विद्युत मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

एनटीपीसी और जीई गैस पावर ने बिजली उत्‍पादन के दौरान कार्बन गैसों के उत्‍सर्जन में कमी लाने हेतु गैस टर्बाइनों में हाइड्रोजन को-फायरिंग के निष्‍पादन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए

Posted On: 06 OCT 2022 6:47PM by PIB Delhi

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001GTMU.jpg

 

भारत में बिजली उत्‍पादन के दौरान कार्बन गैसों के उत्‍सर्जन में कमी लाने के लिए उन्‍नत विद्युत प्रौद्योगिकी अपनाने हेतु देश की सबसे विशाल बिजली उत्‍पादन इकाई एनटीपीसी लिमिटेड और जीई गैस पावर ने आज गुजरात में एनटीपीसी के कवास कम्‍बाइंड- साइकिल गैस पावर प्‍लांट में स्‍थापित जीई के 9ई गैस टर्बाइनों में प्राकृतिक गैस के साथ मिश्रित हाइड्रोजन (एच 2) की को-फायरिंग के निष्‍पादन की व्‍यवहार्यता के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। इस महत्‍वपूर्ण सहयोग के अंतर्गत दोनों कंपनियां संयुक्‍त रूप से कवास गैस बिजली घर से कार्बन डाइऑक्‍साइड के उत्‍सर्जन में कमी लाने तथा भारत में एनटीपीसी की स्‍थापित इकाइयों में इसे बड़े पैमाने पर लागू करने की राह तलाशेंगी।

एनटीपीसी का कावास गैस बिजली घर चार जीई 9ई गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है, जो एक कम्‍बाइंड- साइकिल मोड में काम कर रहे हैं और इसकी स्थापित क्षमता 645 मेगावाट (मेगावाट) है। इसके अलावा, जीई का उन्नत ई-क्लास गैस टर्बाइन पोर्टफोलियो वर्तमान में प्राकृतिक गैस के साथ मिश्रित होने पर 100% हाइड्रोजन सामग्री को जलाने में सक्षम है। इस क्षमता में उपयोग में लाई जाने वाली दहन प्रणाली के प्रकार के आधार पर भिन्नता होती है। 5% से अधिक मात्रा वाले हाइड्रोजन ईंधन के लिए, गैस टर्बाइन सहायक उपकरणों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए और कम्‍बस्‍टर्स को टिकाऊ ईंधन उपलब्‍ध कराने के लिए उनमें संभावित परिवर्तन करने चाहिए।

 भारत में एनटीपीसी के साथ अपनी तरह के इस पहले एमओयू के अंतर्गत जीई गैस पावर द्वारा प्राकृतिक गैस के साथ एच 2 के सम्मिश्रण के लिए, गैस टर्बाइन इकाइयों और सहायक उपकरणों में संभावित परिवर्तनों की आवश्‍यकता का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद, व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर कवास गैस पावर प्लांट में सुरक्षित वातावरण में 5% हाइड्रोजन को-फायरिंग के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जा सकता है। एनटीपीसी परियोजना के लिए आवश्यक एच 2 उपलब्‍ध कराएगा।

एनटीपीसी लिमिटेड के निदेशक (परियोजना) उज्ज्वल कांति भट्टाचार्य के अनुसार, “बिजली उत्पादन सुविधाओं के एक विशाल बेड़े सहित समूचे भारत में 70 गीगावॉट से अधिक बिजली प्रदान करने वाला एनटीपीसी हाइड्रोजन से संबंधित नई पहलों को संचालित करने की दिशा में अग्रणी रहा है। जैसे कि भारत नेट-जीरो टार्गेट और जलवायु संबंधी लक्ष्‍यों को हासिल करने की दिशा में अग्रसर हो रहा है, एनटीपीसी भारत की ऊर्जा संक्रमण यात्रा में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, किफायती, सुगम और टिकाऊ बिजली का उत्‍पादन करने की दिशा में प्रमाणित प्रौद्योगिकी में निवेश करना और उसे दक्षतापूर्वक उपयोग में लाना महत्‍वपूर्ण है। यह समझौता ज्ञापन राष्‍ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के उद्देश्‍यों को पूरा करने की दिशा में हमारे द्वारा उठाए जा रहे कदमों में से एक है। जिस तरह जीई के साथ हमारा सहयोग प्रगाढ़ होता जा रहा है, हम उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और ईंधन की उपलब्धता व्यवहार्य होने के कारण एच 2 जैसे जीरो-कार्बन ईंधन के उच्च प्रतिशत के साथ अपनी गैस पावर परिसंपत्तियों का लाभ उठाने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

जीई गैस पावर साउथ एशिया के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी दीपेश नंदा ने कहा, “विकास और औद्योगिक प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता की विभिन्‍न अवस्‍थाओं पर मौजूद उभरती प्रौद्योगिकियों की बदौलत भारत का बिजली परिदृश्‍य मजबूत हुआ है। हाइड्रोजन में बड़े पैमाने पर बिजली उत्‍पादन के लिए अन्‍य लो-टू-जीरो कार्बन ईंधनों के साथ पूरक की भूमिका निभाने का महत्‍वपूर्ण सामर्थ्‍य मौजूद है। हम एनटीपीसी के नेतृत्‍व, प्रतिबद्धता और हाइड्रोजन में निवेश की सराहना करते हैं, जो आगे बढ़ने और ऊर्जा आत्‍मनिर्भरता हासिल करने की संभावनाएं तलाशने के संदर्भ में कम लागत वाले हाइड्रोजन उद्योग के नए औद्योगिक मानकों का निर्धारण कर सकती है। 

***

एमजी/एएम/आरके


(Release ID: 1865717) Visitor Counter : 531


Read this release in: English , Urdu , Marathi , Punjabi