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घरेलू आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार उपलब्ध: केन्‍द्र


गेहूं, आटा और चावल की कीमतें नियंत्रण में

Posted On: 02 OCT 2022 1:22PM by PIB Delhi

गेहूं और चावल की खुदरा और थोक कीमतों में कमी दर्ज की गई और पिछले सप्ताह के दौरान गेहूं के आटे की कीमतें स्थिर रहीं।

पिछले दो वर्षों में गेहूं और चावल की कीमतें प्रासंगिक वर्षों के दौरान एमएसपी वृद्धि के अनुरूप कमोबेश बढ़ी हैं। 2021-22 वर्ष के दौरान कीमतें तुलनात्मक रूप से कम थीं क्योंकि कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ओएमएसएस के माध्यम से लगभग 80 एलएमटी खाद्यान्न को खुले बाजार में उतार दिया गया था।

भारत सरकार नियमित रूप से गेहूं और चावल सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमत परिदृश्य की निगरानी कर रही है और जहां भी आवश्यक हो, सुधारात्मक उपाय कर रही है।

अभूतपूर्व भू-राजनीतिक स्थिति के कारण, खरीदारी थोड़ी कम रही, इसलिए भारत सरकार ने अब तक ओएमएसएस के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप नहीं किया था। हालांकि, भारत सरकार कीमतों के परिदृश्य से अच्छी तरह अवगत है और साप्ताहिक आधार पर नियमित रूप से इसकी निगरानी कर रही है। सरकार ने मूल्य वृद्धि से बचने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं और गेहूं के मामले में 13.05.2022 से और चावल के मामले में 08.05.2022 से निर्यात नियम लागू किए गए थे। इसके बाद गेहूं और चावल की कीमतों पर तत्काल नियंत्रण कर लिया गया।

 कीमतों को नियंत्रित करने और समाज के निर्बल वर्गों को किसी भी कठिनाई से बचने के लिए, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को अक्टूबर 2022 से दिसम्‍बर 2022 तक और तीन महीने (चरण VII) के लिए बढ़ा दिया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि देश के निर्धनों और जरूरतमंदों को आगामी त्योहारों के मौसम में किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े और उन्हें बाजार की प्रतिकूल ताकतों से बचाया जा सके।

भारत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), अन्य कल्याणकारी योजनाओं और पीएमजीकेएवाई की अतिरिक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक केन्‍द्रीय पूल में उपलब्ध रहे और कीमतें नियंत्रण में रहें।

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एमजी/एएम/एसकेजे/वीके




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