधिक अवसर पैदा होंगे। भारत सरकार ने दो करोड़ से अधिक युवाओं को कौशल से संपन्न बनाया है और बहुत से लोगों को स्वरोजगार का अवसर दिया गया है। राज्यमंत्री ने कहा कि हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि कौशल ही गांवों को 'आत्मनिर्भर' बनाने का एकमात्र रास्ता है और यह एक उज्ज्वल तथा समावेशी भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।

एनएसडीसी के मुख्य परिचालन अधिकारी वेद मणि तिवारी ने प्रशिक्षुओं को बधाई देते हुए कहा कि ग्रामीण उद्यमी परियोजना जनजातीय समुदाय के बहु-कौशल और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए उनमें उद्यमशीलता कौशल उत्पन्न करने में एक अभूतपूर्व कार्य कर रही है।

प्रशिक्षण के पहले चरण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से उम्मीदवारों को जुटाया गया और उनके परिवहन, भोजन तथा रहने की व्यवस्था की गई ताकि वे सीखने के अवसर से चूकें। मध्य प्रदेश के भोपाल में मई 2022 में सात बैचों में 157 उम्मीदवारों का प्रशिक्षण शुरू हुआ और लगभग 133 उम्मीदवारों ने 27 जून, 2022 को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा किया। प्रायोगिक परियोजना का चरण- II अगस्त में रांची में शुरू किया गया था और सेवा भारती केंद्र के माध्यम से युवा विकास समिति द्वारा इसे कार्यान्वित किया जा रहा है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तत्वावधान में एनएसडीसी ने सेवा भारती केंद्र कौशल विकास केंद्र में सेक्टर कौशल परिषदों (एसएससी) के माध्यम से प्रयोगशालाओं और कक्षाओं की स्थापना में सहायता की है।

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